Transfer Policy: यूपी में अब समूह क, ख, ग एवं घ के कर्मचारियों के तबादले के लिए सीएम योगी देंगे मंजूरी
हाल ही में यूपी में कई विभागों में तबादलों को लेकर योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. इसमें स्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण विभाग से लेकर सिंचाई विभाग तक में स्थानांतरण को लेकर विवाद सामने आया था. इसके बाद अब यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बिना कोई तबादला नहीं किया जाएगा.
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Transfer Policy In UP: उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों को लेकर एक बड़ा फेरबदल किया गया है. हाल ही में यूपी में कई विभागों में तबादलों को लेकर योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. इसमें स्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण विभाग से लेकर सिंचाई विभाग तक में स्थानांतरण को लेकर विवाद सामने आया था. इसके बाद योगी सरकार की ओर से यह फैसला लिया है कि अब सीएम योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बिना कोई तबादला नहीं किया जाएगा.
नई तबादला नीति 2022-23 के बाद…
बता दें कि बीते 14 जून को योगी सरकार ने नई तबादला नीति 2022-23 को मंजूरी दी थी. इसके तहत 30 जून तक ही तबादले होने थे. बहरहाल, अब तबादला अवधि तो समाप्त हो चुकी है. इसके बाद कुछ विभागों में ताबदले के आदेश जारी किए गए. इसमें मानकों को लेकर सवाल उठाये गए. कर्मचारी संगठनों की ओर से काफी विरोध तक दर्ज कराया गया. इसी के बाद राज्य सरकार ने यह अहम फैसला किया है.
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पहले क्या होता था, अब क्या होगा?
दरअसल, अब तक प्रदेश में समूह ‘ग’ और ‘घ’ के तबादले विशेष परिस्थितियों में विभागीय मंत्री और शासन से भी कर दिये जाते थे. मगर अब ऐसा संभव नहीं होगा. किसी भी कर्मचारी के तबादले के लिए अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अनुमोदन अनिवार्य हो गया है. यानी यह कहना गलत नहीं होगा कि ट्रांसफर करने का पूरा अधिकार अब सीएम योगी के हाथ में आ गया है. इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से शासनादेश भी जारी कर दिया गया है.
शासनादेश में क्या कहा गया?
इस शासनादेश में कहा गया है कि सरकारी अधिकारियोंऔर कर्मचारियों की वार्षिक स्थानांतरण नीति वर्ष 2022-23 के अनुसार स्थानांतरण सत्र की अवधि की समाप्ति के उपरांत समूह ‘क’, समूह ‘ख’, समूह ‘ग’ एवं समूह ‘घ’ के कार्मिकों के सभी प्रकार के स्थानांतरण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अनुमोदन लेना आवश्यक कर दिया गया है.
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