16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Lakhimpur Kheri case : सुप्रीम कोर्ट ने टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को दिल्ली में जाने- रहने की अनुमति दी

Advertisement

आशीष मिश्रा की मां कथित तौर पर नई दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि उनकी बेटी को पैर की विकृति के इलाज की जरूरत है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

लखनऊ . सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 2021 में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को राहत दे दी. देश की सबसे बड़ी अदालत ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत की शर्तों में ढील देते हुए मिश्रा को अपनी बीमार मां और बेटी की देखभाल के लिए दिल्ली जाने और रहने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दे दी. न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया.

- Advertisement -

उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने पर रोक अभी जारी रहेगी

न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया. हालांकि न्याय पीठ ने गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को दिल्ली में जाने और रहने की अनुमति के साथ यह शर्त रख दी है कि वह किसी भी सार्वजनिक समारोह में भाग नहीं लेंगे. विचाराधीन लखीमपुर हिंसा के मामले मीडिया में किसी भी तरह का बयान नहीं देंगे. उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने पर रोक अभी जारी रहेगी. जनवरी में, शीर्ष अदालत ने गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे मिश्रा को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी, हालांकि, उन्हें राष्ट्रीय राजधानी या उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी.

कृषि कानून का विरोध के दौरान हुई थी हिंसा

केंद्र के (निरस्त किए गए) कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन चल रहे थे. उसी दौरान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में भी आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में 3 अक्तूबर 2021 को चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर अपना वाहन चढ़ा दिया. मंत्री के बेटे के वाहन से कुचलकर किसानों की मौत हो गई थी. यूपी पुलिस की एफआईआर में दर्ज है कि चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया था. एसयूपी में आशीष मिश्रा बैठे थे. इसके बाद, एसयूवी चला रहे व्यक्ति और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर गुस्साए किसानों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. एफआईआर में कहा गया है कि हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई.

Also Read: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आरोपी आशीष की अंतरिम जमानत 26 सितंबर तक बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट से 25 जनवरी को मिली थी अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट से 25 जनवरी को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत मिलने के बाद लखीमपुर खीरी हिंसा का मुख्य आरोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्र 278 दिन बाद 27 जनवरी 2023 को जेल से रिहा हो गए थे. देर शाम व लखीमपुर जिला जेल के पिछले गेट से बाहर निकला और एक कार में बैठकर चला गया. इस दौरान मीडिया ने उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन आशीष सबसे बचते हुए कार में बैठ गया. सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को शर्तों के साथ आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी. एडीजे सुनील वर्मा ने तीन-तीन लाख रुपए के दो जमानतदार दाखिल किए जाने की शर्त पर रिहाई के आदेश दिए थे. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ आठ हफ्ते की अंतरिम जमानत और अपनी लोकेशन के बारे में कोर्ट को सूचित करने का निर्देश दिया है.

चश्मदीद गवाह ने आरोपी आशीष मिश्रा को मौके से भागते देखा

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि आशीष मिश्रा या उनके परिवार वाले गवाहों को प्रभावित करने और मुकदमे में देरी करने की कोशिश करेंगे तो उनकी जमानत रद्द हो सकती है. जमानत में ये भी जोड़ा गया है कि वह दिल्ली और उत्तर प्रदेश में नहीं रहेगा. जमानत पर रिहा होने के एक सप्ताह बाद वह उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे.गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध किया था. कोर्ट को बताया था कि घटना के चश्मदीद गवाह ने आरोपी आशीष मिश्रा को मौके से भागते देखा था. यह बात चार्जशीट में भी है. सरकार ने कोर्ट में कहा कि यह अपराध गंभीर श्रेणी का है और ऐसे में आरोपी को जमानत देना समाज पर बुरा असर डाल सकता है. आशीष मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से जमानत न मिलने पर फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें