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बीएमसी का सीरो सर्वे : मुंबई के 50 फीसदी से अधिक बच्चों में कोरोना को मात देने की ताकत है मौजूद, आने वाली है तीसरी लहर

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बीएमसी के बीवाईएल नायर अस्पताल और कस्तूरबा मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (केएमडीएल) की ओर से यह सर्वे किया गया है. इसमें यह भी पता चला है कि एंटीबॉडी वाली बाल चिकित्सा आबादी का अनुपात पहले के सीरो-सर्वेक्षण की तुलना में बढ़ गया है.

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मुंबई : देश में कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है और आशंका जाहिर की जा रही है कि इसकी शुरुआत महाराष्ट्र से ही होगी, जो 2 से 12 साल के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी. लेकिन, महाराष्‍ट्र में कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. कहा यह जा रहा है कि यह लहर बच्‍चों को सबसे ज्‍यादा प्रभावित करेगी. इस बीच, बृह्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) की ओर से बच्चों पर किए गए सीरो सर्वे से पता चला है कि मुंबई में एक से 18 साल के 51.18 प्रतिशत बच्चों में कोरोना वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी मौजूद हैं. बीएमसी ने कहा कि अप्रैल और जून के बीच हुए सर्वे में कुल 2,176 नमूनों की जांच की गई.

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बीएमसी के बीवाईएल नायर अस्पताल और कस्तूरबा मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (केएमडीएल) की ओर से यह सर्वे किया गया है. इसमें यह भी पता चला है कि एंटीबॉडी वाली बाल चिकित्सा आबादी का अनुपात पहले के सीरो-सर्वेक्षण की तुलना में बढ़ गया है.

सीरो-सर्वेक्षण में लोगों के समूह के रक्त सीरम का परीक्षण किया जाता है. इसके निष्कर्षों का उपयोग रुझानों की निगरानी के लिए किया जाता है. चूंकि, कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के ज्‍यादा प्रभावित होने की बात कही जा रही है. ऐसे में, बीएमसी ने दूसरी लहर के दौरान ही बच्‍चों का सीरो-सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था.

बीएमसी ने कहा कि महामारी की शुरुआत के बाद किया गया यह तीसरा सीरो-सर्वेक्षण था. यह सर्वेक्षण 1 अप्रैल से 15 जून के बीच किया गया था, जिसमें पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं से 2,176 रक्त के नमूने एकत्र किए गए थे.

इनमें आपली चिकित्सा नेटवर्क और बीएमसी के नायर अस्पताल से लिए गए 1,283 नमूने और 24 नगरपालिका वार्डों में दो निजी प्रयोगशालाओं के नेटवर्क से लिये गए 893 नमूने शामिल थे. इस अध्ययन के प्रमुख निष्कर्षों में यह बात निकलकर आई है कि 50 फीसदी से अधिक बच्चे पहले ही सार्स-कोव-2 की चपेट में आ चुके हैं.

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Posted by : Vishwat Sen

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