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Calcutta High Court : हाईकोर्ट ने कहा, केंद्र की उदासीनता के कारण एक असहाय लड़की को अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता

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Calcutta High Court : न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारियों ने तुरंत याचिकाकर्ता को अगले दो महीनों के भीतर मृत मां के सभी बकाया और सुविधाओं का लाभ पहुंचाने का निर्देश दिया और यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो अधिकारी आठ प्रतिशत ब्याज के साथ राशि का भुगतान करने के लिए बाध्य होंगे.

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Calcutta High Court : कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश राज शेखर मंथा ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि केंद्र सरकार की उदासीनता के कारण एक बिन मां की लड़की को उसके अधिकार से कभी वंचित नहीं किया जा सकता है. गौरतलब है कि पति ने 15 साल पहले ही परिवार छोड़ दिया था. इसके बाद पत्नी ने इकलौती बेटी की परवरिश की, लेकिन पिछले वर्ष उसकी भी मौत हो गयी. इसके बाद अब 19 वर्षीय लड़की का कोई सहारा नहीं है. अब अचानक पति भी वापस आ गया है और पत्नी की संपत्ति में हिस्सा की मांग करने लगा है. इसे लेकर 19 वर्षीय लड़की ने हाईकोर्ट का रूख किया था और उच्च न्यायालय से असहाय लड़की को बड़ी राहत मिली है.

क्या है मामला

गौरतलब है कि बेहला के पर्णश्री की रहने वाली बर्नाली डे केंद्र सरकार के अंतर्देशीय जल संसाधन विभाग में कार्यरत थीं. 2009 में बर्नाली के पति राजू डे अपनी पत्नी और अपनी इकलौती बेटी अनुष्का डे को छोड़ कर चला गया था. तब से बर्नाली डे अपने पर्णश्री घर में अपनी बेटी अनुष्का के साथ अकेली रहती थीं. इसी बीच, बर्नाली डे ब्लड कैंसर पीड़ित हो गयीं और 21 मई 2023 को उनका निधन हो गया. जब बर्नाली डे की मृत्यु हुई, तब उनकी इकलौती बेटी अनुष्का 19 साल की थी. एक कॉलेज छात्रा अनुष्का अपनी मां की आकस्मिक मृत्यु से सदमे में थी.

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2001 में बर्नाली डे ने अपने पति और अपनी मां के नाम पर 50 प्रतिशत का किया था नॉमिनी

चूंकि बर्नाली डे केंद्र सरकार के जल संसाधन विभाग में कार्यरत थीं, इसलिए अनुष्का ने अपनी मां की ग्रेच्युटी और अन्य भत्तों के साथ-साथ मासिक पेंशन के लिए आवेदन किया था, क्योंकि उनकी मां ने अनुष्का के नाम पर 100 फीसदी नॉमिनेशन किया था. लेकिन इसी बीच बर्नाली डे के पति ने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद सरकारी लाभ के लिए आवेदन किया है. उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि उनकी इकलौती बेटी को उसकी मां से कुछ भी न दिया जाये.केंद्र सरकार के अधीनस्थ जल संसाधन विभाग ने बताया कि 2001 में बर्नाली डे ने अपने पति और अपनी मां के नाम पर 50 प्रतिशत का नॉमिनी किया था. क्योंकि उस समय अनुष्का का जन्म नहीं हुआ था.

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2019 में बर्नाली डे ने अपनी इकलौती बेटी अनुष्का के नाम पर 100 प्रतिशत नॉमिनी किया

2003 में अनुष्का के जन्म के तुरंत बाद उनके पिता राजू डे अपनी पत्नी और इकलौती बेटी को छोड़कर कहीं और चले गये. इसके बाद 2019 में बर्नाली डे ने अपनी इकलौती बेटी अनुष्का के नाम पर 100 प्रतिशत नॉमिनी किया. लेकिन किसी अज्ञात कारणों से बर्नाली डे के कार्यालय के अधिकारियों ने अनुष्का को 100 प्रतिशत नामांकित व्यक्ति मानने से इनकार कर दिया, असहाय अनुष्का ने अंततः कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. 2001 में बर्नाली डे ने अपने पति और अपनी मां के नाम पर 50 प्रतिशत का किया था नॉमिनी

याचिकाकर्ता को अगले दो महीनों के भीतर सभी सुविधाओं का लाभ पहुंचाने का दिया निर्देश

लेकिन इस मामले में एक बेसहारा लड़की को उसकी मां की मौत के बाद मिलने वाले सरकारी भत्ते से वंचित किया जा रहा है. हालांकि उनकी मां ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी बेटी के नाम पर 100% नॉमिनी का आवेदन सरकारी कार्यालय में जमा कर दिया है.न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारियों ने तुरंत याचिकाकर्ता को अगले दो महीनों के भीतर मृत मां के सभी बकाया और सुविधाओं का लाभ पहुंचाने का निर्देश दिया और यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो अधिकारी आठ प्रतिशत ब्याज के साथ राशि का भुगतान करने के लिए बाध्य होंगे.

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