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How to: यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का लाइव प्रसारण कैसे देखें, इन नियमों को जानना बेहद है जरूरी…

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यूपी विधानमंडल के मानसूत्र के दौरान अहम मुद्दों पर चर्चा के साथ कई विधेयकों को पटल पर रखा जा रहा है. इसके साथ ही अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. इस दौरान विभिन्न माध्यमों से लोग विधानसभा का लाइव प्रसारण देख सकते हैं. वहीं सदन की कार्यवाही देखने के दौरान कई अहम बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

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How to watch UP Monsoon session LIVE: यूपी विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. पहले दिन विपक्ष के हंगामे के बीच मंगलवार को विधानसभा में कई अहम विषयों पर चर्चा हुई. इस दौरान विपक्ष ने शिक्षा, नौकरी और महंगाई सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास किया तो सत्तापक्ष की ओर से भी पलटवार किया गया.

यूपी विधानसभा की कार्यवाही को देखने के लिए लोग बेहद उत्सुक रहते हैं. इसमें सियासत में दिलचस्पी रखने वालों से लेकर आम लोग भी शामिल होते हैं. हालांकि विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए कोई भी व्यक्ति सदन में प्रवेश नहीं कर सकता. इसके लिए नियम बनाए गए हैं. बीते कुछ वर्षों में सुरक्षा के मद्देनजर सदन की कार्यवाही के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाते हैं.

विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

ऐसे में विधानसभा का सजीव प्रसारण देखने के साथ लोगों को किसी तरह की दिक्क्तों का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए तकनीकी व्यवस्था को बेहतर किया गया है. कुछ वर्ष पहले तक जहां पत्रकारों के लिए विधानसभा सभा के हॉल में लाइव प्रसारण की व्यवस्था थी, वहीं अब यूट्यूब सहित सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों के जरिए भी लोग विधानसभा की कार्यवाही कहीं से भी देख सकते हैं.

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दूरदर्शन के जरिए लाइव प्रसारण

दूरदर्शन के जरिए भी यूपी विधानसभा के सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाता है. ऐसे में लोग इन माध्यमों जरिए देख सकते हैं कि उन्होंने जिन जनप्रतिनिधियों को चुनकर सदन में भेजा है, वह कितने गंभीर हैं और किस तरह का आचरण कर रहे हैं या फिर उनसे जुड़े मुद्दों पर सरकार और विपक्ष क्या कर रही है.

यूट्यूब चैनल से देखें सदन की कार्यवाही

  • यूपी विधानसभा के यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/@UTTARPRADESHVIDHANSABHA पर मानसून सत्र के पहले दिन से सदन की कार्यवाही का सजीव प्रसारण किया जा रहा है.

  • इसके साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट (Official Twitter handle of UP Assembly) @UPVidhansabha पर भी सदन के लाइव प्रसारण का लिंक उपलब्ध कराया गया है.

क्या होती है दर्शक दीर्घा

इसके अलावा यूपी विधानसभा की कार्यवाही दर्शक दीर्घा के जरिए भी देखी जा सकती है. यदि कोई सामान्य नागरिक सदन की कार्यवाही देखना चाहता है तो उसके आवेदन करने पर दर्शक के रूप में कार्यवाही देखने के लिए दर्शक दीर्घा में प्रवेश दिया जाता है. खास बात है कि इस दौरान मोबाइल से रिकॉर्डिंग पूरी तरह प्रतिबंधित होती है. इसके ​साथ ही सदन की तस्वीर भी नहीं ली जा सकती है. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करते पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की ज सकती है.

पत्रकार दीर्घा से सदन की कार्यवाही

इसी तरह सदन की कार्यवाही जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए समाचार पत्र, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों को बैठने के लिए स्थान पत्रकार दीर्घा में दिया जाता है. यहां भी मोबाइल से वीडियो बनाने और तस्वीर लेने पर प्रतिबंध लागू होता है.

विधानसभा का प्रोटोकॉल

दरअसल विधानसभा के प्रोटोकॉल होते हैं जिसके आधार पर पूरी कार्यवाही की जाती है. ऐसे में सदन की कार्यवाही के दौरान हर व्यक्ति को इसका पालन करना अनिवार्य है. विधानसभा से संबंधित अन्य अहम बिंदुओं की बात करें तो सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी सदस्यों को इसका पालन करना जरूरी होती है. विधानसभा क्षेत्रवार जनता से सीधे निर्वाचित सदस्य यानी विधायकों का स्थान है. विधानसभा के सदस्य पांच साल के लिए मतदाताओं के जरिए चुनकर सदन में पहुंचते हैं.

विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय सर्वमान्य

विधानसभा का प्रमुख पीठासीन अधिकारी यानी अध्यक्ष होता है, जिसे संविधान प्रक्रिया नियमों और स्थापित संसदीय परंपराओं के तहत व्यापक अधिकार होते हैं. विधानसभा के परिसर में उनका प्राधिकार सर्वोच्च है. सभी की व्यवस्थाएं बनाए रखना विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी होती है. वे सभा में सदस्यों से नियमों का पालन सुनिश्चित कराते हैं.

प्रोटोकॉल के तहत सभी सदस्य अध्यक्ष की भी बात सुनते हैं और उनका सम्मान करते हैं. विधानसभा अध्यक्ष नई विधानसभा गठित होने से पहले भले ही किसी दल से चुनकर आते हैं. लेकिन, इसके बाद वह पूरे सदन के सर्वमान्य होते हैं. उन्हें सत्तापक्ष और विपक्ष का भेद नहीं करना होता है. सभी सदस्यों के हितों का संरक्षण करना उनकी जिम्मेदारी होती है.

दोनों पक्षों के बीच संतुलन की अहम जिम्मेदारी

विधानसभा अध्यक्ष सभा के वाद-विवाद में भाग नहीं लेते, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अपनी व्यवस्थाएं संभालना और निर्णय देने का काम करते हैं. हर सदस्य के सभा में बैठने का क्रम अध्यक्ष निर्धारित करते हैं. सदस्यों को सभा में अपने नियत स्थान से ही कार्यवाही में भाग लेना होता है. विधानसभा के सदस्य अध्यक्ष के सामने सदन में बैठते हैं. इनमें सत्ता पक्ष के सदस्य अध्यक्ष के दाहिने और प्रतिपक्ष के सदस्य बायीं और बैठते हैं.

नेता सदन और नेता विरोधी दल का स्थान

सत्ता पक्ष के प्रमुख की हैसियत से मुख्यमंत्री दाहिनी ओर की प्रथम सीट पर बैठते हैं और प्रतिपक्ष के मुख्य नेता बायीं ओर की प्रथम सीट पर बैठते हैं. मध्य में लगी मेज पर सचिवालय के अधिकारी और प्रतिवेदकगण बैठते हैं. यह प्रतिवेदक सदन की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करते हैं. विधानसभा अध्यक्ष की बैठक स्थान से ठीक नीचे विधानसभा के प्रमुख सचिव बैठते हैं.

इन नियमों का समझना बेहद जरूरी

सदन में किसी तरह के वाद-विवाद, चर्चा या सदन की कार्यवाही के दौरान सदस्यों को ऐसे शब्दों या वाक्यांशों का प्रयोग करने की मनाही होती है जो अशिष्ट या और संसदीय हों. यदि कार्यवाही के दौरान कोई सदस्य इनका प्रयोग करते हैं, तो अध्यक्ष के स्तर पर इसे सदन की कार्यवाही से विलोपित करने के निर्देश दिए जाते हैं.

यूपी विधानसभा में मंगलवार को अध्यक्ष ने कार्यवाही से विशेष शब्द हटवाया

उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को एक मुद्दे पर विपक्ष ने सदन में मंत्री को जवाब को गलत बताते हुए उसके लिए आम प्रचलन में कहा जाने वाला ‘विशेष शब्द’ प्रयोग किया. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसे संसदीय भाषा से बाहर का बताते हुए कहा कि इस तरह के शब्दों का सदन में प्रयोग नहीं होना चाहिए, इसे सदन की कार्यवाही में नहीं शामिल किया जाएगा.

खास बात है कि ऐसे शब्द या वाक्यांश जो विलोपित किए जाते हैं उनका समाचार पत्रों में प्रकाशन या टीवी में प्रसारण निषेध रहता है. यदि सदन की कार्यवाही से ऐसे हटाये गए अंश प्रकाशित या प्रसारित किए जाते हैं तो इसे सदन की अवमानना की श्रेणी में माना जाता है.

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