लखनऊ : हाथरस मामले की जांच अब सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वालों तक भी पहुंच गयी है. एडीजी प्रशांत कुमार ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हमने कुछ लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया है जो हाथरस मामले से जुड़ा एक वीडियो वायरल करके सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने में लगे थे. हाथरस पीड़िता के परिजनों को गलत बयान देने के लिए उन पर दबाव डाला जा रहा था, उन्हें पैसे ऑफर किये गये थे उनके खिलाफ भी जांच होगी.

लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में इन सभी मामलों को जोड़ते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है. इसमें जातीय और सांप्रदायिक उन्माद फैलाने, अफवाहों और फर्जी सूचनाओं के जरिए अशांति पैदा करने की साजिश का आरोप है. एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि पीएफआइ समेत कुछ अन्य संगठन प्रदेश में माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहे थे. इस मामले में उनकी संल्पिता की भी जांच होगी.

इस मामले में मीडिया हाउस का नाम जोड़कर फर्जी स्क्रीन शॉट भी वायरल किये गये जिसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर भी थी. इस तस्वीर को सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल किया गया है. इस खबर के संबंध में जब संबंधित न्यूज चैनल से सवाल किया गया तो उन्होंने इस तरह की खबर का खंडन कर दिया. पुलिस जांच में भी इसे फेक पाया गया.

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इस मामले में कई लोगों का नाम अब सामने आ रहा है. पुलिस की नजर कई ऐसे लोगों के फेसबुक और सोशल मीडिया अकाउंट पर है जो इस तरह की खबरें शेयर कर रहे थे. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस तरह के कई और फेक न्यूज शेयर किये गये है जिससे सांप्रदायिक माहौल पर असर पड़ सकता है. पुलिस सूत्रों की मानें तो इस साजिश में पीएफआइ समेत कई संगठनों का हाथ है. इस फर्जी पोस्ट के माध्यम से हाथरस को जोड़कर यूपी का माहौल बिगाड़ने की बड़ी साजिश थी.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak