21.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 12:22 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जबलपुर के 59 अनाथ बच्चों के अभिभावक बने ‘मामा’ शिवराज सिंह चौहान, भरण-पोषण के साथ पढ़ाई का किया इंतजाम

Advertisement

Jabalpur, Orphan children, Shivraj Singh Chauhan, Guardian : भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार जबलपुर के 59 बेसहारा बच्चों की अभिभावक बनी है. 'मामा' के रूप में जाने-जानेवाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन अनाथ बच्चों के अभिभावक बन कर इनके भरण-पोषण और पढ़ाई का इंतजाम किया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार जबलपुर के 59 बेसहारा बच्चों की अभिभावक बनी है. ‘मामा’ के रूप में जाने-जानेवाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन अनाथ बच्चों के अभिभावक बन कर इनके भरण-पोषण और पढ़ाई का इंतजाम किया है.

- Advertisement -

जानकारी के मुताबिक, कोरोना काल में माता-पिता की असमय मौत के बाद अनाथ हुए जबलपुर जिले के 59 बच्चों के लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना वरदान साबित हुई है. अब मुख्यमंत्री ने अनाथ हुए बच्चों के अभिभावक बन कर भरण-पोषण और पढ़ाई-लिखाई का इंतजाम किया है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘मामा’ होने का फर्ज निभाते हुए अनाथ हुए बच्चों के लिए सहारा बने हैं. शांतिनगर निवासी बीकॉम प्रथम वर्ष के 19 वर्षीय छात्र अर्चित अनमोल जैन के पिता अरविंद जैन की दो अप्रैल और मां संगीता जैन की 18 अप्रैल को कोरोना से मृत्यु हो गयी थी.

ऐसे में अर्चित और उसकी बड़ी बहन समीक्षा जैन के सामने भरण-पोषण के साथ पढ़ाई की समस्या आ खड़ी हुई. इस मुश्किल घड़ी में मुख्यमंत्री चौहान द्वारा घोषित मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अर्चित के जीवन का सहारा बनी. अर्चित की संरक्षक बनी उसकी बड़ी बहन समीक्षा ने बताया कि 21 जुलाई को पांच हजार रुपये की सहायता राशि मिल गयी है, अभी खाद्यान्न भी मिलेगा.

बाई का बगीचा निवासी 19 वर्षीय कर्मेश बोहरे ने बताया कि बीते 10 अप्रैल को उनके पिता राजेश बोहरे का निधन हुआ था, जबकि माता नमिता बोहरे की साल 2015 में ही निधन हो गया था. पहले माता और उसके बाद पिता की मृत्यु से मेरी जिंदगी में अंधेरा छा गया था. लेकिन, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना मेरे जैसे अनाथ हुए बच्चों के लिए सरकार की अच्छी पहल है.

शासकीय कला निकेतन पॉलिटेक्निक कॉलेज से प्रिंटिंग में डिप्लोमा कोर्स कर रहे कर्मेश बोहरे कहते हैं, उनके चाचा संतोष बोहरे उनके संरक्षक बने हैं. उनके खाते में भी पांच हजार रुपये आ चुके हैं. जल्दी ही नि:शुल्क खाद्यान्न भी मिलेगा. इस मुश्किल घड़ी में भरण-पोषण और पढ़ाई-लिखाई का इंतजाम कर सरकार ने चिंता मुक्त कर दिया है.

मालूम हो कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत पांच हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नि:शुल्क खाद्यान्न के साथ-साथ नि:शुल्क पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार की ओर से की जा रही है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें