कोलकाता. केंद्र सरकार के वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के खिलाफ राज्य विधानसभा में लाया गया प्रस्ताव मंगलवार को दूसरे दिन चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. इसी के साथ पश्चिम बंगाल पहला राज्य है, जहां विधानसभा से वक्फ विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने सोमवार को राज्य सरकार की तरफ से यह प्रस्ताव पेश किया था. प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने वक्फ विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए भाजपा नीत केंद्र सरकार पर इसके बहाने एक धर्म विशेष (मुस्लिमों) को निशाना बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि इस विधेयक का उद्देश्य उनकी संपत्ति जब्त करना है. उन्होंने केंद्र से इस विधेयक को वापस लेने की मांग की. दूसरी ओर, विरोधी दल भाजपा के विधायकों ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया. चर्चा में हिस्सा लेते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट आने से पहले इसके विरोध में राज्य विधानसभा में प्रस्ताव लाने के औचित्य पर सवाल उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि एकमात्र वोट बैंक की राजनीति और अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के चलते राज्य सरकार ने 2026 विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह प्रस्ताव लाया है. चर्चा में हिस्सा लेने के बाद प्रस्ताव के विरोध में नारेबाजी करते हुए भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया. बाद में मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय के जवाब के बाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. चर्चा के दौरान शुभेंदु ने राज्य सरकार पर इस प्रस्ताव को लेकर दो दिन विधानसभा का समय बर्बाद करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि तृणमूल ने तीन तलाक, सीएए और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के खिलाफ भी दुष्प्रचार चलाकर मुस्लिमों को गुमराह कर रही है. उन्होंने सवाल किया कि क्या सीएए लागू होने के बाद एक भी मुस्लिम को डिटेंशन कैंप में भेजा गया, जिसका मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दावा कर रही थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस व ममता बनर्जी वोट बैंक के रूप में मुस्लिमों का इस्तेमाल कर रही हैं. उन्होंने कहा कि संशोधन विधेयक से वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता आयेगी और वे जवाबदेह बनेंगे. शुभेंदु ने धर्म परिवर्तन रोकने के लिए कानून बनाने और एनआरसी लागू करने की मांग की. भाजपा विधायक मनोज कुमार उरांव ने भी कहा कि एकमात्र मुस्लिम तुष्टीकरण के चलते तृणमूल विधेयक का विरोध कर रही है. तृणमूल दिखाना चाहती है कि उसे सबसे ज्यादा मुस्लिमों की चिंता है. वहीं, मंत्री शोभनदेब चट्टापोध्याय ने आरोप लगाया कि केंद्र ने वक्फ विधेयक पर राज्य से कोई परामर्श नहीं किया. उन्होंने दावा किया कि विधेयक पर जेपीसी में विपक्षी सदस्यों को बोलने नहीं दिया गया. इसी कारण सभी विपक्षी दलों के सांसदों ने इसका बहिष्कार किया. उन्होंने केंद्र पर मुस्लिमों को निशाना बनाते हुए विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया.
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