14.4 C
Ranchi
Thursday, March 6, 2025 | 02:26 am
14.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बीएसपी के ब्राह्मण सम्मेलन पर क्यों खड़ा हुआ विवाद, यूपी चुनाव से पहले मायावती के सियासी दांव के क्या है मायने

Advertisement

Mayawati Brahmin Convention यूपी में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख और पूर्व सीएम मायावती ने बड़ा सियासी दांव खेलने की प्लानिंग की है. दरअसल, मायावती एक बार फिर ब्राह्मण सम्मेलन शुरू करने जा रही है और इसको लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत गरमाने लगी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Mayawati Brahmin Convention यूपी में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बड़ा सियासी दांव खेलने की प्लानिंग की है. दरअसल, मायावती एक बार फिर ब्राह्मण सम्मेलन शुरू करने जा रही है और इसको लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत गरमाने लगी है.

23 जुलाई से शुरू होगा सम्मेलन

बसपा प्रमुख मायावती ने ब्राह्मण सम्मेलन की जिम्मेदारी सतीश चंद्र मिश्रा को सौंपी है. बता दें कि बहुजन समाज पार्टी का ब्राह्मण सम्मेलन 23 जुलाई से अयोध्या से शुरू होगा. इस दिन सतीश चंद्र मिश्रा अयोध्या में मंदिर दर्शन से ब्राह्मणों को जोड़ने की कवायद शुरू करेंगे. जानकारी के मुताबिक, सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में पहले चरण में 23 जुलाई से 29 जुलाई तक लगातार छह जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन होंगे. अयोध्या में होने वाले पहले सम्मेलन के जरिए बसपा ब्राह्मणों वोटरों को रिझाने की कोशिश करेगी. वहीं, विधानसभा चुनावों के लिए इसे मायावती के शंखनाद के तौर पर भी देखा जा रहा है.

2022 में इस फॉर्मूले के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगी मायावती

जानकारी के मुताबिक, बसपा का  ब्राह्मण सम्मेलन 2007 के चुनावी अभियान के तर्ज पर होगा. बताया जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी 2007 के फॉर्मूले पर वापस लौट रही है और 2022 के विधानसभा चुनाव में मायावती दलित ब्राह्मण ओबीसी फॉर्मूले के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगी. इन सबके बीच, बसपा के इस ब्राह्मण सम्मेलन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में सियासी पार्टियों के जातीय सम्मेलनों व रैलियों पर पाबंदी लगा रखी है. ऐसे में मामला एक बार फिर से अदालत पहुंचने के कयास लगाए जा रहे है. ऐसा होने पर कोर्ट या सरकार रोक भी लगा सकती है.

कहां फंसा पेंच!

बड़ा सवाल यह है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की रोक के बावजूद एक जाति विशेष का यह सम्मेलन कैसे होगा, इसको लेकर सवाल उठ रहे है. गौर हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को मोती लाल यादव द्वारा दाखिल पीआईएल संख्या 5889 पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों द्वारा जातीय आधार पर सम्मेलन व रैलियां समेत अन्य दूसरे कार्यक्रम आयोजित करने पर पाबंदी लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि जातीय सम्मेलनों से समाज में आपसी मतभेद बढ़ते हैं और यह निष्पक्ष चुनाव में बाधक बनते हैं.

कांग्रेस समेत इन दलों को जारी हुआ था नोटिस

जातीय सम्मेलनों पर पाबंदी लगाते हुए कोर्ट ने चुनाव आयोग और सरकार के साथ ही चार प्रमुख पार्टियों कांग्रेस-बीजेपी, सपा और बसपा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया था. साथ ही सभी से हलफनामा देने को कहा था. एबीपी न्यूज की रिपोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट की वकील सहर नकवी के हवाले से बताया गया है कि इस मामले में 8 साल से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी किसी भी पार्टी ने अब तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया है. इस कारण 2013 के बाद इस मामले में दोबारा कभी सुनवाई नहीं हो सकी है. नकवी के मुताबिक, 11 जुलाई 2013 को लगाई गई पाबंदी आज भी बरकरार है.

क्या कहते है कानून के जानकार

वहीं, कानून के जानकारों की माने तो हाईकोर्ट की पाबंदी के बावजूद बसपा का ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करना न सिर्फ अदालत की अवमानना है, बल्कि हाईकोर्ट के आदेश के तहत यह अपराध की कैटेगरी में भी आता है. बताया जा रहा है कि इस मामले में याचिकाकर्ता या कोई भी दूसरा व्यक्ति अदालत में अवमानना का केस दायर कर सकता है. अदालत इस पर स्वतः संज्ञान भी ले सकती है.

Also Read: पंजाब कांग्रेस : नवजोत सिंह सिद्धू की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी कल, कैप्टन अमरिंदर सिंह कार्यक्रम में होंगे शामिल!

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर