22.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 12:36 pm
22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Live-in में रह रही शादीशुदा महिला को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, संरक्षण देने से कोर्ट का इनकार, इतने का लगाया जुर्माना

Advertisement

लिव इन रिलेशन (Live in Relation) में रह रही शादी शुदा महिला को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. अपने फैसले में हाईकोर्ट ने महिला को पहले संरक्षण देने से इनकार कर दिया. उसके बाद उसकी याचिका भी खारिज कर दी. यहीं नहीं, हाईकोर्ट ने याची पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया. Allahabad high court, UP News, live in relation refuse to provide security, High Court Decision.

Audio Book

ऑडियो सुनें

  • लिव इन में रह रही शादीशुदा महिला को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महिला को संरक्षण देने से किया इनकार

  • हाईकोर्ट ने याची पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया

लिव इन रिलेशन (Live in Relation) में रह रही शादी शुदा महिला को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. अपने फैसले में हाईकोर्ट ने महिला को पहले संरक्षण देने से इनकार कर दिया. उसके बाद उसकी याचिका भी खारिज कर दी. यहीं नहीं, हाईकोर्ट ने याची पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया.

यह फैसला इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस केजे ठाकर और जस्टिस दिनेश पाठक की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट ने कहा है कि, हम ऐसे लोगों को संरक्षण देने का आदेश कैसे दे सकते हैं जिसने कानून और हिन्दू मैरेज एक्ट का खुलेआम उल्लंघन किया है. कोर्ट का यह भी कहना है कि अनुच्छेद 21 सभी नागारिकों को जीवन की स्वतंत्रता का अदिकार देता है. लेकिन, यह स्वतंत्रता कानून के दायरे में होनी चाहिए, तभी संरक्षण मिल सकता है.

बता दें, यह मामला यूपी के अलीगढ़ की गीता से जुड़ा है. गीता ने कोर्ट में मामला दायर करते हुए कहा है कि वो अपनी मर्जी से अपने पति को छोड़कर लिव इन में दूसरे शख्स के साथ रह रही है. उसका आरोप है कि उसके पति और ससुराल के लोग उसकी शांतिमय जीवन में हस्तक्षेप कर रहे हैं. इसको लेकर उसने कोर्ट में एक अर्जी दी थी. जिसपर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है.

महिला की याचिका पर हाई कोर्ट ने कहा कि याची वैधानिक रूप से शादीशुदा है. यदि किसी कारण वो अपने पति से अलग किसी और व्यक्ति के साथ रह रही है तो क्या ऐसी स्थिति में उसे अनुच्छेद-21 का लाभ मिल सकता है? कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि महिला के पति ने प्रकृति विरुद्ध अपराध किया है, तब ऐसी स्थिति में याची महिला को प्राथमिकी (377 आइपीसी के तहत) दर्ज करानी थी. लेकिन महिला ने ऐसा नहीं किया.

Also Read: Earthquake News: देश के तीन राज्य असम, मेघालय और मणिपुर की हिली धरती, महसूस किए गए भूकंप के झटके, जानें कितनी तीव्रता का भूकंप होता है खतरनाक

Posted by: Pritish Sahay

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें