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बेल बागी लाकड़ा ने की आदि धर्म को संवैधानिक मान्यता देने की मांग, आरएमसी के सामने पादा पाड़हा ने किया प्रदर्शन

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आजादी के 76 साल बाद भी मूलवासी आदिवासियों का अपना धर्म होने के बावजूद इसे धार्मिक मान्यता नहीं मिली है. जिससे वे शोषण का शिकार हो रहे हैं. हमारी मांग है कि हमें भी सैंवाधानिक मान्यता प्रदान की जाये.

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आदि धर्म को संवैधानिक मान्यता प्रदान करने की मांग को लेकर पादा पाड़हा की ओर से शनिवार को राउरकेला महानगर निगम के सामने स्थित फिटनेस पार्क के पास प्रदर्शन किया गया. मौके पर राजी पाड़हा के राज्य बेल बागी लाकड़ा की अगुवाई में एक जनसभा आयोजित की गयी. जिसमें बागी लाकड़ा ने कहा कि लगातार मांग करने के बावजूद सरकार हमें मान्यता नहीं दे रही है. लिहाजा हम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर दोबारा अपनी मांग कर रहे हैं. भारत में आदिवासियों को छोड़कर अन्य सभी संप्रदाय के धार्मिक विश्वास के अनुसार हिंदू, मुस्लिम, इसाई, सिख, जैन व बौद्ध धर्म को धार्मिक मान्यता मिली हुई है. सभी के लिए धार्मिक कोड बनाकर सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक सुरक्षा की जा रही है. लेकिन आजादी के 76 साल बाद भी मूलवासी आदिवासियों का अपना धर्म होने के बावजूद इसे धार्मिक मान्यता नहीं मिली है. जिससे वे शोषण का शिकार हो रहे हैं. हमारी मांग है कि हमें भी सैंवाधानिक मान्यता प्रदान की जाये. इस समावेश में अन्य में राजी पाड़हा भारत के कोटवार कैप्टन लोहार ओराम, राजी पाड़हा के राजी देवान फाउदा पाड़हा, पादा पाड़हा के बेल विनोद भगत शामिल हुए. काफी संख्या में आदिवासियों ने इस समावेश में भाग लिया.

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