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सर्दी के मौसम में बढ़ते प्रदूषण पर किया जागरूक

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नये वर्ष की शुरूआत के साथ ही मौसम ने करवट ले ली है. साल के पहले दिन से ही वातावरण में कनकनी का अनुभव होने लगा है. सर्दी के मौसम के साथ बढ़ते प्रदूषण और उनसे होने वाली समस्या को लेकर आईक्यू सिटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कुमार ने लोगों को जागरूक किया.

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दुर्गापुर.

नये वर्ष की शुरूआत के साथ ही मौसम ने करवट ले ली है. साल के पहले दिन से ही वातावरण में कनकनी का अनुभव होने लगा है. सर्दी के मौसम के साथ बढ़ते प्रदूषण और उनसे होने वाली समस्या को लेकर आईक्यू सिटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कुमार ने लोगों को जागरूक किया. साथ ही इस दिन उन्होंने लोगों को जरूरी टिप्स दिये. अस्पताल में आयोजित जागरूकता शिविर में उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषकों (ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड) की तुलना में पर्कुलेट मैटर (पीएम) स्वास्थ्य के लिए अधिक खतरनाक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विकासशील और विकसित देशों में वायु प्रदूषण (बाहरी और भीतरी) और प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों और समय से पहले मृत्यु दर के साथ इसके संबंध के लिए दुनिया भर में डेटा अपडेट किया है. शहरों में परिवेशी (बाहरी) वायु प्रदूषण, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भी, दुनिया भर में प्रति वर्ष 3 मिलियन समय से पहले मृत्यु का अनुमान है.

सर्दी के मौसम ने बढ़ायी अस्थमा मरीजों की दिक्कतें

उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम के साथ बढ़ते प्रदूषण ने अस्थमा के मरीजों के लिए दिक्कतें और बढ़ा दी हैं. खासकर दुर्गापुर और अन्य बड़े शहरों में जहां वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. डॉ कुमार ने कहा कि सर्दी के मौसम में अस्थमा के मरीजों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है. भीड़भाड़ और ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में जाने से बचें, ताकि सांस की तकलीफ कम हो. जब भी घर से बाहर निकलें तो मास्क पहने, ताकि धूल और अन्य हानिकारक कण फेफड़ों तक न पहुंचें. ऐसे मरीजों को धूम्रपान के धुएं से विशेष सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि यह उनके फेफड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. ऐसी जगहों पर खड़े न हों जहां पर धूम्रपान किया जा रहा हो. इसके अलावा अस्थमा के मरीजों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. समय पर खाना खाएं और हमेशा ताजा खाना ही खाएं. बाहर के खाने से परहेज करें. सर्दी के मौसम में ज्यादातर लोग कम पानी पीते हैं, लेकिन अस्थमा के मरीजों को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. शरीर में पानी की कमी से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पीयें. सर्दी के मौसम में गर्म कपड़ें जरूर पहनें और समय पर दवा जरूर लें. शिविर में अस्थमा के मरीजों की खासी मौजूदगी देखी गयी.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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