28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव : बीजेपी ने कुशल रणनीतिकार नरेंद्र सिंह तोमर को बनाया चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक

Advertisement

नरेंद्र सिंह तोमर मध्यप्रदेश के मुरैना संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं. उनका जन्म मुरैना जिले के पोरसा में 12 जून 1957 को हुआ है. उन्होंने स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की है और इसी दौरान उनका झुकाव राजनीति की ओर हो गया था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया है. पार्टी ने आज इस संबंध में आदेश जारी किये. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के नाम से जारी पत्र में यह बताया गया है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है.

- Advertisement -

मुरैना से सांसद है नरेंद्र सिंह तोमर

नरेंद्र सिंह तोमर मध्यप्रदेश के मुरैना संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं. उनका जन्म मुरैना जिले के पोरसा में 12 जून 1957 को हुआ है. उन्होंने स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की है और इसी दौरान उनका झुकाव राजनीति की ओर हो गया था. वे छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. छात्र जीवन के बाद वे ग्वालियर नगर निगम के पार्षद भी रहे और उसके बाद पूरी तरह राजनीति में सक्रिय हो गये . 1977 में नरेंद्र सिंह तोमर भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष बनाये गये.


कुशल राजनेता हैं तोमर

नरेंद्र सिंह तोमर के बारे में यह कहा जाता है कि उनकी संगठनात्मक क्षमता बहुत ही खास है. वे एक कुशल राजनेता के साथ-साथ बेहतरीन रणनीतिकार भी हैं. नरेंद्र सिंह तोमर के बारे में यह कहा जाता है कि वे बात कम और काम ज्यादा करने पर फोकस करते हैं. नरेंद्र सिंह तोमर वर्ष 2009 में पहली बार लोकसभा के सदस्य चुने गये थे. नरेंद्र सिंह तोमर 1998 में ग्वालियर से विधायक निर्वाचित हुए थे . नरेंद्र सिंह तोमर मध्यप्रदेश में उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में कई महत्वपूर्ण विभागों को संभाल चुके हैं.

क्या है मध्यप्रदेश का गणित

मध्यप्रदेश में अभी शिवराज सिंह चौहान की सरकार है. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी किसी भी कीमत पर इस प्रदेश को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती है. यही वजह है कि बीजेपी ने मध्यप्रदेश चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है. मध्यप्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीट हैं, जिनमें से 130 सीट अभी बीजेपी के पास है. वहीं कांग्रेस के पास 96 विधानसभा सीटें हैं, जबकि 4 सीट अन्य विपक्षी पार्टियों के पास है. यानी कि भाजपा यहां मजबूत स्थिति में है और पार्टी किसी भी हालत में इस स्थिति की गंवाना नहीं चाहती है. केंद्रीय संगठन ने प्रदेश में चुनाव की कमान संभाल ली है. कुछ ही दिनों पहले गृहमंत्री अमित शाह एमपी गये थे और वहां की स्थिति की जानकारी ली थी. उन्होंने जमीनी जानकारी तो ली ही साथ ही बीजेपी नेताओं को जीत का गुर भी सिखा गये. बीजेपी ने चुनाव के लिए पार्टी का साॅन्ग भी जारी कर दिया है, जिसके बोल हैं- मोदी के मन में बसे एमपी और एमपी के मन में मोदी…इस गाने से यह स्पष्ट है कि पार्टी मध्यप्रदेश का चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ेगी.

मध्यप्रदेश चुनाव पर केंद्र की नजर

बीजेपी के लिए मध्यप्रदेश का चुनाव बहुत ही खास है क्योंकि यह हिंदी पट्टी में एक तरह से नाक की लड़ाई है. यही वजह है कि पार्टी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को एमपी में चुनाव प्रभारी बनाया है, जबकि सह प्रभारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हैं. यह दोनों ही नेता पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खास माने जाते हैं. यह सूचना भी है कि पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह, चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव शनिवार को भोपाल पहुंचेंगे और वे 17 जुलाई तक भोपाल में रहेंगे. इन दो दिनों में ये नेता चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे और विधायकों से भी रिपोर्ट लेंगे . बताया जा रहा है दोनों नेता विधानसभा चुनाव को लेकर गठित होने वाली समितियों के पदाधिकारियों के नामों को अंतिम रूप भी देंगे.

साल के अंत में चुनाव, जनता का फीडबैक महत्वपूर्ण 

मध्यप्रदेश विधानसभा का चुनाव इस वर्ष के अंत में होना है, लेकिन पार्टी ने तैयारी पहले से ही शुरू कर दी है. प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव चुनाव समितियों के पदाधिकारियों के नाम तय करने के साथ विधायकों के साथ भी वन-टू-वन चर्चा करेंगे. इसका मूल उद्देश्य विधायकों के परफार्मेंस का आकलन है जिसके आधार पर पार्टी टिकट का बंटवारा करेगी. पार्टी इस बार टिकट देने से पहले आम जनता का फीड बैक भी लेने के मूड में है, ताकि चुनाव में उन्हें आसानी हो और सीट खोने का खतरा कम हो.

कौन होगा मुख्यमंत्री का चेहरा

मध्यप्रदेश चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? यह भी एक बड़ा सवाल है. कयास लगाये जा रहे थे कि शायद बीजेपी मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दे. इसकी बड़ी वजह यह थी कि कुछ एेसी घटनाएं सामने आयीं थीं जिनसे यह पार्टी के इमेज को झटका लगा है. कांग्रेस ने बीजेपी को दलित और आदिवासी विरोधी पार्टी बताने में कोई कमी नहीं छोड़ी है. हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डैमेज कंट्रोल किया, जिसका फायदा उन्हें मिला और अमित शाह ने अपने दौरे के दौरान यह कह दिया कि नेतृत्व में कोई परिवर्तन नहीं होगा.

Also Read: बिहार: चिराग पासवान से दूसरी बार मिले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, मांझी को भी मिला जेपी नड्डा का लेटर

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें