26.1 C
Ranchi
Tuesday, February 4, 2025 | 12:26 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Chhath Kharna Puja Subh Muhurat: खरना पूजा का शुभ मुहूर्त, जानें सूर्यास्त और सूर्योदय का सही समय

Advertisement

छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहते हैं. छठ खरना की तारीख 29 अक्टूबर दिन शनिवार है. इस पावन दिन व्रती मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाती हैं. उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Kharna Puja subh muhurat 2022: छठ पूजा की शुरुआत 28 अक्टूबर से हो गयी. छठ के दूसरे दिन को खरना कहते हैं. दूसरे दिन यानी 29 अक्तूबर को खरना है. इस दिन सूर्यास्त के बाद गुड़, दूध वाली खीर और रोटी बनाई जाती है. खरना के दिन महिलाएं सूर्य देव को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करती हैं, फिर महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.

- Advertisement -

खरना पूजा के विशेष नियम

खरना पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करने के भी नियम है. पूजा करने के बाद व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के दौरान घर के सभी लोगों को बिल्कुल शांत रहना होता है. मान्यता है कि शोर होने के बाद व्रती खाना खाना बंद कर देते हैं. व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य लोगों में बांटा जाता है और परिवार उसके बाद ही भोजन करता है.

छठ पूजा का विशेष महत्व

सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में यह पर्व काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस पूजा की शुरुआत सूर्य पुत्र और महान योद्धा कर्ण ने की थी. मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव और छठी मईया की पूजा अर्चना करने नि:संतान को संतान की प्राप्ति होती है. संतान की सुख समृद्धि व दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

छठ व्रत, पूजन का दिन और समय

सूर्य षष्टी व्रत आरंभ 28 अक्टूबर शुक्रवार नहाय खाय

सूर्य षष्टी व्रत द्वितीय दिन (खरना) 29 अक्टूबर शनिवार

मुख्य व्रत 30 अक्टूबर दिन रविवार को

सूर्यास्त का समय 05 बजकर 34 मिनट. इस दिन अस्तांचलगामी सूर्य देव को सायंकालीन अर्घ्य का समय शाम 5.29 बजे से 5.39 बजे तक.

31 अक्टूबर को सूर्योदय का समय 6.29 बजे

प्रात: कालीन अर्घ्य सुबह 06.27 से 06.34 बजे तक. उसके बाद पारण प्रसाद ग्रहण

सूर्यास्त का समय

छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती निर्जला उपवास रखते हैं. इस दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस बार संध्या अर्घ्य या अस्तांचलगामी सूर्य को अर्घ्य 30 अक्टूबर रविवार को दिया जायेगा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें