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UP AQI Today: यूपी में हापुड़, मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा की हवा सबसे ज्यादा जहरीली, जानें प्रदूषण का हाल

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बरेली के साथ ही बदायूं, पीलीभीत, और शाहजहांपुर की हवा भी खराब हो रही है. यहां के सांस के मरीजों का सांस लेना मुश्किल है. डॉक्टर सांस के मरीज, बच्चे और बूढ़ों को घर से न निकलने की सलाह दे रहे हैं.आप भी घर से निकलने से पहले मास्क जरूर लगा लें.

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UP AQI Today: यूपी में एनसीआर सहित कई इलाकों में रविवार को प्रदूषण के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जहरीली हवा से आंखों और फेफड़ों पर काफी असर पड़ रहा है. हालत यह है कि सड़कों पर चलना मुश्किल हो रहा है और इस धुंध के कारण सूरज भी नजर नहीं आ रहा है. प्रदूषण रोकने के तमाम दावे फेल साबित हो रहे हैं और एक्यूआई लगातार खतरनाक स्थिति में पहुंच रहा है. बरेली की भी आबोहवा खराब स्थिति में है. रविवार सुबह शहर का सुभाषनगर सबसे अधिक प्रदूषित था. सुभाषनगर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 158 था, जबकि सिविल लाइंस का 149 और राजेंद्र नगर का 144. यह तीनों ही खराब स्थिति में है. बरेली का AQI सुबह चार बजे 201 था. मगर, रविवार सुबह 8 बजे 150 पर आ गया था. बरेली की हवा कई दिनों से जहरीली बनी हुई है. यह सेहत के लिए काफी खतरनाक है. मगर, इसको लेकर जिम्मेदार फिक्रमंद नहीं हैं. बरेली के साथ ही बदायूं, पीलीभीत, और शाहजहांपुर की हवा भी खराब हो रही है. यहां के सांस के मरीजों का सांस लेना मुश्किल है. डॉक्टर सांस के मरीज, बच्चे और बूढ़ों को घर से न निकलने की सलाह दे रहे हैं.आप भी घर से निकलने से पहले मास्क जरूर लगा लें.

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दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में यूपी के 20 जिले

यूपी में प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ रहा है. यहां का हापुड़ दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में 10वें स्थान पर है. यहां का AQI रविवार सुबह 443 था. 11वें स्थान पर मेरठ का AQI 431 है. 13वें स्थान पर गाजियाबाद का AQI 416 है.14 वें स्थान पर नोएडा का 412, 24वें स्थान पर कैराना का 333, 27वें स्थान पर बुलंदशहर का 324, 29वें स्थान पर मुजफ्फरनगर का 350, 30वें स्थान पर अलीगढ़ का 318, 32वें स्थान पर यूपी की राजधानी लखनऊ का 312, 35वें स्थान पर इटावा का 306, 38वें स्थान पर फतेहपुर का 305, 39वें स्थान कानपुर का 304, 40 वें स्थान पर सीतापुर का 302, 41वें स्थान पर हाथरस का 297, 50वें स्थान पर फिरोजाबाद का 279, 51वें स्थान पर गोरखपुर का 294, 6वें स्थान पर इलाहाबाद (प्रयागराज) का 247, 69वें स्थान पर वृंदावन का 242, 77वें स्थान पर फैजाबाद का 237 और 81वें स्थान पर मथुरा का AQI 233 है. यह सभी AQI बेहद खराब स्थिति में हैं. सांस लेने वाली हवा का ऑक्सीजन स्तर 19.5 प्रतिशत ऑक्सीजन होना चाहिए. इसके नीचे ऑक्सीजन जाने से नुकसान होता है.

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प्रदूषण की अधिकता से पौधे हो रहे कमजोर, घट रही पैदावार

बढ़ता जल, वायु और मृदा प्रदूषण जलवायु परिवर्तन का अहम कारक बनता जा रहा है. खेती के लिए कीटनाशक, खरपतवार नाशक और रासायनिक खादों पर निर्भरता बढ़ने से साल दर साल भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर हो रही है. फसलें हल्की सी तेज हवा, बारिश और गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं. नतीजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है.फसल उत्पादन में कमी आने लगी है.

घर से निकलने पर लगाएं मास्क,जानें कैसे रखें ख्याल

AQI बढ़ने से बच्चों, और बुजुर्गों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है.ऐसे में घरों से निकलने में एहतियात बरतने की जरूरत है. लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है.डॉक्टर एन-95 मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह दे रहे हैं. क्योंकि, बरेली में सांस के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. बरेली का AQI खराब स्थिति में है. 0 से 50 AQI है, तो यह बहुत अच्छी बात है.इससे सेहत पर कम असर होता है. 51-100 AQI भी ठीक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है. 101 के बाद ठीक नहीं है. 101 से 200 AQI से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है. 201-300 AQI काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है. 301-400 AQI बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है. 401-500 AQI सबसे अधिक खतरनाक है.

रिपोर्ट- साजिद खान

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