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Lok Sabha Election 2024: खगड़िया सीट पर आमने-सामने की टक्कर…

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खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में जिले के चार विधानसभा क्षेत्र परबत्ता, बेलदौर, खगड़िया, अलौली के साथ सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र और समस्तीपुर जिले का हसनपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल है.

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राजकिशोर, खगड़िया

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Lok Sabha Election 2024 लोजपा संस्थापक स्व रामविलास पासवान के गृह क्षेत्र में मुकाबला दिलचस्प हो गया है. तीसरे चरण में सात मई को मतदान होगा. एनडीए गठबंधन में यह सीट लोजपा आर के खाते में आयी है. इस बार लोजपा आर ने व्यवसायी राजेश वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. उनके सामने महागठबंधन से सीपीएम के संजय कुमार हैं. इस सीट पर पिछले दो चुनावों से लोजपा का कब्जा था. वैसे चुनाव नजदीक आते ही जातीय गोलबंदी भी तेज हो गयी है.

मतदाता किसे पसंद करते हैं

हालांकि इस बार के चुनाव में बाहरी-भीतरी का मुद्दा भी जोर-शोर से उछल रहा है. हालांकि अब देखना यह है कि सात तारीख को मतदान के दिन मतदाता किसे पसंद करते हैं और किसे नापसंद. पिछले चुनाव में लोजपा प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर ने 2,48,570 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. उन्होंने मुकेश सहनी को हराया था. मुकेश सहनी को 2,61,623 वोट मिले थे. इस बार का चुनाव भी काफी दिलचस्प होने वाला है.  

बदलता रहा है खगड़िया लोस का परिदृश्य
नदियों का मायका कहे जानेवाले खगड़िया का लोकसभा क्षेत्र बार-बार कटता-जुड़ता रहा है. लोग कहते भी हैं कि फरकिया का यह इलाका कभी जमीन के मामले में स्थिर नहीं रहा. वैसे ही लोस क्षेत्र के लिए भी बार-बार इसे विखंडित किया जाता रहा. इस इलाके को समझने के लिए राजनेताओं को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. अलग-अलग जिला, अलग-अलग मानसिकता व जरूरत वाले वोटरों के मन को टटोलना मुश्किल भरा काम रहा है. इस लोकसभा क्षेत्र में जाति-जमात तो चलता ही है, कम्युनिस्टों के कैडर वोट भी निर्णायक होते हैं. इसके साथ ही अल्पसंख्यक व दलित वर्ग जिस ओर झुकते हैं, उसका पलड़ा भारी रहता है. इस बार क्या होगा, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है.

नये परिसीमन में सिमरी बख्तियारपुर व हसनपुर विस क्षेत्र जुड़ा
खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में वर्ष 1952 से 1971 तक खगड़िया, बेगूसराय व भागलपुर के कुछ विधानसभा क्षेत्र शामिल थे. इनमें खगड़िया जिले के अलौली, खगड़िया, परबत्ता व चौथम विधानसभा क्षेत्र, बेगूसराय जिले के बखरी व बलिया विधानसभा क्षेत्र और भागलपुर जिले के बिहपुर व गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल थे. कुल सात विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर यह लोकसभा क्षेत्र बना था. वर्तमान में खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में खगड़िया जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों परबत्ता, बेलदौर, खगड़िया, अलौली के साथ सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र और समस्तीपुर जिले का हसनपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल है.

ये भी पढ़ें… Lok Sabha Election 2024: प्रियंका की एंट्री से काराकाट में बदल गया सियासी समीकरण

वाम दलों को अब तक नहीं मिली है जीत
खगड़िया से वामदल के उम्मीदवार पहले भी भाग्य आजमा चुके हैं, हालांकि उन्हें जीत कभी नहीं मिली. यहां सीपीआई (एम) का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1984 के लोकसभा चुनाव में रहा, जब इसके उम्मीदवार प्रसिद्ध ट्रेड यूनियन नेता योगेश्वर गोप एक लाख 16 हजार 529 मत लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे. उन्हें कांग्रेस के चंद्रशेखर प्रसाद वर्मा ने हराया था. उधर, पिछले दो चुनावों 2014 और 2019 में लोजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की.

स्व रामविलास का गृह क्षेत्र है खगड़िया
लोजपा के संस्थापक व पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व रामविलास पासवान का घर खगड़िया जिले के अलौली विधानसभा क्षेत्र में है. रामविलास के भाई पशुपति पारस अलौली विधानसभा सीट से कई बार विधायक भी रह चुके हैं. हालांकि बीच में चाचा-भतीजा के बीच मनमुटाव हुआ. पार्टी दो फाड़ हुई. अब पशुपति पारस ने एनडीए के समर्थन की घोषणा की है. ऐसे में खगड़िया लोकसभा सीट चिराग का गृह जिला होने के कारण प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है. चिराग लोजपा प्रत्याशी के नामांकन में तो आये ही, इसके बाद उनकी सभा भी हो चुकी है. 

कभी सोशलिस्ट पार्टी का गढ़ रहा  
खगड़िया लोकसभा क्षेत्र सोशलिस्ट पार्टी का गढ़ रहा है. वर्ष 1952 के प्रथम चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी से सुरेश चंद्र मिश्र, 1957 और 1962 में कांग्रेस से जियालाल मंडल, 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के विभाजन के बाद बनी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से कामेश्वर प्रसाद सिंह ऊर्फ राजा जी और 1971 में शिवशंकर प्रसाद यादव ने जीत दर्ज की. 1976 के परिसीमन के बाद से बने खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के बखरी, बलिया व अलौली विधानसभा सीट नवगठित बलिया लोकसभा क्षेत्र में चली गयी.

1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल के उम्मीदवार ज्ञानेश्वर प्रसाद यादव विजयी हुए. 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से सतीश प्रसाद सिंह जीते. वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चंदेश्वर प्रसाद वर्मा ने जीत हासिल की. वर्ष 1989 के चुनाव में जनता दल उम्मीदवार रामशरण यादव विजयी रहे. वर्ष 1991 के मध्यावधि चुनाव में जनता दल के रामशरण यादव विजयी हुए. वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में जनता दल उम्मीदवार अनिल कुमार यादव चुनाव जीते. फिर 1998 में हुए मध्यावधि चुनाव में समता पार्टी के शकुनी चौधरी जीते. 1999 के लोकसभा चुनाव में जदयू की उम्मीदवार रेणु कुमारी को जीत मिली.

एक नजर में : खगड़िया लोकसभा क्षेत्र

मतदान केंद्र1865
वोटर18,24,990
पुरुष वोटर  9,56,937
महिला वोटर8,68,053
थर्ड जेंडर50


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