14.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 03:24 am
14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

GSVM Kanpur: बंद हुआ 40 साल पुराना स्पीच थेरेपी सेंटर, 50 हजार बच्चों का हो चुका इलाज

Advertisement

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (GSVM Medical College) में 1982 में स्पीच थेरेपी सेंटर खोला गया था. 40 वर्षों से सेंटर में हकलाने (Stammer) वाले बच्चों का इलाज हो रहा था. अब यह बंद हो गया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Kanpur: कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (GSVM Medical College) में बना स्पीच थेरेपी सेंटर बंद हो गया. इस सेटर को डॉ. एके पुरवार चला रहे थे.फिलहाल वह दो माह पहले रिटायर हो गए. उनके रिटायरमेंट के बाद से सेंटर में ताला लगा हुआ है. सेंटर में उनकी जगह अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हो सकी है.सेंटर बंद होने से बोलने में दिक्कत या हकलाहट (Stammer) वाले बच्चों को बिना इलाज के ही वापस जाना पड़ रहा है.

1982 में खुला था स्पीच थेरेपी सेंटर

जीएसवीएएम मेडिकल कॉलेज (GSVM Medical College) में 1982 में स्पीच थेरेपी सेंटर को खोला गया था. 40 वर्षों से सेंटर में हकलाने (Stammer) वाले बच्चों का इलाज हो रहा था. डॉ. एके पुरवार ने 40 साल में करीब 50 हजार बच्चों की हकलाहट को दूर किया. वह बताते है कि बच्चों की हकलाहट की वजह से माता-पिता तनाव में रहते हैं, क्योंकि माता-पिता को बच्चों के भविष्य की चिंता सताती है. स्पीच थेरेपी के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है.

थेरेपी से हकलाहट (Stammering) होती है दूर

डॉ. एके पुरवार बताते है कि हकलाहट (Stammer) को लेकर कई मिथ हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि जीभ-जुड़ना, कड़वा या मीठा खिलाने से नहीं बल्कि स्पीच थेरेपी के जरिए ही हकलाहट को दूर किया जा सकता है. मेडिकल कॉलेज के डॉ. मनीष सिंह बताते है कि बाएं हाथ से काम करने वालों के दिमाग का दायां हिस्सा और दाएं हाथ से काम करने वालों का बायां हिस्सा अधिक सक्रिय होता है. संयोजिका तंत्र मस्तिष्क के दाएं और बाएं सेरेब्रल को जोड़ने का काम करता है. जो लोग हकलाते हैं, उनमें संयोजिका तंत्र कमजोर होता है. अगर इस बीमारी का समय से इलाज कराया जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें