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Ayodhya Ram Mandir: लखनऊ विश्वविद्यालय के आचार्य श्यामलेश तिवारी कराएंगे प्राण प्रतिष्ठा में पूजन, जानें प्लान

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अयोध्या में रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह में होने वाले पूजन में लखनऊ विश्वविद्यालय में प्राच्य संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ. श्यामलेश कुमार तिवारी को भी आमंत्रित किया गया है.

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अयोध्या में रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन 22 जनवरी को होगा. इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में होने वाले पूजन में शामिल होने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में प्राच्य संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ. श्यामलेश कुमार तिवारी को भी आमंत्रण मिला है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने डॉ. श्यामलेश कुमार तिवारी को आमंत्रित किया हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 11 मुख्य पुरोहित की टीम में शामिल होने वाले डॉ. श्यामलेश तिवारी संभवतः काशी से बाहर के इकलौते आचार्य हैं. वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट के नजदीक बसही गांव में जन्में डॉ. श्यामलेश कुमार तिवारी 2001 में ही लखनऊ आ गए थे. लखनऊ विश्वविद्यालय से ही उन्होंने 2002-2004 के बीच स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की फिर बाद में 2008 से 2011 के बीच पीएचडी की उपाधि वृंदा प्रसाद मिश्रा की निगरानी में हासिल की. लखनऊ विश्वविद्यालय प्राच्य संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ. श्यामलेश तिवारी बतौर आचार्य शामिल होंगे. वह 16 जनवरी से शुरू होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अलग-अलग दिन विधि विधान से पूजन कराएंगे.

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इन दोनों लोगों के सुझाव पर मिला निमंत्रण 

बता दें कि डॉ.श्यामलेश तिवारी को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने पत्र भेज कर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने का निमंत्रण दिया है. पत्र में लिखा गया है कि राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण हो रहा है और उसे इस शैली में बनाया जा रहा है कि वह एक हजार वर्षों तक खड़ा रहे. मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का महूर्त निकालने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविण और पूजन विधान का नेतृत्व करने वाले आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के सुझाव पर उनके नाम को चयनित किया गया है. इसलिए वह अयोध्या पहुंचकर पूजन समारोह में अपनी सहभागिता दर्ज कराएं. वहीं चंपत राय की ओर से डॉ. श्यामलेश तिवारी को भेजे गए पत्र में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से आठ दिन पूर्व अयोध्या पहुंचने का अनुरोध किया गया है. मंदिर में पूजन की प्रक्रिया 16 जनवरी से शुरू होगी. ऐसे में उन्हें 15 जनवरी को अयोध्या पहुंचना होगा. जिससे वह पूजन के सभी कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकें.

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इन कार्यक्रमों में होंगे शामिल

16 जनवरी से होगा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू

पूजा का विधान नारदपांचरात्र, स्मृतिग्रंथ, वैष्णवग्रंथ, विविधसंहिता ग्रन्थ एवं गरुण पुराण में वर्णित पूजन विधि के अनुसार कराया जाएगा. इस दौरान आचार्य यजमानों को संकल्प दिलाकर प्रायश्चित कराएंगे. साथ ही गौ दान भी करेंगे.

17 जनवरी को होगा मूर्ति के साथ अयोध्या धाम में भव्य शोभायात्रा

भगवान रामलला की मूर्ति मंत्रोचारण और गाजे-बाजे के साथ नगर भ्रमण के लिए निकलेगा. मूर्ती को यज्ञवेदी के पास ले जाया जाएगा वापस. पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, वेदी पूजन

18 जनवरी को होगी प्राण प्रतिष्ठा की विधि प्रारंभ

यज्ञ मंडल के बार पंचांग पूजन, यज्ञ मंडप में प्रवेश और वेदियों का पूजन होगा.

19 जनवरी को होगा अग्नि स्थापना

अरणी-मंथा की लकड़ी को आपस में रगड़कर अग्नि जलाई जाएगी.

20 जनवरी को होगा मंदिर के गर्भ गृह की वास्तु शांति

मंदिर के गर्भ गृह की वास्तु शांति प्रारंभ की जाएगी. वास्तु वेदि की स्थापना कर वास्तु शांति होगी.

21 जनवरी को होगा रामलला को 125 कलशों से दिव्य स्नान

महाभिषेक स्नान में सर्वोऔषधि से स्नान, केसर के जल, गन्ने के रस के जल, दूध-दही, मधु व विभिन्न प्रकार के फल रस से स्नान कराया जाएगा. रामलला की मूर्ति को अन्नाधिवास, जलाधिवास, फलाधिवास, शैय्याधिवास, प्राण प्रतिष्ठा के गर्भ गृह में कर्मकांड कर प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया प्रारंभ होगी.

22 जनवरी होगा मृगशिरा नक्षत्र में प्राण प्रतिष्ठा

अब गर्भ गृह में भगवान को तय स्थान पर स्थापित कर दिया जाएगा. विभिन्न प्रकार के न्यास को मंत्रों के द्वारा शक्ति प्रदान की जाएगी.

23 जनवरी होगा वेदी और हवन कुंड का विसर्जन

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