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सोना को मिला टिकट, कुशो को जिलाध्यक्ष व मीनाक्षी को समन्वयक बनाया

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बीजेडी ने तीनों के बीच समन्वय स्थापित करने को घोषणा की

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-चंपुआ : बीजेडी ने तीनों के बीच समन्वय स्थापित करने को घोषणा की

जैंतगढ़.

चंपुआ विस क्षेत्र ओडिशा ही नहीं देश की चर्चित सीटों में से एक है. आखरी तक चुनावी टिकट की दौड़ में विधायक मीनाक्षी महतो, पूर्व विधायक सनातन महाकुड उर्फ सोना और बीजद के दिग्गज नेता कुश आप्टे मैदान में डटे थे. इस दौरान बीजेडी ने तीनों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए जहां पूर्व विधायक सनातन को टिकट दिया. वहीं, विधायक मीनाक्षी महतो को जाशीपुर का समन्वयक बनाया. सूत्रों के मुताबिक पार्टी उन्हें संगठन में और अधिक जिम्मेवारी देने के मूड में है. कुशो आप्टे को क्योंझर बीजद का जिलाध्यक्ष बनाया गया है. विदित हाे कि टिकट घोषणा होने से पूर्व तक तीनों रेस में बने हुए थे. तीनों के कार्यकर्ता टिकट की दावेदारी के साथ टिकट मिलने का दावा कर रहे थे.अब पार्टी द्वारा दी गयी नयी जिम्मेवारी से कुशो और मीनाक्षी कितने संतुष्ट हैं. उनका अगला कदम क्या होगा, इस पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजर टिकी हुई है.

2009 में जीतू, सनातन व कुशो के बीच हुई टक्कर:

मालूम हो कि जब से चंपुआ विस सीट अनारक्षित हुआ है. तब से सोना और कुशो हर प्रकार के चुनाव में एक धुरी बने हुए हैं. अनारक्षित होने के बाद वर्ष 2009 में जब पहला चुनाव हुआ, तो जीतू पटनायक, सनातन महाकुड और कुशो आप्टे के बीच कांटे की टक्कर हुई. वर्ष 2014 में सनातन निर्दलीय चुनाव जीतने में सफल हुए. वहीं, वर्ष 2019 में सनातन ने अपने स्थान पर अपने विश्वासी मीनाक्षी महतो को बीजद की टिकेट से चुनाव लड़वाकर विजय श्री दिलवाने में अहम भूमिका निभायी. इसके बाद मीनाक्षी और सोना के बीच खटपट हुई तो सोना पुराने रंग में आकर फिर चुनावी समर में कूद पड़े. राजनीतिक टीकाकारों की मानें तो मीनाक्षी दल से बगावत नहीं करेंगी. भले चुनाव में सोना के लिए कितना और कैसा काम करेंगी ये अभी भविष्य के गर्भ में है.

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