28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

कालपी से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे स्वतंत्र देव सिंह? 2017 में जीते थे सभी प्रत्याशी, जानें इस सीट का इतिहास

Advertisement

UP Assembly Elections 2022: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वंत्र देव सिंह कालपी से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. यहां से वे पहले भी चुनाव लड़े थे. माना जा रहा है कि इससे बुंदेलखंड में एक अच्छा संदेश जाएगा.

Audio Book

ऑडियो सुनें

UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर सत्तारुढ़ दल भाजपा ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. दिल्ली से लेकर लखनऊ तक बैठकों का दौर जारी है. ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को विधानसभा चुनाव में उतारेगी. कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र की किसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं, जिसके लिए सर्वे भी शुरू कर दिया गया है.

- Advertisement -

महत्वपूर्ण सीट है कालपी

बता दें, भाजपा के नजरिए से कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण सीट कालपी है. यहां से प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह 2012 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. उस समय उन्हे यहां से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार माहौल अलग है. सूबे में भाजपा की सरकार है और वे प्रदेश अध्यक्ष है, लिहाजा यहां के मतदाताओं की नब्ज उन्हें अच्छी तरह पता है. 2017 के विधानसभा चुनाव में कालपी से भाजपा को बड़ी सफलता मिली थी.

2017 में सभी प्रत्याशियों ने दर्ज की थी जीत

बुंदेलखंड क्षेत्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की पकड़ इस बात से भी साबित होती है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में उनके चयनित सभी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी. ऐसे में पार्टी की ओर से बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों पर जनता को संदेश देने के लिए उन्हें यहां या आसपास की विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ाने का प्रयास चल रहा है.

Also Read: UP Assembly Election 2022 : मुस्लिम वोटरों पर भाजपा की नजर, तैयार किया यह मास्टर प्लान
झांसी तक जाएगा संदेश

कालपी विधानसभा सीट से भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष काफी जुड़ाव रहा है. ऐसे में यहां से उनका दोबारा चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. कालपी को बुंदेलखंड का प्रवेश द्वार भी माना जाता है. ऐसे में अगर वह यहां से चुनाव लड़ते हैं तो उसका संदेश झांसी तक जाएगा.

कालपी विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास

कालपी विधानसभा सीट से साल 2017 में भाजपा के कुंवर नरेंद्र पाल सिंह बसपा के छोटे सिंह को हराकर विधायक बने थे. उन्हें एक लाख पांच हजार 988 मत मिले थे, जबकि छोटे सिंह को 54 हजार 504 वोट मिले थे. यहां कुल 3 लाख 77 हजार 554 मतदाताओं में से दो लाख 29 हजार 331 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

इससे पहले साल 2002 में कालपी सीट से बीजेपी के अरुण कुमार मल्होत्रा विधायक बने. उन्होंने सपा के श्रीराम पाल को हराया था. इसके 2007 में बीएसपी के छोटे सिंह सपा के श्रीराम पाल को हराकर विधायक बने. 2012 में कांग्रेस की उमाकांती ने बीएसपी को संजय सिंह को हराया.

Also Read: UP Election 2022 : सीएम योगी के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे अमिताभ ठाकुर, जानें क्या बोले ओम प्रकाश राजभर?
जालौन में आती है कालपी सीट

बता दें, कालपी विधानसभा सीट जालौन में आती है. यह कानपुर-झांसी राजमार्ग पर स्थित है. साल 2011 के अनुसार, यहां की जनसंख्या 51 हजार 670 है. कालपी यमुना नदी के तट पर बसा हुआ है. यहीं महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. ऐसा माना जाता है कि कालपी प्राचीन काल में ‘कालप्रिया’ नगरी के नाम से जानी जाती थी. समय के साथ इसका नाम संक्षिप्त होकर कालपी हो गया. कहा जाता है कि कालपी को चौथी शताब्दी में राजा वसुदेव ने बसाया था. यह अकबर के नवरत्नों में से एक बीरबल का जन्म स्थान भी है.

झांसी से भी चुनाव लड़ने की अटकलें

बता दें, स्वतंत्र देव सिंह का झांसी जिले की दो ग्रामीण सीटों से चुनाव लड़ने की बात भी कही जा रही है. इसमें से एक सीट पर चर्चा ज्यादा है, यहां जो विधायक हैं, उनकी जाति का वोट भी झांसी समेत बुंदेलखंड में काफी है. उनके कामकाज से संघ से लेकर भाजपा आलाकमान तक सभी खुश हैं. इसलिए विधायक की इस सीट से प्रदेश अध्यक्ष चुनाव लड़ सकते हैं. विधायक को बगल की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है.

Also Read: UP में मायागंज के नाम से जाना जाएगा उन्नाव का मियागंज, DM ने योगी सरकार को भेजा प्रस्ताव
स्वतंत्र देव सिंह की कर्मभूमि रही है झांसी-बुंदेलखंड

कानपुर- बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सुधीर मिश्रा के मुताबिक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की झांसी समेत बुंदेलखंड कर्मभूमि रही है. वे युवा मोर्चा के बुंदेलखंड प्रभारी भी रहे हैं. ऐसे में यदि वो झांसी से चुनाव लड़ते हैं तो अभूतपूर्व जीत दर्ज करेंगे. साथ ही इसका फायदा पार्टी को पूरे बुंदेलखंड में होगा.

Posted by : Achyut Kumar

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें