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Mauni Amavasya 2023: मौनी अमावस्या पर शनि का दुर्लभ संयोग, इन चीजों का करें दान, बनेंगे बिगड़े काम…

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ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक मौनी अमावस्या सूर्य के नक्षत्र उत्तराषाढ़ा में पड़ रही है. इस दिन सूर्य, शनि, शुक्र और चंद्रमा का अद्भुत संयोग रहेगा. जो विशेष फलदायी होगा. इस साल मौनी अमावस्या और शनि अमावस्या साथ ही हैं. इसलिए इस दिन स्नान के बाद शनि देव की पूजा अवश्य करें.

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Mauni Amavasya 2023: माघ मास की अमावस्या इस बार बेहद खास है. मौनी अमावस्या पर इस बार 30 वर्षों के बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है. ये संयोग अपने साथ कई प्रकार के शुभ फल लेकर आया है. इस दौरान धर्म शास्त्रों के मुताबिक उपाय और पूजन अर्चना करने से विशेष शुभ फल प्राप्त होंगे. मौनी अमावस्या इस बार शनिवार को पड़ रही है. इस वजह से शनि अमावस्या भी इसी दिन मनाई जाएगी. इस तरह ये दिन बेहद खास होगा.

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शनि पीड़ा से मिलेगी निजात

ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक मकर राशि में सूर्य और शुक्र की युति खप्पड़ योग भी बना रहा है. ऐसे में इस दिन स्नान, दान और भगवान सूर्य की पूजा से लोगों को शनि पीड़ा से भी निजात मिलेगी. इस दिन की गई पूजा और उपायों से लोगों के बिगड़े काम भी बनने लगेंगे और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा.

दान का है विशेष महत्व

इस बार 21 जनवरी को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) सूर्य के नक्षत्र उत्तराषाढ़ा में पड़ रही है. इस दिन सूर्य, शनि, शुक्र और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे और चार ग्रहों का अद्भुत संयोग रहेगा. जो विशेष फलदायी होगा. शास्त्रों के मुताबिक इस दिन गंगा और संगम में स्नान से पापों से मुक्ति मिलती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं. इस दिन दान का काफी महत्व मना जाता है. इसलिए गुण, तिल और कंबल के दान करना चाहिए. ऐसा करने से शनि संबंधित पीड़ा से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी.

मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त

माघ मास की मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त (Mauni Amavasya 2023 Date) 21 जनवरी 2023 दिन शनिवार को सुबह 06 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रहा है और अगले दिन 22 जनवरी 2023, दिन रविवार को पूर्वाह्न 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो रही है.

यहां स्नान करने से अमृत की बूंदों का मिलता है स्पर्श

ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक इस दिन प्रयाजराज के संगम में स्नान करना विशेष पुण्य दिलाने वाला होता है. मौनी अमावस्या पर जो भी मनुष्य मौन होकर त्रिवेणी में स्नान करता है भगवान उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इसके अलावा हरिद्वार में गंगा, उज्जैन में शिप्रा और नासिक में गोदावरी में मौनी अमावस्या का स्नान करने से ‘अमृत की बूंदों’ का स्पर्श प्राप्त होता है. साथ ही पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

पौराणिक कथाओं के मुताबिक समुद्र मंथन के बाद अमृत कलश के लिए जब देवताओं और असुरों में छीना-झपटी हो रही थी, उस समय अमृत की कुछ बूंदें संगम, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं. इस वजह से उत्तम तिथियों पर यहां स्नान करने से अमृत की बूंदों का स्पर्श प्राप्त होता है.

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सूर्य के मजबूत होने से मिलेगी तरक्की

श्रद्धालु अपनी सुविधा के लिहाज से गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं. इस दिन ब्राह्मण या जरूरतमंदों को दान अवश्य करना चाहिए करता है. ऐसा करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं और उनकी विशेष कृपा मिलती है. ज्योतिष के लिहाज से सूर्य मजबूत होने पर व्यक्ति की सामाजिक और कार्यक्षेत्र में तरक्की का मार्ग प्रशस्त होता है.

ऐसे हासिल करें शनि देव की कृपा

ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक इस साल मौनी अमावस्या और शनि अमावस्या (Shani Amavasya) साथ ही हैं. इसलिए इस दिन स्नान के बाद शनि देव की पूजा करें. उनको काला तिल और सरसों का तेल अर्पित करें, शनि देव की कृपा से आपके दुख दूर हो जाएंगे. साढ़ेसाती और ढैय्या का दुष्प्रभाव भी कम होगा.

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