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मिशन 2024: यूपी में भाजपा 27 जुलाई से निकालेगी स्नेह यात्रा, पसमांदा मुसलमानों को साधने की तैयारी

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने सियासी समीकरण साधने में जुटी हुई है. यूपी में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर पसमांदा मुसलमानों को लुभाने के लिए 27 जुलाई से स्नेह यात्रा निकाल रही है.

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Lucknow : उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर पसमांदा मुसलमानों को लुभाने के लिए भाजपा 27 जुलाई से स्नेह यात्रा निकालेगी. भारतीय जनता पार्टी ने ‘मिसाइलमैन’ के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर दिल्ली से पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा शुरू करने की योजना बनाई है. यह यात्रा देश के लगभग एक दर्जन राज्यों से गुजरेगी और इसका समापन कलाम साहब की ही जन्मतिथि पर हरियाणा के मेवात में किया जाएगा.

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यात्रा की शुरूआत को हरी झंडी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिखा सकते हैं और इसका समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं. भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि आज अल्पसंख्यक मोर्चा की दिन भर हुई बैठक में यह तय किया गया कि पार्टी पीएम मोदी के निर्देशानुसार देश के पसमांदा मुसलमानों को ‘सम्मान के साथ उत्थान’ की ओर ले जाने के लिए काम करेगी क्योंकि प्रधानमंत्री ने यह कहा था कि देश का मुसलमान तो पिछड़ा है ही लेकिन पसमांदा समाज अति पिछड़ा है और उन्हें देश की विकास यात्रा के साथ जोड़ना है.

जमाल सिद्दीकी ने आगे बताया कि अल्पसंख्यक मोर्चा ने ‘पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा’ शुरू करने का फैसला किया है जिसका पंचलाइन है- सम्मान से उत्थान की ओर. उन्होंने बताया कि मोर्चा देश के मुसलमानों को यह समझाना चाहती है कि उनके हीरो मिसाइलमैन कलाम साहब हैं, औरंगजेब या टीपू सुल्तान नहीं. इसी सोच को सामने रखते हुए पार्टी मिसाइलमैन एवं देश के पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब की पुण्यतिथि पर 27 जुलाई को दिल्ली से पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा शुरू करेगी.

15 अक्टूबर को हरियाणा में होगा पसमांदा समाज का सम्मेलन

यह यात्रा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान होते हुए हरियाणा पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि इस यात्रा का समापन कलाम साहब की जन्मतिथि पर 15 अक्टूबर को हरियाणा के मेवात में किया जाएगा, जहां सबसे ज्यादा पसमांदा समाज के लोग रहते हैं और मोर्चा इस समापन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करेगा.

दिल्ली में हुई बैठक में लिया गया निर्णय

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के मुताबिक भाजपा देशभर में समाज के सभी वर्गों और धर्मों के लोगों तक पहुंचकर उनको अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है. 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा, देश के अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय को लगातार पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है. भाजपा खासतौर से मुस्लिम समाज के सबसे बड़े वर्ग पसमांदा मुसलमानों को लुभाने की कोशिश कर रही है.

अपने अभियान में तेजी लाने और भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की गुरुवार को राजधानी दिल्ली में एक बड़ी बैठक हुई. बैठक में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी एवं राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ-साथ मोर्चे के सभी प्रदेश अध्यक्ष एवं अन्य कई महत्वपूर्ण नेता शामिल हुए. आपको बता दें कि, भाजपा पसमांदा समाज के साथ-साथ देश के सूफी मुसलमानों को भी पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है, जिसे लेकर आज दिल्ली प्रदेश के अल्पसंख्यक मोर्चे के नेताओं और सूफी अभियान से जुड़े नेताओं ने अलग से बैठक की.

कौन हैं पसमांदा समाज

पसमांदा मुस्लिम- दलित और बैकवर्ड मुस्लिम माने जाते हैं. पसमांदा समुदाय काफी समय से सरकारी नौकरियों में कोटा मांगता रहा है. कई राज्य सरकारों ने पसमांदा यानी गरीब मुसलमानों को कोटा भी दिया है. कुल वोट में मुस्लिम 15 फीसदी माना जाता है. अगर 10वां हिस्सा भी भाजपा को वोट देता है तो यह कुल वोट का 1.5 प्रतिशत होगा.

क्यों साधने की कोशिश कर रही भाजपा

आपको बता दें कि पार्टी के कई उम्मीदवार कुछ चुनाव 1 प्रतिशत से भी कम मार्जिन से हारे जाते हैं. ऐसे में यह रणनीति बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है. समझा जा रहा है कि 2024 के आम चुनाव में बीजेपी ज्यादा पसमांदा मुस्लिमों को टिकट दे सकती है, लेकिन उससे पहले समान नागरिक संहिता को लेकर मुस्लिम समाज में कई भ्रम पल रहे हैं, जिन्हें दूर करने की कोशिश की जाएगी. भाजपा का मानना है इस भ्रम को समय रहते दूर करना ज़रूरी है, ऐसे में अल्पसंख्यक मोर्चा इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है.

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