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नदियों में बहती लाशों को लेकर योगी आदित्यनाथ ने कही बड़ी बात, बोले – परंपरा के अनुरूप किया गया है काम

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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब देश में रोजाना 4 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो रहे थे, तभी उत्तर प्रदेश के उन्नाव और श्रावस्ती में गंगा नदीं में कई शव उतराते दिखे थे

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लखनऊ : कोरोना की दूसरी लहर के चरमोत्कर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश से बहने वाली गंगा समेत छोटी-बड़ी नदियों में लाशों को बहाने को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बड़ी बातें कह दी हैं. टीवी न्यूज चैनल एबीपी न्यूज की खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल के दौरान नदी में लाशों को बहाने के मामले में कहा कि नदियों में लाशों को बहाने को लेकर कुछ संस्थाओं ने भ्रम फैलाने का काम किया.

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उन्होंने कहा कि नदी के किनारे रहने वाले लोगों ने परंपरा के अनुरूप काम किया, लेकिन इस पर कोई बात सुनने तक को तैयार नहीं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर दुनिया के सामने भारत की छवि धुमिल करने की कोशिश की गई.

गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब देश में रोजाना 4 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो रहे थे, तभी उत्तर प्रदेश के उन्नाव और श्रावस्ती में गंगा नदीं में कई शव उतराते दिखे थे. यही नहीं, इन खबरों के बाद राज्य सरकार पर विपक्ष हमलावर हो गया. वहीं, इसे देश-विदेश के मीडिया में भी इसे लेकर खूब चर्चा हुई. यही नहीं, प्रयागराज में नदीं के किनार शवों को दफनाने को लेकर भी सवाल उठे थे, लेकिन उत्तर प्रदेश के कई गांवों में कुछ खास स्थिति में ये परंपराएं नई नहीं हैं.

बता दें कि जितनी बड़ी संख्या में नदियों में शव बहते हुए देखे गए थे और रेत में उन्हें दफनाया जा रहा था, उससे आशंका पैदा हुई थी कि गांवों में कोविड से मरने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है, जिसके चलते लोगों को ऐसा करना पड़ रहा है. तथ्य ये सामने आए कि हालात ने तस्वीरों को जरूर भयावह बनाया है, लेकिन ये कोई नई परंपरा नहीं हैं.

इसी दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निजी दफ्तर से एक खबर भी ट्वीट की गई थी. इस खबर में उस परंपरा का जिक्र किया गया था, जहां लोग शवों को नहीं में बहाते थे. हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने यहां इन लाशों को नदी के किनारे दफना दिया था, लेकिन नदी के किनारे दफन इन शवों की तस्वीरें खब वायर हुई थीं, जिन्हें लेकर खूब हंगामा मचा था.

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Posted by : Vishwat Sen

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