ग्रामीण अस्पतालों में एंटी-रेबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं, जिला अस्पताल में बढ़ी भीड़

जिला अस्पताल में स्थिति को संभालने के लिए बाहर से वैक्सीन मंगाई जा रही है, लेकिन ग्रामीण अस्पतालों में यह व्यवस्था संभव नहीं हो पा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 7, 2024 1:08 AM

हुगली. कुत्ते, बंदर, बिल्ली और सियार के काटने पर दी जाने वाली एआरवी (एंटी-रेबीज वैक्सीन) ग्रामीण अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हर साल लगभग 60 हजार लोगों को यह वैक्सीन दी जाती है, लेकिन पिछले 10 दिनों से जिले के अस्पतालों में इसकी कमी है. जिला अस्पताल में स्थिति को संभालने के लिए बाहर से वैक्सीन मंगाई जा रही है, लेकिन ग्रामीण अस्पतालों में यह व्यवस्था संभव नहीं हो पा रही है. इस कारण कुत्ते या अन्य जानवरों के काटने पर लोगों को जिला अस्पताल आकर वैक्सीन लगवानी पड़ रही है. न केवल हुगली जिले से, बल्कि नैहाटी, हालीशहर, भाटपाड़ा और अन्य आसपास के जिलों से भी लोग इमामबाड़ा जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं. हुगली के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी मृगांका मौलिक ने बताया कि जिले में पिछले 10 दिनों से एआरवी की कमी है. वैक्सीन निर्माताओं को लैब से प्रमाणन मिलने में देरी हो रही है, जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई है. फिलहाल जिले के बड़े अस्पतालों, जैसे चुंचुड़ा और श्रीरामपुर वॉल्स अस्पताल में सेवा सीमित रूप में उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि अगले सप्ताह बुधवार या गुरुवार तक वैक्सीन आने की संभावना है. मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने यह भी कहा कि पहले डोज के बाद दूसरे डोज में एक-दो दिन की देरी से कोई गंभीर समस्या नहीं होती है. हालांकि, कुत्ते के काटने पर 24 घंटे के अंदर वैक्सीन लेना बेहतर होता है.

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