सरकारी नौकरी के लिए छह माह में हो दस्तावेजों की जांच
शीर्ष अदालत ने सेवानिवृत्ति की तारीख से दो महीने पहले एक कर्मी की बर्खास्तगी को खारिज करते हुए यह निर्देश दिया.
एजेंसियां, कोलकाता/नयी दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सरकारी नौकरियों के लिए चुने गए उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न दस्तावेजों की जांच और सत्यापन उनकी नियुक्ति की तारीख के छह महीने के भीतर करें. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि के सत्यापन के बाद ही सरकारी पदों पर नियुक्तियों को नियमित किया जाना चाहिए.
शीर्ष अदालत ने सेवानिवृत्ति की तारीख से दो महीने पहले एक कर्मी की बर्खास्तगी को खारिज करते हुए यह निर्देश दिया. याचिकाकर्ता छह मार्च, 1985 को लोक सेवा में शामिल हुआ, लेकिन पुलिस द्वारा सत्यापन रिपोर्ट विभाग को सेवानिवृत्ति की तारीख से केवल दो महीने पहले सात जुलाई, 2010 को इस आधार पर दी गयी कि वह देश का नागरिक नहीं है. शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों के पुलिस अधिकारियों को सरकारी सेवा में नियुक्ति के लिए चुने गए उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच नियुक्ति की तारीख से छह महीने से पहले करने का निर्देश दिया.
पीठ ने आगे कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि के सत्यापन के बाद ही उनकी नियुक्तियों को नियमित किया जाना चाहिए ताकि आगे की जटिलताओं से बचा जा सके, जैसा कि इस मामले में है. सुप्रीम कोर्ट, कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली बासुदेव दत्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण द्वारा पारित निर्देश को खारिज कर दिया था.
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