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Kolkata Doctor Murder : सुप्रीम कोर्ट में आज 200 से अधिक अधिवक्ताओं के बीच होगा कानूनी दंगल

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Kolkata Doctor Murder : पश्चिम बंगाल सहित देश के 55 संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ को पत्र लिख कर मामले की त्वरित सुनवाई की मांग की है.

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Kolkata Doctor Murder : एक मामले की सुनवाई में 200 से अधिक अधिवक्ता आपस में कानूनी दंगल करेंगे. यह कोई आम मामला नहीं है, बल्कि पूरे देश में इसके खिलाफ प्रदर्शन जारी है. जी हां, हम बात कर रहे हैं, आरजी कर हॉस्पिटल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले की. शीर्ष अदालत में आरजी कर मामले की सुनवाई में अधिवक्ताओं की संख्या बढ़ गयी है. मामले की शुरुआत में यह संख्या 100 से नीचे थी, लेकिन अब यह दोगुनी से भी ज्यादा हो गयी है. दूसरी ओर, इस मामले में राज्य सरकार के वकीलों की संख्या कम हो गयी है, जहां पहली सुनवाई में 24 वकील थे, वहीं अब राज्य सरकार के वकीलों की संख्या 21 हो गयी है.

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राज्य सरकार के वकीलों की संख्या घट कर हुई 21

आरजी कर मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट में पांच जनहित याचिकाएं दायर की गयी थीं. इसके बाद पीड़ित परिवार ने भी हाइकोर्ट में याचिका दायर की. इसी बीच, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत:संज्ञान लिया और 20 अगस्त को देश के प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच में पहली सुनवाई हुई थी. इसके अलावा पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं. शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार, पहली सुनवाई में 90 वकील उपस्थित हुए थे, जिसमें राज्य सरकार की ओर से 24 वकील थे.

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अधिवक्ताओं की संख्या और भी बढ़ने की संभावना

बाद में 22 अगस्त की सुनवाई में राज्य की ओर से 21 वकील मौजूद थे और उस दिन वकीलों की कुल संख्या 127 थी. अगली सुनवाई यानी पिछले नौ सितंबर को वकीलों की संख्या करीब 100 बढ़ गयी. उस दिन आरजी कर मामले में वकीलों की कुल संख्या 210 थी. इस मामले में राज्य, केंद्र के अलावा 34 पार्टियों ने हिस्सा लिया, जबकि पहली सुनवाई में मामले में 12 पक्ष थे. अब बताया जा रहा है कि मंगलवार को मामले की सुनवाई में अधिवक्ताओं की संख्या और भी बढ़ने की संभावना है.

किसकी ओर से कौन कर रहा पैरवी

उल्लेखनीय है कि कई डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया है और उनके पक्ष में करीब 10 वकील पैरवी कर रहे हैं. पीड़ित परिवार की ओर से वकील विकास रंजन भट्टाचार्य, कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं. उनके साथ शमीम अहमद, सुदीप्त दासगुप्ता समेत 10 वकील हैं. राज्य के विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरजी कर को लेकर हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सात वकील नियुक्त किये हैं. वकीलों का नेतृत्व भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज कर रही हैं. जनहित याचिकाकर्ता विजय कुमार सिंघल की ओर से अधिवक्ता फिरोज एडुल्जी पैरवी कर रहे हैं. पिछली सुनवाई में उन्होंने पुलिस जांच पर कई सवाल उठाये थे. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में उनकी ओर से आठ वकील हैं. वकील महेश जेठमलानी ने भाजपा नेता श्रीरूपा मित्रा चौधरी की ओर से अपना पक्ष रखा. इसके अलावा उनकी ओर से छह और वकील हैं. घटना में न्याय की मांग करते हुए पीड़िता की चाची भी इस मामले में शामिल हो गयी हैं. उनका प्रतिनिधित्व वकील फिरदौस शमीम और गोपा विश्वास ने किया था. इसके साथ ही कई संगठनों ने डॉक्टरों, नर्सों और मरीजों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मामले दायर किये हैं. उनकी ओर से लगभग 100 वकील मामले की पैरवी कर रहे हैं.

55 संगठनों ने प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिख कर मामले की त्वरित सुनवाई की मांग की

इसी बीच, पश्चिम बंगाल सहित देश के 55 संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ को पत्र लिख कर मामले की त्वरित सुनवाई की मांग की है. लगभग 55 संगठनों और नागरिक समाज के एक हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने मुख्य न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ को एक खुला पत्र सौंपा है. इस खुला पत्र का मुख्य विषय महिला सुरक्षा है. महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए आरजी कर अस्पताल कांड को उजागर किया गया है. संगठनों ने प्रधान न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि आरजी कर मामले के मुख्य आरोपियों को शीघ्र दोषी करार देकर सजा दी जाये. इन 55 संगठनों में नारीवादी संगठन, छात्रों, नागरिक समाज से संबंधित संगठन शामिल हैं.

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