15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

केंद्रीय विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं की कमी, सीटों में करनी पड़ रही है कटौती

Advertisement

रेलवे कर्मचारियों के बच्चों के लिए रेलवे की जमीन पर 1987 में स्थापित झारसुगुड़ा केंद्रीय विद्यालय अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और फंडिंग के कारण चुनौतियों का सामना कर रहा है. जिससे नामांकन में गिरावट आयी है और शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित करना पड़ा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

झारसुगुड़ा. रेलवे कर्मचारियों के बच्चों के लिए रेलवे की जमीन पर 1987 में स्थापित झारसुगुड़ा केंद्रीय विद्यालय अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और फंडिंग के कारण चुनौतियों का सामना कर रहा है. बढ़ती मांग के बावजूद स्कूल को नये छात्रों के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या कम करनी पड़ी है, जिससे नामांकन में गिरावट आयी है और शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित करना पड़ा है.

कक्षाओं की कमी के कारण घटे सेक्शन

प्रधानाचार्य हीरालाल प्रधान ने बताया कि सीटों में कमी मुख्य रूप से खराब बुनियादी ढांचे के कारण है. शुरुआत में स्कूल प्रति कक्षा एक सेक्शन के साथ संचालित होता था. रेलवे की 14.6 एकड़ जमीन पर अपनी खुद की ए-1 श्रेणी की इमारत बनाने के बाद, स्कूल ने पहली से 12वीं तक के बच्चों के लिए 17 कक्षाओं का विस्तार किया. हालांकि कक्षाओं की कमी के कारण कक्षा 1 से 6 तक अब प्रत्येक में केवल एक सेक्शन है, जबकि पहले दो सेक्शन थे. इसके परिणामस्वरूप प्रति कक्षा छात्रों की संख्या 80 से घटकर 40 हो गयी है. पर्याप्त कक्षाओं की कमी एक बढ़ती हुई चिंता है. यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो इस वर्ष कक्षा-7 के लिए भी इसी तरह सीटों में कटौती की उम्मीद है. स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि देश भर में केंद्रीय विद्यालयों की संख्या में वृद्धि जारी है, फिर भी झारसुगुड़ा के स्कूल में बुनियादी ढांचे के मुद्दों के कारण क्षमता में कमी आ रही है.

खेल का मैदान का भी अभाव

केंद्रीय विद्यालय में उपयुक्त खेल के मैदान का अभाव है, जिससे छात्रों को परिसर के भीतर खुले स्थानों पर खेलने के लिए मजबूर होना पड़ता है. यह कमी कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को प्रभावित करती है, जिससे उनकी मनोरंजक और शारीरिक गतिविधियां सीमित हो जाती हैं. जिला प्रशासन से बार-बार अपील करने के बावजूद इन मुद्दों को हल करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. हालांकि, पीएम श्री योजना में स्कूल को शामिल करने के बाद फंडिंग में वृद्धि और बुनियादी ढांचे में सुधार की उम्मीद है. झारसुगुड़ा में केंद्रीय विद्यालय इस औद्योगिक जिले में एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान के रूप में खड़ा है. इसकी बढ़ती छात्र आबादी की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने और एक अनुकूल शिक्षण वातावरण सुनिश्चित करने के लिए इसकी बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करना आवश्यक है.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें