27.1 C
Ranchi
Monday, February 3, 2025 | 04:38 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

वोकल फॉर लोकल के मंत्र को सिद्ध करेंगी बांस की राखियां, गोरखपुर की कला सजेगी भाइयों की कलाई पर

Advertisement

नेशनल बम्बू मिशन के तहत कैम्पियरगंज के लक्ष्मीपुर में स्थापित सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) से संबद्ध स्वयंसेवी समूह की महिलाओं द्वारा इस रक्षाबंधन पर्व के पहले एक लाख रुपये की कीमत की राखियों को बनाकर बिक्री हेतु उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Gorakhpur News: पीएम मोदी और सीएम योगी के वोकल फॉर लोकल के मंत्र को सिद्ध करने में गोरखपुर में वन विभाग की पहल पर बनवाई जा रही बांस की राखियां भी योगदान देंगी. ईको फ्रेंडली ये राखियां महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन का भी आधार बन रही हैं. नेशनल बम्बू मिशन के तहत कैम्पियरगंज के लक्ष्मीपुर में स्थापित सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) से संबद्ध स्वयंसेवी समूह की महिलाओं द्वारा इस रक्षाबंधन पर्व के पहले एक लाख रुपये की कीमत की राखियों को बनाकर बिक्री हेतु उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है.

- Advertisement -
बेहतर बाजार भी मिलने लगा

महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना केंद्र व प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शुमार है. इसके लिए सरकार कई तरह के कार्यक्रमों व योजनाओं से महिलाओं को जोड़ रही है. ऐसी ही एक योजना नेशनल बम्बू मिशन भी है. यह मिशन ग्रामीण महिलाओं को बांस के उत्पाद बनाने के कार्य से जोड़कर उन्हें रोजगार का मंच उपलब्ध करा रहा है. नेशनल बम्बू मिशन के तहत कैम्पियरगंज के लक्ष्मीपुर में एक सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) की स्थापना की गई है. यहां महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें बांस के खिलौनों, गिफ्ट आइटम्स, ज्वेलरी आदि बनाने में पारंगत किया गया है. अब सीएफसी से संबद्ध स्वयंसेवी समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा तैयार बांस के उत्पादों को बेहतर बाजार भी मिलने लगा है.

बांस की राखियां बनाने का अभिनव प्रयोग

गोरखपुर के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) विकास यादव बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रायः कुछ नया करने को प्रेरित करते हैं. कुछ नया कार्य करने के लिए यह ख्याल आया कि बम्बू मिशन की सीएफसी में बांस की ईको फ्रेंडली राखियां बनवाई जा सकती हैं. इससे लोगों को पर्यावरण के अनुकूल राखियों का विकल्प मिलेगा और बनाने वाली महिलाओं की आमदनी भी बढ़ेगी. समूह की महिलाओं से बात हुई तो वह डीएफओ के विचार पर अमल करने को तैयार हो गईं. उन्हें कच्चा माल उपलब्ध कराया गया और शुरू हो गया बांस की राखियों को बनाने का सिलसिला.

Undefined
वोकल फॉर लोकल के मंत्र को सिद्ध करेंगी बांस की राखियां, गोरखपुर की कला सजेगी भाइयों की कलाई पर 2
महिलाओं ने खुद तय किए डिजाइन

महिलाओं को बांस के सजावटी सामान बनाने का प्रशिक्षण तो मिला है लेकिन प्रदेश में पहली बार बन रही बांस की राखियों की डिजाइन उनकी खुद की है. लक्ष्मीपुर सीएफसी पर राखी बनाने के काम में जुटी बिंदु देवी, राजमती, झिनकी, मीना, मीरा, शीला, संजू और अंजू बताती हैं कि मोबाइल पर राखियों की डिजाइन देखने के बाद उन्होंने कुछ परिवर्तन कर बांस से बनने वाली राखियों के लिए डिजाइन तैयार की. दर्जन भर से अधिक राखियों की डिजाइन तय की गई और उसके अनुरूप लगातार काम जारी है. महिलाओं के उत्साह को देखते हुए इस रक्षाबंधन के पहले तक कुल एक लाख रुपये की कीमत की राखियों को बिक्री हेतु उपलब्ध कराने की तैयारी है.

पूरे साल प्रदर्शित होंगी बांस की राखियां

डीएफओ विकास यादव ने बताया कि बांस की राखियां चिड़ियाघर में नेशनल बम्बू मिशन के स्टाल पर प्रदर्शनी व बिक्री के लिए रखी जाएगी. इसके साथ ही 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस पर योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल सेमिनार में भी इसकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी. चिड़ियाघर के स्टाल में ये राखियां रक्षाबंधन के बाद भी अवलोकन के लिए उपलब्ध रहेंगी ताकि अगले साल के पर्व के पूर्व तक इसकी खासी मांग बढ़े. बांस की राखियों के बाजार में आने से पूर्व बांस के गहनें, श्रृंगारदान, नाइटलैंप, परदे, नेकलेस, ईयर रिंग, फ्लावर स्टैंड, खिलौने आदि बनाने पूरी दक्षता हासिल करने वाली महिलाओं का समूह चिड़ियाघर के आउटलेट से प्रतिमाह 30-35 हजार रुपये प्रतिमाह की कमाई कर रहा है.

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें