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Aaj ka Panchang 18 अक्तूबर 2023: आश्विन शुक्ल पक्ष चतुर्थी उपरांत पंचमी आज, मां कूष्मांडा को ऐसे करें प्रसन्न

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Aaj Ka Panchang 18 October 2023: पंचांग का खास महत्व है. पंचांग के जरिए शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, दिन के अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति आदि का पता चलता है. पंचांग से दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय, सूर्यास्त, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है. इसके जरिए शुभ कार्य का समय जाना जा सकता है.

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Aaj Ka Panchang 18 अक्तूबर बुधवार 2023: पंचांग (Panchang) का खास महत्व है. पंचांग के जरिए शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, दिन के अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति आदि का पता चलता है. पंचांग से दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय, सूर्यास्त, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है. इसके जरिए शुभ कार्य का समय जाना जा सकता है, साथ ही किस समय व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए, इसका भी पता चलता है. सनातन परंपरा में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त पर विशेष ध्यान दिया जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त के दौरान किए गए कार्य से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है. यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. वैदिक शास्त्र के अनुसार, शुभ मुहूर्त वह विशेष समय होता है, जब सौरमंडल में ग्रह और नक्षत्र की स्थिति वशिष्ठ कार्य के लिए शुभ होती है. यही कारण है कि बाधा और समस्याओं को दूर रखने के लिए शुभ मुहूर्त का पालन किया जाता है. पंचांग के मुताबिक आज पितृपक्ष की नवमी का श्राद्ध है. इस दौरान लोग अपने पितरों का श्राद्ध करने के लिए काशी, प्रयागराज जैसे तीर्थस्थल पहुंच रहे हैं. इस दौरान गंगा स्नान का विशेष महत्व है. आज 18 अक्तूबर 2023 दिन बुधवार का पंचांग (Wednesday Panchang) क्या कहता है.

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आज का पंचांग: 18 अक्तूबर बुधवार 2023

  • आश्विन शुक्ल पक्ष चतुर्थी रात -12:42 उपरांत पंचमी

  • श्री शुभ संवत-2080,शाके-1945, हिजरी सन-1444-45

  • सूर्योदय लखनऊ- 06:10

  • सूर्यास्त लखनऊ- 17:31

  • चन्द्रोदय लखनऊ- 09:21

  • चन्द्रास्त लखनऊ- 19:54

  • अमृत कालम् लखनऊ: 10:14 − 11:52

  • सूर्योदय कालीन नक्षत्र-अनुराधा उपरांत ज्येष्ठा, योग-आयुष्मान, करण-व,

  • सूर्योदय कालीन ग्रह विचार-सूर्य- कन्या, चंद्रमा-वृश्चिक, मंगल-तुला, बुध-कन्या, गुरु-मेष, शुक्र-सिंह,शनि-कुंभ, राहु-मेष, केतु-तुला

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इस विधि और मंत्र से करें मां कूष्मांडा की पूजा

शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा करें. कूष्मांडा देवी को ब्रह्मांड की आदिशक्ति माना जाता है. देवी कूष्मांडा की पूजा करते समय पीले रंग के वस्त्र पहनें. पूजा के समय देवी को पीला चंदन ही लगाएं. इसके बाद कुमकुम, मौली, अक्षत चढ़ाएं. पान के पत्ते पर थोड़ा सा केसर लेकर ऊं बृं बृहस्पते नम: मंत्र का जाप करते हुए देवी को अर्पित करें. अब ऊं कुष्माण्डायै नम: मंत्र की एक माला जाप करें और दुर्गा सप्तशती या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें. मां कूष्मांडा को पीला रंग अत्यंत प्रिय है. इस दिन पूजा में देवी को पीले वस्त्र, पीली चूड़ियां और पीली मिठाई अर्पित करें. देवी कुष्मांडा को पीला कमल प्रिय है. इसे देवी को अर्पित करने से साधक को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है.

मां कूष्मांडा मंत्र

  • ऊं जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

  • या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्मांडा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

  • ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै

आज का पंचांग: 18 अक्तूबर बुधवार 2023: चौघड़िया बुधवार

चौघड़िया के बारे में सटीक चौघड़िया सूची के साथ जानें और दिन का सबसे शुभ समय निर्धारित करें. यदि आप कुछ नया शुरू कर रहे हैं या यात्रा पर जा रहे हैं तो चौघड़िया से आप आज के शुभ मुहूर्त या सबसे अच्छे समय को पूर्व निर्धारित कर सकते हैं. जैसा कि नाम से पता चलता है, चौघड़िया, जो कि वैदिक हिंदू कैलेंडर है, जिसमें 96 मिनट की ‘चार घड़ी’ शामिल हैं, जिसमें प्रत्येक घड़ी 24 मिनट के बराबर है.

करने योग्य गति​विधियां

  • प्रातः 06:10 से 07:35 लाभ (नया व्यवसाय, शिक्षा प्रारंभ करें)

  • प्रात:07:30 से 09:00 तक अमृत (सभी प्रकार के कार्य (विशेष रूप से दुग्ध उत्पाद संबंधित)

  • प्रातः 09:00 से 10:25 तक काल (विवाह, धार्मिक, शिक्षा गतिविधियां)

  • प्रातः 10:25 से 11:50 शुभ (विवाह, धार्मिक, शिक्षा गतिविधियां)

  • दोपहर:11:50 से 13:15 तक रोग (वाद-विवाद, प्रतियोगिता, विवाद निपटारा)

  • दोपहरः 13:15 से 14:40 तक उद्वेग (सरकार से संबंधित कार्य)

  • शामः 14:00 से 16:05 तक चर (यात्रा, सौंदर्य, नृत्य, सांस्कृतिक गतिविधियां)

  • शामः 16:05 से 17:31 तक लाभ (नया व्यवसाय, शिक्षा प्रारंभ करें)

उपाय

  • उपायः दुर्गा चालीसा का पाठ करें.

  • आराधनाः ऊं गं गणपतये नमः

  • खरीदारी के लिए शुभ समयः

  • प्रात:07:30 से 09:00 तक

  • राहुकाल: दोपहर 11:51 से 13:16 बजे तक

  • दिशाशूल-ईशान कोण एवं उत्तर

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