19.1 C
Ranchi
Friday, February 14, 2025 | 08:17 pm
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

छह हफ्ते में नौकरी के मामले में निर्णय लेने का दिया निर्देश

Advertisement

फाइनल लिस्ट में नाम होने पर भी नहीं मिली थी नौकरी, हाइकोर्ट नाराज

Audio Book

ऑडियो सुनें

कोलकाता. राज्य में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है. आरोप है कि मेरिट पैनल की फाइनल लिस्ट में नाम होने के बावजूद शिवराम सिन्हा सहित आठ अभ्यर्थियों को नौकरी नहीं मिली. इसे लेकर अभ्यर्थियों ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट की न्यायाधीश राई चट्टोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को अभ्यर्थियों के आवेदन पर छह सप्ताह के अंदर निर्णय लेने का आदेश दिया है. न्यायाधीश ने अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि छह सप्ताह के अंदर बोर्ड को इस मामले में कदम उठाना होगा. क्या है मामला : जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 में पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने एसएलएसटी के 465 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. इन पदों पर नियुक्ति के लिए 2021 के जनवरी व फरवरी महीने में लिखित व अन्य परीक्षाएं आयोजित की गयी थीं. बताया गया है कि कक्षा नौ व 10 में संताली मीडियम में वर्क एजुकेशन में शिक्षकों के 19 पद खाली थे. याचिकाकर्ता शिवराम सिन्हा सहित आठ अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि मेरिट पैनल की फाइनल सूची में उनके नाम थे. इसके बावजूद उन लोगों को नौकरी नहीं मिली. उनका कहना है कि नियुक्ति पत्र नहीं मिलने पर उन लोगों ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के समक्ष आवेदन किया था. लेकिन बोर्ड ने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद ही अभ्यर्थियाें ने हाइकोर्ट का रुख किया था. अभ्यर्थियों के अधिवक्ता आशीष कुमार चौधरी ने बताया कि 19 पद रिक्त थे और राज्य सरकार द्वारा प्रकाशित फाइनल सूची में इन याचिकाकर्ताओं का भी नाम था. लेकिन इन्हें नौकरी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट ने बोर्ड को छह सप्ताह के अंदर इस संबंध में कदम उठाने का आदेश दिया है. न्यायाधीश ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर आदेश का पालन नहीं किया गया, तो अदालत सख्त कार्रवाई करेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें