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सीपी बोले, हर शख्स की सुरक्षा के लिए प्रयत्नशील है कोलकाता पुलिस

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बदलते जमाने के साथ लोगों को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर पुलिस के सामने आनेवालीं चुनौतियां भी काफी अहम होती जा रही हैं.

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संवाददाता, कोलकाता

बदलते जमाने के साथ लोगों को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर पुलिस के सामने आनेवालीं चुनौतियां भी काफी अहम होती जा रही हैं. ऐसे में आम लोगों से मिलने वाले सहयोग से ही लगातार छह वर्षों से पूरे देश में सबसे सुरक्षित शहर कहलाने का गौरव कोलकाता पुलिस को मिल रहा है. लोगों की तरफ से ऐसे ही सहयोग मिलता रहे, तो हम आम जनता को आश्वस्त करते हैं कि आगे भी हम सबसे सुरक्षित शहर कहलाने का गौरव हासिल करते रहेंगे.

क्रिसमस फेस्टिवल को लेकर गुरुवार को पार्क स्ट्रीट के एलेन पार्क में प्रणाम के सदस्यों व नवदिशा के बच्चों को लेकर आयोजित इस कार्यक्रम में कोलकाता पुलिस के कमिश्नर मनोज वर्मा ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि किसी भी त्योहार का उत्साह के साथ पालन करना शांति, समृद्धि व खुशहाली का प्रतीक माना जाता है. कोलकाता पुलिस फोर्स में 30 हजार पुलिसकर्मी लगातार लोगों को बेहतर सेवा देने व सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रयत्नशील हैं.

श्री वर्मा ने कहा कि लगातार छह वर्षों से पूरे देश में कोलकाता को सबसे सुरक्षित शहर कहा जाता रहा है. यह संभव सिर्फ इसलिए हो पाया, क्योंकि आम जनता से हर कदम पर हर तरह से पुलिस को सहयोग मिलता रहा है. उन्होंने कहा कि महानगर में लगातार जनसंख्या बढ़ रही है. इसकी तुलना में सुरक्षा प्रदान करने के लिए सिर्फ 30 हजार पुलिस फोर्स पर्याप्त नहीं है. ऐसी स्थिति में आम लोगों के सहयोग से ही पुलिस सभी को सुरक्षा प्रदान करती आ रही है.

महानगर में सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जाने के मामले में श्री वर्मा ने कहा : वर्ष 2007-08 में जब मैं कोलकाता पुलिस का डीसी ट्रैफिक था, तब प्रत्येक वर्ष सड़क हादसों में औसतन 400 लोगों की जान जाती थी. अब सड़कों पर लोगों के साथ वाहनों की संख्या में भी भारी वृद्धि हुई है. लेकिन सड़कों की संख्या सीमित है. इसके बावजूद सड़क हादसों में मौत होने का आंकड़ा 400 से घट कर 200 पर आ गया है. इसे और कम करने का प्रयास जारी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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