24.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 07:39 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

राज्य में दो करोड़ हिंदी, उर्दू और संताली भाषियों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की पहल

Advertisement

पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस (एग्जीक्यूटिव) परीक्षा के लिए नये पैटर्न व सिलेबस को लेकर जारी संशोधित अधिसूचना में हिंदी, उर्दू और संताली भाषा को हटा देने को लेकर इन भाषाओं से जुड़े लोगों में हताशा छा गयी. लोगों को इस बात का बहुत ज्यादा दुःख है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद भी उक्त तीन भाषाओं को शामिल नहीं किया गया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

आसनसोल.

पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस (एग्जीक्यूटिव) परीक्षा के लिए नये पैटर्न व सिलेबस को लेकर जारी संशोधित अधिसूचना में हिंदी, उर्दू और संताली भाषा को हटा देने को लेकर इन भाषाओं से जुड़े लोगों में हताशा छा गयी. लोगों को इस बात का बहुत ज्यादा दुःख है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद भी उक्त तीन भाषाओं को शामिल नहीं किया गया.

वर्ष 2025 की परीक्षा से नया पैटर्न लागू हो जायेगा और उक्त तीन माध्यमों से पढ़ाई-लिखाई करनेवाले विद्यार्थी कभी डब्ल्यूबीसीएस अधिकारी नहीं बन पायेंगे. इस परीक्षा के पैटर्न और सिलेबस में जो बदलाव किये गये हैं, उनमें मेन परीक्षा में 300 नंबर का पेपर-ए बांग्ला/नेपाली भाषा में लिखना होगा.

नेपाली भाषा सिर्फ पहाड़ी क्षेत्र के नेपाली नागरिकों के लिए है, पहाड़ी क्षेत्र के अलावा अन्य किसी भी जगह रहनेवाले नेपाली छात्रों को भी बांग्ला भाषा में ही परीक्षा देनी होगी और न्यूनतम 30 प्रतिशत अंक प्राप्त करना होगा. सवाल कक्षा दस के स्टैंडर्ड के होंगे. सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी गैर बांग्ला माध्यम छात्र के लिए 30 प्रतिशत अंक प्राप्त करना करीब नामुमकिन है. इसपर समाज के हर वर्ग के लोग मुख्यमंत्री की वादाखिलाफी के खिलाफ आवाज उठा रहे रहे हैं.

वोट के समय अपने रहे हिंदी, उर्दू व संताली भाषियों को मुख्यमंत्री ने अब बना दिया बहिरागत: प्रोफेसर रूपा गुप्ता

बर्दवान विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग की प्रोफेसर रूपा गुप्ता ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की वादाखिलाफी है. 15 मार्च 2023 को जारी अधिसूचना के बाद राज्यभर में हुए आंदोलन को देखते हुए लोकसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री ने हिंदी, उर्दू और संताली भाषा को डब्ल्यूबीसीएस (एग्जीक्यूटिव) परीक्षा में शामिल करने की घोषणा की थी और चुनाव खत्म होते ही वह अपने वादे से मुकर गयीं. वोट के समय उन्होंने सभी को अपना माना था और चुनाव बीत जाने के बाद हिंदी, उर्दू, संथाली भाषी बहिरागत हो गये. क्या उन्हें अब बहिरागत का वोट नहीं चाहिए? अपने इस एक निर्णय से उन्होंने हिंदी, उर्दू और संथाली भाषी की बहुत बड़ी आबादी को पराया कर दिया. पहले मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद हिंदी, उर्दू और संथाली भाषी विद्यार्थी आश्वस्त हो गये थे कि डब्ल्यूबीसीएस में पुनः उनकी भाषा बहाल हो गयी है और वे इस परीक्षा की तैयारी में जुट गये थे, अब उनपर कुठाराघात हुआ और उनका सपना ही खत्म हो गया. पहाड़ी क्षेत्र के निवासियों के लिए नेपाली भाषा को बहाल रखना बहुअर्थीय राजनीतिक संदेश है. कैसे न कहा जाये कि यह सिर्फ तुष्टिकरण के लिए नहीं हैं? जिनकी मातृभाषा बांग्ला नहीं है, पर वे कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं. वे हिंदी, उर्दू व संथाली भाषी क्या बंगाली नहीं हैं? बंगाल में रहनेवाला हर कोई बांग्ला बोलना जानता है. अगर तृतीय भाषा के रूप में कक्षा 12 तक बांग्ला विषय की पढ़ायी अनिवार्य कर दी जाये तो सभी को बांग्ला लिखना-पढ़ना आ जायेगा.

गैर बांग्ला माध्यम के बच्चों को बांग्ला पढ़ने का मौका दिये बगैर उनकी प्रथम भाषा को डब्ल्यूबीसीएस परीक्षा से हटा देना अन्याय है. जिस तरह राज्य की शिक्षा व्यवस्था चरमरायी है, इसे बेहतर करके सभी को बराबरी का मौका देने की बजाय बड़ी संख्या में गैर बांग्लाभाषी लेकिन बंगाली आबादी को यह सरकारी नौकरियों से वंचित करने का षड़यंत्र है. राज्य में अभी जैसा अस्थिरता का माहौल चल रहा है, इस परिस्थिति में अगर राज्य की मुखिया वादा करके मुकर जाएं तो इससे राज्य की और भी बेइज्जती होगी. एक तार्किक व्यवस्था के बाद ही इस निर्णय को लागू करने का विचार करना चाहिए.

राज्य सरकार की स्वायत्त संस्था पश्चिम बंग हिंदी अकादमी के पदाधिकारी बताएं हुआ क्या: सुशील शर्मा

पानागढ़ बाजार हिंदी निःशुल्क प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक सुशील शर्मा ने कहा कि पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद राज्य सिविल सर्विस परीक्षा की संशोधित विज्ञप्ति में हिंदी, उर्दू और संथाली भाषा को शामिल नहीं किया जाना राज्य में पीढ़ियों से रह रहे लगभग दो करोड़ हिंदी/उर्दू/संताली भाषियों के साथ अन्याय है. राज्य सरकार के इस फैसले को पीढ़ियों से रह रहे लगभग दो करोड़ हिंदी/उर्दू/संथाली भाषियों को दोयम दर्जे की नागरिकता के तरफ धकेलने की शुरुआत के तौर पर देखा जाना चाहिए. हिंदी/उर्दू/संथाली भाषी संगठनों द्वारा पहले भी इस संशोधित विज्ञप्ति के प्रतिकार के फलस्वरूप मुख्यमंत्री को राज्य सिविल सर्विस परीक्षा में पुनः इन भाषाओं को शामिल करने की घोषणा करनी पड़ी थी. अविलंब एकबार फिर से इन संगठनों द्वारा सड़क पर आकर मुख्यमंत्री को उनकी घोषणा की याद दिलाये जाने की जरूरत है. राज्य सरकार की स्वायत्त संस्था पश्चिम बंग हिंदी अकादमी के पदाधिकारियों को यथाशीघ्र मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर हिंदी भाषियों को न्याय दिलाने में अपनी सार्थक भूमिका का निर्वहन करना चाहिए.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें