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Bhubaneswar News: भगवान जगन्नाथ की भूमि के खरीदारों, विक्रेताओं और सब-रजिस्ट्रारों पर होगी कार्रवाई : कानून मंत्री

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Bhubaneswar News: भगवान जगन्नाथ की भूमि की अवैध खरीद-बिक्री में संलिप्त लोगों को ओडिशा के कानून मंत्री ने चेतावनी दी है. कहा कि सब-रजिस्ट्रारों पर भी कार्रवाई की जायेगी.

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Bhubaneswar News: भगवान जगन्नाथ की भूमि की अवैध बिक्री के मामले में कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने रविवार को चेतावनी दी कि यदि मंदिर की भूमि को अवैध रूप से बेचा गया, तो खरीदारों, विक्रेताओं और संबंधित सब-रजिस्ट्रारों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भगवान जगन्नाथ की भूमि की अवैध बिक्री बर्दाश्त नहीं की जायेगी. ऐसे किसी भी लेन-देन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि पुरी के बसलीसाही भूमि घोटाला मामले में सख्त कदम उठाये जायेंगे. इसके साथ ही उन्होंने यह खुलासा किया कि कानूनी विभाग मंदिर की अतिक्रमित भूमि को बेचने की योजना बना रहा है, जिससे एक कोष स्थापित किया जा सके.

अतिक्रमित भूमि के निबटारे की व्यवस्था की जायेगी

पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि 2003 की नीति के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की अतिक्रमित भूमि के निबटारे की व्यवस्था की जायेगी. पुरी और राज्य के अन्य क्षेत्रों में लंबे समय से कई लोग भगवान की भूमि पर कब्जा किये हुये हैं. यह पहल अतिक्रमण हटाने और ₹8,000 से ₹10,000 करोड़ तक का कोष स्थापित करने में सहायक हो सकती है. छोटी भूमि के टुकड़े किफायती दरों पर बेचे जायेंगे. उन्होंने बताया कि श्रीमंदिर की नयी प्रबंधन समिति के गठन के बाद भगवान जगन्नाथ की सभी भूमि का निबटारा किया जायेगा, क्योंकि अधिकतर भूमि पर अवैध कब्जा है. यह समस्या केवल पुरी तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी भगवान जगन्नाथ की भूमि पर कई लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है.

मानक या बाजार मूल्य पर होगी जमीन की बिक्री

पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि जैसे ही जमीनें अतिक्रमणकारियों से मुक्त होंगी, हम एक कोष स्थापित करेंगे. यदि कोई व्यक्ति उस भूमि को खरीदना चाहता है, जिस पर उसने कब्जा कर रखा है, तो उसे भूमि का मानक या बाजार मूल्य चुकाना होगा. यदि सब कुछ ठीक रहा, तो हमें ₹8,000-10,000 करोड़ का कोष बनने का विश्वास है. उन्होंने बताया कि प्रारंभ में, हमारा ध्यान ओडिशा में भूमि पर होगा. इसके बाद देश के अन्य हिस्सों में भगवान जगन्नाथ की संपत्तियों की पहचान करने के लिए कदम उठाये जायेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी हुई है.

एसजेटीए ने थाना में दर्ज करायी जमीन धोखाधड़ी की शिकायत

ओडिशा के पुरी में श्रीमंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने भगवान जगन्नाथ की मतिटोता मौजा स्थित जमीन की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए बसलिसाही थाना में शिकायत दर्ज करायी है. इसमें कहा गया है कि भू-माफियाओं ने मतिटोटा मौजा, यूनिट नंबर-1, खाता नंबर-38 के कुल 109 प्लॉटों पर कब्जा करने का प्रयास किया है, जो भगवान जगन्नाथ की संपत्ति है. इस तरह के अवैध कृत्य को कतई बर्दाश्त नहीं करने की बात कहते हुए श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने जिला कलेक्टर और एसपी से इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. कहा कि भगवान श्री जगन्नाथ महाप्रभु की जमीन का इस तरह अवैध हस्तांतरण पूरी तरह से अवैध है. ऐसा करने से व्यक्ति खुद भी धोखाधड़ी का शिकार होगा और उसे कानून के अनुसार सजा भी मिलेगी. इसलिए श्रीमंदिर मंदिर प्रशासन ने लोगों और संस्थाओं को इस तरह के अवैध हस्तांतरण से बचने की सलाह दी है. धोखाधड़ी के बारे में पूछे जाने पर पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वांई ने कहा कि इस धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. बदमाशों ने नोटरी करवाकर इन जमीनों को हड़पने की कोशिश की है, जबकि ये जमीनें किसी के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं हैं. संबंधित सरकारी अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और भगवान जगन्नाथ की जमीनों की सुरक्षा के लिए आवश्यक और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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