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UP: चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के जरिए सीएम योगी पश्चिमी यूपी में भाजपा के एजेंडे को देंगे धार, जानें रणनीति

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में गन्ना बकाया भुगतान से लेकर किसानों का मुद्दा बड़ा विषय रहा है. चौधरी चरण सिंह का नाम आज भी बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है. रालोद की पूरी सियासत उनके नाम के इर्द-गिर्द घूमती रही है. पहले अजित सिंह और ​अब जयंत चौधरी उनके नाम के जरिए अपनी सियासत को आगे बढ़ा रहे हैं.

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UP Politics: यूपी में लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर सत्तारूढ़ दल भाजपा ने सिलसिलेवार अपनी रणनीति के तहत धरातल पर काम करना शुरू कर दिया है. एक तरफ राम मंदिर के मुद्दे को लेकर पार्टी चुनाव में सियासी लाभ उठाने की तैयारी में है तो दूसरी तरफ क्षेत्रवार स्थानीय मुद्दों को धार दी जा रही है. इसी कड़ी में पार्टी ने पश्चिमी यूपी में जाट मतदाताओं को साधने पर फोकस किया है. पार्टी ने पहले चौधरी भूपेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जाट मतदाताओं को साधने की कोशिश की, वहीं अब सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा का अनावरण करके एक बड़ा सियासी संदेश देने जा रहे हैं. सीएम योगी मुरादाबाद में किसान दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे. जाट सभा ने किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया है. कार्यक्रम में एक लाख लोगों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है. आयोजकों ने सभी जाट और किसान नेताओं को कार्यक्रम में शिरकत का न्योता भेजा है. सीएम योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम के जरिए भाजपा के सियासी एजेंडे को धार देते नजर आएंगे. अहम बात है कि इस कार्यक्रम को चौधरी चरण सिंह की विरासत पर हक जताने वाली रालोद पर भाजपा की दबाव की राजनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है. हालांकि कार्यक्रम का निमंत्रण रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को भी भेजा गया है.

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2014 का प्रदर्शन दोहराना चाहती है भाजपा

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में गन्ना बकाया भुगतान से लेकर किसानों का मुद्दा बड़ा विषय रहा है. चौधरी चरण सिंह का नाम आज भी बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है. रालोद की पूरी सियासत उनके नाम के इर्द-गिर्द घूमती रही है. पहले चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह और ​अब उनके पोते जयंत चौधरी अपने दादा के नाम के जरिए अपनी सियासत को आगे बढ़ा रहे हैं. ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के लोकार्पण के जरिए भाजपा के मिशन 2024 के एजेंडे को सफल बनाने में जुटे हैं. भाजपा को लगता है इस तरह वह वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद मंडल में 2014 का प्रदर्शन दोहराने में कामयाब होगी.

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एक साल के अंदर तैयार की गई चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा

जाट महासभा के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी के मुताबिक चौधरी चरण सिंह स्मारक एवं शिक्षण संस्थान ट्रस्ट ने प्रतिमा का निर्माण कराया है. प्रतिमा निर्माण का कार्य 7 बीघा जमीन खरीद कर एक साल के भीतर किया गया. पांच मंजिला जाट भवन, एक ऑडिटोरियम और 100 बेड का वृद्धा आश्रम भी बन रहा है. पश्चिमी यूपी में 5827 गांव जाट बाहुल्य हैं. इसलिए जाट समाज के गरीब बच्चों को मुफ्त ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने की कवायद है.

मुरादाबाद मंडल की सभी छह सीटों पर भाजपा को मिली थी शिकस्त

लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा गठबंधन उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुआ था. इसमें मुरादाबाद मंडल की सभी छह लोकसभा सीटें भी शामिल थीं. वहीं लोकसभा 2019 में भाजपा को उतनी कामयाबी नहीं मिली. तब भाजपा गठबंधन 64 सीटों पर जीत हासिल कर सका. ऐसे में भाजपा रणनीतिकार इस बार 16 सीटों पर मिली हार की भरपाई करने के लिए अभी से तैयारी में जुट गया है. वहीं मुरादाबाद मंडल की बात करें तो ये क्षेत्र समाजवादी पार्टी का गढ़ है. मुरादाबाद मंडल की सभी छह लोकसभा सीटों पर सपा-बसपा गठबंधन ने जीत हासिल की थी. दोनों दलों ने तीन-तीन सीटों पर जीत हासिल की थी और यहां भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था. इनमें मुरादाबाद, रामपुर और संभल लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी और अमरोहा, बिजनौर व नगीना लोकसभा सीट से बसपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की. इन सभी छह सीटों पर दूसरे स्थान पर भाजपा रही. वहीं इसके बाद यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भी भाजपा को मंडल की 27 में 17 सीटों पर शिकस्त का सामना करना पड़ा था.

मुरादाबाद मंडल की छह सीटों पर जाट समीकरण

अनुमान के मुताबिक इन छह लोकसभा सीटों में करीब दस लाख जाट मतदाता है. इनमें मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र में एक लाख, संभल, रामपुर और नगीना लोकसभा क्षेत्र में में 1.25-1.25 लाख, अमरोहा में 2 लाख और बिजनौर में तीन लाख जाट मतदाता हैं. ये संख्या अनुमानित है. इसके आधार पर भाजपा अपनी रणनीति को धार दे रही है, क्योंकि लोकसभा चुनाव 2019 में उसके प्रत्याशियों को साठ हजार से डेढ़ लाख से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में इस बार वह कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती.

भाजपा की सपा-रालोद को घेरने की रणनीति

दरअसल भाजपा रणनीतिकार नहीं चाहते कि इस बार विपक्ष इस क्षेत्र में एक बार फिर उस पर हावी हो. इसलिए यहां पर खास फोकस किया जा रहा है. यही वजह है कि भाजपा ने पश्चिमी यूपी में जाट मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए पहले मुरादाबाद से संबंध रखने वाले चौधरी भूपेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी. इसके साथ ही सपा के इस गढ़ में उसे चुनौती देने के लिए सुभाष यदुवंश को पश्चिमी यूपी का प्रभारी बनाया गया है. अब चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ किसान सम्मेलन के जरिए एक साथ कई समीकरण साधने की कोशिश की जा रही है. भाजपा अपने इस दांव के जरिए सपा के साथ रालोद की भी घेराबंदी करने की कोशिश में है.

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