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Umeshpal Murder Case:’ छोटे 006′ तक पहुंची पुलिस, जेल में बंद अशरफ से ऐप के जरिए बात कर रहा था विजय मिश्रा

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पुलिस जांच से पता चला है कि इस साल 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या से ठीक चार दिन पहले दोनों ने एक-दूसरे से बात की थी. इसके अलावा, दोनों फेसटाइम ऐप के जरिए भी संपर्क में थे.

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Prayagraj : उमेश पाल हत्याकांड की जांच के दौरान, प्रयागराज पुलिस ने गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा की अतीक के छोटे भाई खालिद अज़ीम उर्फ अशरफ के साथ बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग हासिल की है. यह रिकार्डिंग उस समय की है जब अशरफ बरेली जेल में बंद था. इस सबूत को इस मामले में बड़ी सफलता माना जा रहा है. इस मामले में नामजद मुख्य आरोपियों में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की 15 अप्रैल, 2023 को चिकित्सा जांच के लिए ले जाते समय काल्विन अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई.पुलिस जांच से पता चला है कि इस साल 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या से ठीक चार दिन पहले दोनों ने एक-दूसरे से बात की थी. इसके अलावा, दोनों फेसटाइम ऐप के जरिए भी संपर्क में थे. जेल में बंद अतीक के दूसरे वकील खान सौलत हनीफ ने भी पुलिस को पाल और उसके दो पुलिस गार्डों की हत्या में विजय मिश्रा की संलिप्तता के बारे में महत्वपूर्ण सुराग दिए.

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बात करने के लिए दोनों ने आईफोन पर इंस्टॉल किया फेसटाइम ऐप

विजय मिश्रा को पहले 29 जुलाई की रात लखनऊ में पुलिस टीम ने हिरासत में लिया और फिर 30 जुलाई को प्रयागराज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मिश्रा की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने उनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाए थे. जांच में पता चला कि विजय मिश्रा और अशरफ 20 फरवरी तक नियमित संपर्क में थे. 20 फरवरी को विजय मिश्रा ने अशरफ से तीन बार फोन पर बात की. कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि सबसे लंबी कॉल 7.12 मिनट की की गई थी. इसके अलावा, अशरफ ने कई बार अशरफ को कॉल करने के लिए जेल में सार्वजनिक कॉल ऑफिस (पीसीओ) का इस्तेमाल किया. इसके अलावा, दोनों अपने आईफोन पर इंस्टॉल किए गए फेसटाइम ऐप के जरिए भी एक-दूसरे के संपर्क में थे. आईडी छोटे 006 अशरफ ने विजय मिश्रा से फेसटाइम ऐप पर बात करने के लिए बनाई थी.

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विजय मिश्रा ने 1 मार्च से 10 अप्रैल तक नियमित बात की

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कॉल रिकॉर्ड से यह भी पता चला है कि विजय मिश्रा ने 1 मार्च से 10 अप्रैल तक नियमित रूप से अशरफ से फोन पर बात की थी. अशरफ और उसके भाई अतीक अहमद दोनों की 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज में पुलिस हिरासत के दौरान तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. अतीक के जेल में बंद वकील खान सौलत हनीफ ने असद और अन्य हमलावरों को उमेश की तस्वीरें भेजी थीं.विजय मिश्रा को असद और अन्य हमलावरों को दी गई योजना और इनपुट के बारे में पता था. कस्टडी रिमांड के दौरान पूछताछ के दौरान खान सौलत हनीफ ने कबूल किया कि विजय मिश्रा और उसे उमेश पाल की हत्या की योजना की पूरी जानकारी थी.

24 फरवरी को विजय मिश्रा भी कोर्ट में मौजूद थे.वह सौलत को उमेश की लोकेशन के बारे में जानकारी दे रहा था जिससे सौलत हमलावरों तक पहुंचा रहा था. रविवार को कोर्ट में पेश करने और नैनी जेल भेजने से पहले पुलिस अधिकारियों ने विजय मिश्रा से पूछताछ की. अधिकारियों ने बताया कि विजय ने स्वीकार किया कि उसने अतीक अहमद और उसके गिरोह के सदस्यों की मदद करके गलती की है. डीसीपी, प्रयागराज शहर, दीपक भूकर ने कहा कि विजय मिश्रा अशरफ के नियमित संपर्क में था और उमेश पाल की हत्या की साजिश में शामिल था. उन्होंने बताया कि पुलिस ने उसके खिलाफ ठोस सबूत जुटाए हैं.

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24 फरवरी को अपने दो पुलिस अंगरक्षकों के साथ

माफिया से राजनेता बने गैंगस्टर अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा को 2005 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह वकील उमेश पाल की हत्या के मामले में रविवार को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने दावा किया कि अतीक के बेटों मोहम्मद उमर (24) और मोहम्मद अली (22) की पाल (48) की हत्या में भूमिका थी, जिन्हें इस साल 24 फरवरी को अपने दो पुलिस अंगरक्षकों के साथ प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में गोली मार दी गई थी.

अदालत में 8 आरोपियों के खिलाफ दूसरी चार्जशीट दाखिल

प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड मामले में धूमनगंज थाना पुलिस 8 आरोपियों के खिलाफ दूसरी चार्जशीट स्पेशल जज एससी एसटी एक्ट की अदालत में दाखिल कर चुकी है. इस मामले में सुनवाई शुरू हो गई है. उमेश पाल हत्याकांड में एसीपी धूमनगंज महेंद्र देव की ओर से कैश अहमद, राकेश उर्फ नाकेश उर्फ लाला, अरशद कटरा, नियाज अहमद, इकबाल अहमद, शाहरुख, अखलाक अहमद और खान शौलत हनीफ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. इसमें शाहरुख को छोड़कर अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी 21 मार्च को की गई थी, जिनमें से अतीक के नौकर राकेश और ड्राइवर कैश अहमद की निशानदेही पर अतीक के चकिया स्थित कार्यालय से 10 असलहे 72 लाख से ज्यादा कैश बरामद हुआ था.

एससी-एसटी अदालत में सुनवाई

इन आरोपियों में किसी के खिलाफ भी नामजद एफआईआर दर्ज नहीं थी, बल्कि मामले की विवेचना के दौरान इन सभी के नाम सामने आए थे. जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि के मुताबिक उमेश पाल हत्याकांड के मामले में एसीपी धूमनगंज महेंद्र सिंह देव ने आठ अभियुक्तों के खिलाफ विशेष एससी-एसटी अदालत के न्यायाधीश अनिरुद्ध कुमार तिवारी के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया गया है.

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