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12 महीनों में 20 बार खरीदी और बेची गई एक ही बिल्‍डिंग, जानकर मालिक के उड़े होश; पढ़ें पूरी खबर

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मकान के मालिकों के नाम से फर्जी आधार बनाया गया, जिसमें नाम असली थे, लेकिन फर्जी फोटो का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस ने बताया कि पिछले साल इस मकान को एक दंपति को भी 1 करोड़ रुपये में बेचा गया था.

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आपने फर्जीवाडें की कई कहानियां सुनी होंगी, लेकिन आज जो हम बताने जा रहे हैं, जानकार सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. दरअसल, यह मामला पुणें का है, जहां एक चार मंजिला मकान को 12 महीने में 20 बार खरीदा और बेचा गया है. बताया ये भी जा रहा है इस फर्जीवाड़े की जानकारी इमारत के मालिक तक को नहीं थी, और कई बैंक के पास भी मकान को गिरवी रखा गया है.

जानें क्या है पूरा मामला

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे के कोंढवा में एक नंदनवन नामक मकान को आरोपियों ने निशाना बनाया गया है. यह मकान किरण चड्ढा, समुन खंड़गले, नीरू गुप्ता और अंजलि गुप्ता के नाम पर है. इसका निर्माण साल 2005 में किया गया था. मकान के मालिकों ने बताया कि इसे बेचने के लिए साल 2021 में रियल एस्टेट के कारोबारियों से संपर्क किया गया था और मकान के दस्तावेज साझा किए गए थे. इसके बाद से फर्जीवाड़ा किया जाने लगा.

100 से अधिक लोगों ने मकान मालिक से की मुलाकात

हेराफेरी के खेल में फर्जी आधार कार्ड का सहारा लिया गया है. मकान के मालिकों ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि रियल एस्टेट और बैंक के अधिकारियों के नाम से 100 से अधिक लोगों ने उनसे मुलाकात की है. इसके बाद से मकान को बेचे जाने की खबरें सामने आई. पुलिस ने बताया कि मकान के मालिकों के नाम से फर्जी आधार बनाया गया, जिसमें नाम असली थे, लेकिन फर्जी फोटो का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने बताया कि पिछले साल इस मकान को एक दंपति को भी 1 करोड़ रुपये में बेचा गया था. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है कि क्या पैसों का लेनदेन हुआ है या सिर्फ कागज का खेल किया गया है.

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बैंकों ने दिए जांच के आदेश

मकान को अलग अलग बैंकों के पास गिरवी भी रखा गया है. जानकारी के अनुसार नंदनवन मकान के नाम पर अबतक 2 कोरड़ रुपये से अधिक का लोन लिया गया है. वहीं, इस मामले के सामने आते ही बैंकों ने भी जांच के आदेश दिए हैं.

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