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चुनाव लड़ता, तो अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जरूर जीत जाता : नौशाद सिद्दिकी

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लोकसभा चुनाव में डायमंड हार्बर सीट से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक बनर्जी के खिलाफ मुकाबला करने का एलान करके पीछे हटने वाले इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) प्रमुख नौशाद सिद्दिकी का दावा है कि वह अगर वहां से चुनाव लड़ते, तो अभिषेक बनर्जी को हरा देते.

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संवाददाता, कोलकाता . लोकसभा चुनाव में डायमंड हार्बर सीट से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक बनर्जी के खिलाफ मुकाबला करने का एलान करके पीछे हटने वाले इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) प्रमुख नौशाद सिद्दिकी का दावा है कि वह अगर वहां से चुनाव लड़ते, तो अभिषेक बनर्जी को हरा देते. हालांकि अभिषेक बनर्जी ने इस बार डायमंड हार्बर से रिकाॅर्ड वोट से जीत हासिल की है. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार अभिजीत दास को कुल सात लाख 10 हजार वोट से हराया. चुनाव के बाद पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र भांगड़ में जाकर नौशाद ने अफसोस जताया कि वह चाह कर भी वह अभिषेक को हरा नहीं पाये, क्योंकि पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति ही नहीं दी. नौशाद ने कहा कि वह इंडियन सेकुलर फ्रंट के चेयरमैन हैं. पार्टी राज्य की 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी. अगर वह उम्मीदवार होते, तो उन्हें केवल एक सीट पर ही बंध कर रह जाना पड़ता. ऐसे में वह पार्टी के अन्य उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं कर पाते. इसलिए पार्टी का सबसे बड़ा नेता होने के कारण उन्हें लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया गया. उन्होंने कहा : चूंकि पार्टी में लोकतंत्र हैं, इसलिए मुझे पार्टी का आदेश नहीं चाहते हुए भी मानना पड़ा. यह पूछे जाने पर कि गत विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस-वाममोर्चा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ते, तो नतीजा कुछ अलग होता क्या. इस पर नौशाद ने जवाब नहीं दिया. गौरतलब है कि भांगड़ विधानसभा सीट से जीतने वाले नौशाद एक जून को मतदान के दिन भी जादवपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत अपने क्षेत्र में नहीं दिखे. पूछने पर उन्होंने कहा कि वह अपने क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं. ऐसे में अगर वह जाते, तो प्रशासन उन्हें रोक देता और हंगामा होता, इसलिए वह उस दिन पार्टी मुख्यालय में रहते हुए चुनाव पर नजर रख रहे थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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