27.1 C
Ranchi
Monday, February 3, 2025 | 02:37 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

UP में मायावती को मिलेगा ब्राह्मणों का आशीर्वाद? क्या 2022 में चलेगा 2007 का फार्मूला, पढें ये रिपोर्ट

Advertisement

समय था 2007 के विधानसभा चुनाव का, जब परिणाम घोषित किए गए तो बीएसपी को 62 सीट मिली, जोकि उस समय सबसे अधिक थी, इसके अलावा सपा को 13, बीजेपी 7 और कांग्रेस को 5 सीट मिली थी, बसपा ने इस चुनाव में एक प्रयोग किया था, जोकि एक दम सटीक बैठा, यही प्रयोग बसपा अब 2022 के चुनाव में करने जा रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

UP Chunav 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है. हर बार की तरह इस बार भी प्रदेश में ब्राह्मण वोटों को लेकर सियासत चरम पर है. इन वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस में होड सी छिड़ गई है.

- Advertisement -

सत्ता में वापसी का क्या है मायावती का फार्मूला

मार्च-अप्रैल में होने वाले इस चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमों मायावती ब्राह्मण वोटर को अपने पाले में लाने के लिए ब्राह्मण जोड़ो अभियान और प्रबुद्ध सम्मेलन जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत कर चुकी हैं. दरअसल, ब्राह्मणों के मामले में बसपा 2007 के विधानसभा चुनाव में सफल प्रयोग कर चुकी है. हालांकि ये बात अलग है कि तब से अब तक पार्टी को सत्ता में आने का मौका नहीं मिला, लेकिन फिर भी बसपा ब्राह्मणों के फॉर्मूले को 2022 में प्रयोग करने का मन बना चुकी है.

सतीश चंद्र मिश्रा के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी

मालूम हो कि 2007 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों ने बसपा का साथ दिया, जिसके चलते प्रदेश में बसपा की सरकार बन गई थी. बसपा ने भी ब्राह्मणों के हितों का पूरा ध्यान रखा था. 2007 के चुनाव में ब्राह्मणों के साथ को मायावती भी समय-समय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर याद दिलाती रहती हैं, ऐसे में मायाबती एक फिर ब्राह्मणों का विश्वास जीतने में जुट गई हैं. बसपा सुप्रीमों ने ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने की जिम्मेदारी पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा समेत अन्य दिग्गज ब्राह्मण नेताओं को दे रखी है.

प्रबुद्ध वर्ग को पाले में लाने के लिए तैयारी

इस बीच चुनाव से पहले एक बाऱ फिर मायावती ने प्रबुद्ध वर्ग को पाले में लाने के लिए तैयारी युद्ध स्तर पर शुरू कर दी है. मायावती ने आज ट्वीट कर बताया कि, उनके निर्देशन में यूपी के सभी जिलों में प्रबुद्ध वर्ग सुरक्षा, सम्मान व तरक्की को लेकर संगोष्ठी करने के बाद अब बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद एससी मिश्र द्वारा यूपी की रिजर्व सीटों पर सर्वसमाज के मण्डल स्तरीय सम्मेलन आज से प्रारंभ हो गया है. उन्होंने इसके लिए सभी से पूर्ण सहयोग की अपील की है.

मायावती ने खेला जाति-धर्म कार्ड

बसपा सुप्रीमो सिर्फ ब्राह्मण और दलित वोट बैंक के सहारे यूपी विधानसभा चुनाव के दंगल में नहीं उतरेंगी. दरअसल, मायावती ने हाल ही में सभी विधानसभा क्षेत्रों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में मुस्लिमों को लगातार परेशान किया जा रहा है. फर्जी मुकदमों में फंसााय जा रहा है. बसपा की सरकार बनने पर ऐसे सभी वर्गों का ख्‍याल रखा जाएगा. बता दें कि बसपा ने यूपी की सभी 403 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया.

क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार

दरअसल, बीएसपी प्रदेश में लगातार ब्राह्मण सम्मेलन करना शुरू कर चुकी है. 2007 में जब बीएसपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई थी, तो उसमें ब्राह्मण वोटों की अहम भूमिका थी. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, अगर बसपा दलित वोटरों के साथ-साथ ब्राह्मण और मुस्लिम वोटों को साधने में सफल रहती है, तो आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत लगभग तय मानी जा सकती है.

Posted by Sohit sharma

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें