विशेष सत्र में विपक्षी भाजपा के विधायकों ने नहीं लिया हिस्सा
दोपहर दो बजे से विशेष सत्र शुरू होने के बाद दोनों विधायकों का शपथ ग्रहण और दिवंगतों को श्रद्धांजलि देकर महज 50 मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही समाप्त हो गयी.
कोलकाता. बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण में देरी को लेकर राज्यपाल के साथ टकराव के मद्देनजर विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) बिमान बनर्जी द्वारा अचानक शुक्रवार को बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र में केवल शपथ ग्रहण और दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि देने की कार्यवाही ही हुई. दोपहर दो बजे से विशेष सत्र शुरू होने के बाद दोनों विधायकों का शपथ ग्रहण और दिवंगतों को श्रद्धांजलि देकर महज 50 मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही समाप्त हो गयी. अध्यक्ष ने गुरुवार को एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए राज्यपाल की मंजूरी के बिना अचानक विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की थी. बंगाल के इतिहास में यह पहली बार है, जब इस तरह से राज्यपाल को दरकिनार कर किसी पूर्व सूचना के 24 घंटे से भी कम समय के नोटिस पर कोई अध्यक्ष ने विशेष सत्र बुलाया था. विशेष सत्र में विपक्षी भाजपा के विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया. दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष ने सबसे पहले दोनों विधायकों के शपथ पर राजभवन के साथ चले गतिरोध को लेकर पूरा विवरण सदन के समक्ष रखा. इसके बाद उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के दोनों नवनिर्वाचित विधायकों सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार को सदन में बुलाकर शपथ दिलायी. विशेष सत्र आगे बढ़ाने का कोई निर्णय नहीं हुआ. इसलिए शपथ ग्रहण व श्रद्धांजलि के बाद विशेष सत्र के समाप्ति की घोषणा कर दी गयी. विदित हो कि विधायकों को शपथ दिलाये जाने के लिए गुरुवार रात 9.22 बजे राज्यपाल ने अध्यक्ष की जगह उपाध्यक्ष को दोनों विधायकों को शपथ दिलाने के लिए अधिकृत किया था, पर विशेष सत्र के दौरान उपाध्यक्ष के इनकार के बाद अध्यक्ष ने दोनों विधायकों को शपथ दिलायी.
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