25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Laxmikant Dixit Varanasi: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का वाराणसी में निधन

Advertisement

Laxmikant Dixit Varanasiअयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का वाराणसी में निधन हो गया. काशी के विद्वानों में उनका प्रमुख स्थान था. रामलला की प्राण प्रतिष्ठ के अनुष्ठान उन्हीं की देखरेख में हुए थे.

Audio Book

ऑडियो सुनें

वाराणसी: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में शामिल पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित (Laxmikant Dixit Varanasi) का वाराणसी में निधन हो गया. वो 86 वर्ष के थे. पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में ही 121 आचार्यों की टीम ने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान कराया था. प्राण प्रतिष्ठा के समय जो पांच लोग मंदिर के गर्भ गृह में थे, उनमें से एक पंडित लक्ष्मीकांत भी थे. मूल रूप से शोलापुर से उनका परिवार काशी आया था और कई पीढ़ियों से यहां रह रहा था. वो सांगवेद महाविद्यालय के आचार्य भी थे.

- Advertisement -

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य आचार्य थे पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए वाराणसी के आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन कर रहे थे. जबकि पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित (Laxmikant Dixit Varanasi) मुख्य आचार्य थे. प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन के लिए 121 आचार्यों की टीम बनी थी. प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया 16 जनवरी से शुरू हुई थी. 16 जनवरी को प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन कराया गया था. 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश हुआ था. 18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास के साथ ही श्रीराम लला विग्रह को उनके स्थान पर विराजमान किया गया. 19 जनवरी को औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, 19 जनवरी को धान्याधिवास, 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास और 21 जनवरी को मध्याधिवास और शय्याधिवास कराया गया. इसके बाद 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ था. इन सभी आयोजन में पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने मुख्य आचार्य की भूमिका निभाई थी.

काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण पूजन भी थे शामिल
पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित (Laxmikant Dixit Varanasi) ने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण पूजन भी शामिल थे. 21 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण हुआ था. पं. लक्ष्मीकांत ने महाराष्ट्र, ग्वालियर, राजस्थान के राजघरानों के राज्याभिषेक भी कराए हैं. रामलला (Ayodhya Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त निकालने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने पं. लक्ष्मीकांत के निधन पर शोक व्यक्त किया है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें