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झारसुगुड़ा : पुल का निर्माण पूरा होने को लेकर अनिश्चितता, दोबारा टेंडर प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार

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झारसुगुड़ा सदर ब्लॉक में जमेरा के पास ईब नदी पर लंबे समय से पुल का निर्माण चल रहा है. विलंब और अनसुलझे लागत के कारण इसके पूरा होने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.

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झारसुगुड़ा. झारसुगुड़ा सदर ब्लॉक में जमेरा के पास ईब नदी पर लंबे समय से पुल का निर्माण चल रहा है. विलंब और अनसुलझे लागत के कारण इसके पूरा होने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. शुरुआत में झारसुगुड़ा और ब्रजराजनगर के बीच संपर्क को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन की गयी इस परियोजना को 2018 में शुरुआत के बाद से कई अड़चनों का सामना करना पड़ा है. सरकार ने 18 स्पैन वाले 630 मीटर लंबे पुल के निर्माण के लिए 49.01 करोड़ रुपये का अनुदान मंजूर किया था. झारसुगुड़ा पूर्व (सड़क और भवन) विभाग द्वारा एक निविदा जारी की गयी थी, और श्री बालाजी इंजीकॉन्स प्राइवेट लिमिटेड झारसुगुड़ा को इसका ठेका मिला था.

17 मार्च, 2021 को परियोजना पूरी होनी थी

परियोजना को 17 मार्च, 2021 को पूरा करने की डेडलाइन रखी गयी थी. हालांकि, इस समय सीमा से लगभग तीन साल बाद, पुल का केवल आधा हिस्सा ही बना पाया है. जिसमें लगभग 19 करोड़ रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं. शुरुआती निर्माण में देरी के पीछे कोविड-19 की महामारी को बताया गया था. लॉकडाउन और शटडाउन के कारण इसका निर्माण कार्य बाधित रहा. वहीं ठेकेदार ने निर्माण सामग्री के लिए बाजार मूल्य में वृद्धि के कारण लागत संरचना में संशोधन की बाद में मांग कर दी. जिसके बाद काम बंद हो गया और नौकरशाही में गतिरोध लंबे समय तक बनी रही. परियोजना की संशोधित लागत संरचना को समय पर मंजूरी नहीं दी गयी, जिसके परिणामस्वरूप उच्च अधिकारियों द्वारा फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. बाद में परियोजना को लेकर हो रहे विलंब को देखते हुए निर्माण विभाग के सचिव के साथ विभागीय अधिकारियों ने चर्चा की. हाल ही में शेष कार्य को पूरा करने के लिए नई निविदाएं आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है. अब इस प्रस्ताव को उच्च अधिकारियों को सौंप दिया गया है, मंजूरी मिलने पर निविदाएं आमंत्रित की जायेंगी.

पुल बनने से कम हो जायेगी झारसुगुड़ा ब्लॉक और ब्रजराजनगर की दूरी

इस पुल का पूरा होना कई कारणों से महत्वपूर्ण है. यह झारसुगुड़ा ब्लॉक और ब्रजराजनगर के ग्रामीण क्षेत्रों के बीच यात्रा के समय को काफी कम कर देगा. इसके अलावा यह राष्ट्रीय राजमार्ग-49 पर पुराने, जीर्ण-शीर्ण पुल पर घातक यातायात समस्याओं को भी कम करेगा. बेहतर कनेक्टिविटी से स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. जिससे ब्रजराजनगर के पास रामचंडी मंदिर जैसे आकर्षक स्थलों तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्वी (सड़क और भवन) विभाग की निष्क्रियता ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अधर में लटका दिया है. स्थानीय लोग अब टेंडर प्रक्रिया के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि निर्माण कार्य आखिरकार पूरा हो सके. पुल का पूरा होना जिले के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिससे परिवहन के बुनियादी ढांचे में वृद्धि होगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, जब तक टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया जाता और निर्माण फिर से शुरू नहीं हो जाता, तब तक पुल का भविष्य अनिश्चित ही बना रहेगा.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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