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Rail coach Restaurant In Lucknow: लखनऊ में खुला पहला रेल कोच रेस्टोरेंट, कम कीमत पर मिलता है भरपेट खाना

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Rail coach Restaurant In Lucknow: लखनऊ में अब पहला रेल कोच रेस्तरां खुल गया है. चलिए जानते हैं खाने की कीमत क्या है. लोकेशन क्या है.

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Rail coach Restaurant In Lucknow: लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है. यह गोमती नदी के तट पर स्थित है. लखनऊ को “नवाबों का शहर” के रूप में भी जाना जाता है. लखनऊ को अपनी विरासत, संस्कृति, कला, संगीत और भोजन के कारण सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर माना जाता है. यह अपने खूबसूरत कढ़ाई के काम के लिए प्रसिद्ध है जिसे चिकनकारी के नाम से जाना जाता है. वैसे तो यह शहर अपने खाने के लिए भी पूरे विश्व में मशहूर है. यहां पर रईस बिरयानी, टुंडे कबाब, शीरमाल, कबाब पराठा, गलावटी कबाब, शामी कबाब, कुलचे नहारी, शाही टुकड़ा काफी फेमस है. इन सब के बीच लखनऊ में अब पहला रेल कोच रेस्तरां खुल गया है. चलिए जानते हैं.

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लखनऊ में खुला रेल कोच रेस्तरां

लखनऊ में पहला रेल कोच रेस्तरां 28 अगस्त को चारबाग रेलवे स्टेशन के बाहर खोला गया. रेस्तरां का नाम “रेस्तरां ऑन व्हील्स” है. यह रेलवे के फूड-ऑन-व्हील्स कॉन्सेप्ट के तहत बनाया गया था, जिसमें एक परित्यक्त रेलवे कोच को रेस्तरां में बदल दिया गया था. रेस्तरां में सभी राज्यों का प्रसिद्ध भोजन परोसा जाता है. यह 24 घंटे खुला है.

रेल कोच रेस्तरां

लखनऊ में पहला रेल कोच रेस्तरां खुल चुका है. यहां पर कम बजट में पेटभर खाना खा सकते हैं. इस रेस्टोरेंट में सिर्फ 200 रुपये में भी आप भरपेट खाना खा सकते हैं. चारबाग में स्थित रेल कोच रेस्टोरेंट में राजस्थानी, गुजराती, पंजाबी, मुगलई, साउथ इंडियन और चाइनीज के साथ ही सभी राज्यों का खाना परोसा जा रहा है.

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रेल कोच रेस्टोरेंट में सुविधा

बता दें कि रेल कोच रेस्टोरेंट में एक साथ 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. इस रेस्टोरेंट में आपको ऐसा लगेगा जैसे की ट्रेन के अंदर बैठे हो. होता है. जैसी कि एक चेयर कार ट्रेन के अंदर होती है. एयर कंडीशनर रेस्टोरेंट है. यहां पर दूर-दूर से लोग खाने का स्वाद लेने आते हैं.

RWJF+PP3, Preeti Nagar, Railway Colony, Charbagh, Lucknow, Uttar Pradesh 226001

पता- RWJF+PP3, प्रीति नगर, रेलवे कॉलोनी, चारबाग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश 226001

लखनऊ का मशहूर व्यंजन

दही भल्ला

लखनऊ के दही भल्ला एक प्रसिद्ध और पसंदीदा स्वादिष्ट डिश है, जो उत्तर भारतीय रसोई का हिस्सा है. यह एक शानदार स्नैक या चाट है, जिसका स्वाद आपको खाने के बाद लंच या डिनर की तरह लगता है. दही भल्ला लखनऊ में गर्मी के दिनों में खासतौर से पसंद किया जाता है. दही भल्ला को तैयार करने के लिए पहले उरद दाल के बड़े बनाए जाते हैं. उरद दाल के बड़े को मुलायम बनाने के लिए इसे पानी में भिगो दिया जाता है. फिर चावल और उरद दाल के मिश्रण से बारीक पेस्ट बनाई जाती है. इस पेस्ट को उबालते हुए बड़े बनाए जाते हैं. उन्हें उबले हुए पानी में रख दिया जाता है ताकि वे मुलायम हो जाएं. बड़े के ऊपर थोड़ी सी तील या मूंगफली का तेल लगाया जाता है और उन्हें तला जाता है जिससे वे गोल्डन ब्राउन हो जाते हैं. तले हुए बड़े को बर्तन में निकालकर उसके ऊपर दही, हरी धनिया-पुदीने की चटनी, खट्टी मीठी चटनी, नमकीन नींबू, काली मिर्च और भुना हुआ जीरा डालकर परोसा जाता है.

मटन बिरयानी

लखनऊ के मटन बिरयानी एक लाजवाब और स्वादिष्ट डिश है, जो लखनऊ की खास मुगलीय रसोई से संबंधित है. यह खासतौर से मटन के साथ चावल, मसालों और धनिये के पत्तों से तैयार किया जाता है. मटन बिरयानी के तैयारी के लिए मुलायम मटन के टुकड़े या मटन के गोश्त का उपयोग किया जाता है. इसे साफ-सफाई करके और उबाल कर अधा पका लिया जाता है. बिरयानी के चावल को भी उबालकर अधा पका लिया जाता है और उनमें भी विशेष मसालों का उपयोग किया जाता है. फिर मसालों के साथ मटन के टुकड़े और चावल को अलग-अलग खाने में इस्तेमाल किया जाता है और उन्हें मिलाकर धनिये के पत्तों से सजाकर परोसा जाता है.

टुंडे कबाब

टुंडे कबाब लखनऊ की प्रसिद्ध मुगलीय रसोई का एक प्रमुख डिश है. यह खासतौर से मुगल अवधी रसोई के माहिरों ने विकसित किया था और इसकी प्रसिद्धता उनके खास रेसिपी और विशेषतः तैयारी विधि के कारण है. टुंडे कबाब एक अद्भुत नरमता और ख़ास मसाले से भरे हुए होते हैं. टुंडे कबाब के नाम का उत्पत्ति किसी ने उनके शाखीय नानवेगियन शेफ तुंदे मियां के नाम पर रखा है, जिन्होंने इस डिश के लिए खास मसालों का रहस्यमयी मिश्रण बनाया था. उन्होंने मटन के लम्बे टुकड़ों को सूखी सब्जियों, प्याज़ और विशेष मसालों के साथ मरिनेट किया और उन्हें सूखे खाने के लिए तैयार किया था. इस कबाब के लिए उचित मसालों का उपयोग किया जाता है. जिसमें धनिया पाउडर, जीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला, अदरक-लहसुन की पेस्ट, दही और अन्य सामग्री शामिल होती हैं. इसमें दही के उपयोग से कबाब मुलायम और जुस्तजू बनते हैं. इसे तावे पर तलकर परोसा जाता है, जो उन्हें खासतौर से सूखे हुए और क्रिस्पी बनाता है. ये कबाब अक्सर रोटी, रुमाली रोटी, पराठा या नान के साथ परोसे जाते हैं.

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