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नक्सल प्रभावित सारंडा के सुदूरवर्ती गांव नुईयागड़ा पहुंचा प्रशासनिक महकमा, ग्रामीणों की सुनी समस्याएं

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Jharkhand news, West Singhbhum news : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन नक्सल प्रभावित सारंडा के सुदूरवर्ती गांव नुईयागड़ा पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों का रहन-सहन, जीवन शैली और विकास योजनाओं को करीब से देखा. साथ ही ग्रामीणों के साथ बैठ कर उनकी समस्याओं को भी सुना. इस दौरान प्रशासनिक की ओर से 22 ग्रामीणों को वनाधिकार पट्टा दिये जाने का विरोध जताया गया. इन ग्रामीणों का आरोप था कि नुईयागड़ा की जगह दूसरे गांव के ग्रामीणों को पट्टा दिया गया है. इस पर पश्चिमी सिंहभूम डीसी ने नुईयागड़ा गांव के ग्रामीणों को जल्द ग्रामसभा आयोजित कर वनाधिकार पट्टा दिये जाने की बात कही.

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Jharkhand news, West Singhbhum news : किरीबुरु (पश्चिमी सिंहभूम) : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन नक्सल प्रभावित सारंडा के सुदूरवर्ती गांव नुईयागड़ा पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों का रहन-सहन, जीवन शैली और विकास योजनाओं को करीब से देखा. साथ ही ग्रामीणों के साथ बैठ कर उनकी समस्याओं को भी सुना. इस दौरान प्रशासनिक की ओर से 22 ग्रामीणों को वनाधिकार पट्टा दिये जाने का विरोध जताया गया. इन ग्रामीणों का आरोप था कि नुईयागड़ा की जगह दूसरे गांव के ग्रामीणों को पट्टा दिया गया है. इस पर पश्चिमी सिंहभूम डीसी ने नुईयागड़ा गांव के ग्रामीणों को जल्द ग्रामसभा आयोजित कर वनाधिकार पट्टा दिये जाने की बात कही.

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कोल्हान आयुक्त मनीष रंजन एंव कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन के नेतृत्व में डीसी अरवा राजकमल, एसपी इंद्रजीत महथा, डीएफओ रजनीश कुमार, प्रशिक्षु आईएफएस प्रजेश जेना, एसडीएम स्मृता कुमारी, एसडीपीओ डॉ हीरालाल रवि, अंचलाधिकारी सुनील चंद्रा, बीडीओ समरेश प्रसाद भंडारी, मनोहरपुर बीडीओ जितेंद्र कुमार समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का रूख नक्सल प्रभावित सारंडा के सुदूरवर्ती गांव नुइयागड़ा रहा. सभी प्रशासनिक अधिकारी लंबी पहाड़ी पर पैदल चल कर इस गांव तक पहुंचे.

गांव पहुंचने पर अधिकारियों ने ग्रामीणों से उनकी समस्या सुनी. ग्रामीण मुंडा जुरेन्द्र मारला एवं अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सड़क, स्कूल, पेयजल, स्वास्थ्य, रोजगार आदि किसी की भी कोई सुविधा नहीं है. गांव को आजतक सरकारी पहचान भी नहीं मिल पाया है. गांव के एक भी ग्रामीण को वनाधिकार का पट्टा नहीं मिला है. प्रशासन आज हमारे गांव के जिस 22 लोगों को पट्टा देने की बात कह रही है उस सूची में नामित एक भी ग्रामीण हमारे गांव के नहीं हैं.

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि इस गांव के नाम से बाहरी लोग राशन कार्ड बना कर सरकारी राशन का लाभ ले रहे हैं और यहां के ग्रामीणों को सही में इसका लाभ मिल भी नहीं रहा है. ग्रामीणों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है. अधिकारियों के गांव आने पर अब आस जगी है कि गांव में भी जल्द विकास दिखेगा.

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पुलिस- प्रशासन के उच्च अधिकारी के गांव में आने से पूर्व स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से ग्रामीणों का इलाज कर जरूरी दवाइयां दी गयीं. इस दौरान नुईयागड़ा, रांगरिंग एंव बोड़दाभट्टी के ग्रामीणों के बीच अलग-अलग राशन सामग्री का वितरण भी किया गया. कोल्हान आयुक्त के नेतृत्व में पुलिस- प्रशासन के अधिकारियों की खबर सुनकर उक्त तीनों गांवों के ग्रामीण रांगरिंग गांव में ही पहुंच गये, लेकिन उक्त टीम पहाड़ों-जंगल होते कई किलोमीटर पैदल नुईयागड़ा पहुंची. इससे नुईयागड़ा के कुछ ग्रामीणों को छोड़ अन्य गांव के ग्रामीण उक्त अधिकारियों से बातचीत नहीं कर पाये. पहाड़ चढ़ने के दौरान जगन्नाथपुर की एसडीएम स्मृता कुमारी की तबियत अचानक बिगड़ गयी, जिसके बाद सीआरपीएफ की टीम ने उन्हें ओआरएस का घोल पिलाकर मुख्य सड़क तक लाया.

गांव में जल्द बहाल होगी बुनियादी सुविधाएं : कोल्हान आयुक्त

इस दौरान कोल्हान आयुक्त मनीष रंजन ने कहा कि सुदूरवर्ती गांवों में सरकार की विकास योजनाएं कैसे पहुंचे, इसी के तहत जिले की पुलिस-प्रशासन एवं वन विभाग से जुड़ी पूरी टीम के सदस्यों ने नुईयागड़ा गांव का दौरा किया. उन्होंने कहा कि गांव में बुनियादी सुविधाएं जल्द बहाल हो, इसकी पूरी व्यवस्था की जायेगी. साथ ही सारंडा के 40 गांवों तक सरकार की विकास योजनाएं कैसे पहुंचे, इसके लिए फिल्ड ऑफिसर और सहयोगी कर्मचारियों को चुस्त-दुरुस्त किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि पूरी टीम ग्रामीणों की समस्याओं को सुनी एवं उसे क्लोज मॉनिटरिंग के तहत लागू करने का संकल्प लिया, ताकि लोगों को सरकार के प्रति भरोसा बढ़ सके. उन्होंने कहा कि इस विकास योजनाओं को जल्द धरातल पर उतारने के लिए अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर प्रत्येक सप्ताह इसकी मॉनिटरिंग की जायेगी तथा जिला स्तर पर प्रत्येक माह हमारा दौरा कर प्रगति रिपोर्ट का आकलन होगा. वनाधिकार से जुड़े मामले में गांव का डिमार्केशन किया जायेगा. उन्होंने कहा कि जिस गांव में 10 से अधिक परिवार रहते हैं, वहां कम्युनिटी स्तर पर सामुदायिक भवन की व्यवस्था की जायेगी, जिसका इस्तेमाल स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के लिए हो सकेगा.

गांवों में जल्द दिखेगा बदलाव : कोल्हाल डीआईजी

कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन ने कहा कि सारंडा के गांवों एवं क्षेत्र का विकास से जुड़ी वास्तविक सच्चाई जानने के लिए आयुक्त के नेतृत्व में सभी आये हैं. कोविड महामारी के इस दौर में सारंडा के गांवों में क्या स्थिति है, इसकी भी वास्तविक जानकारी मिल पायी. उन्होंने आशा जतायी कि क्षेत्र में विकास की काफी संभावनाएं है. साथ ही ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए भी काफी कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने आशा जतायी कि इस दौरे के बाद इस क्षेत्र में काफी बदलाव देखने को मिलेगा.

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ग्रामसभा का आयोजन कर ग्रामीणों को मिलेगा वनाधिकार का पट्टा : डीसी

डीसी अरवा राजकमल ने कहा कि सारंडा के नुईयागड़ा गांव राजस्व गांव नहीं होने के कारण विकास योजनाओं से अछूती रही है. इस गांव में 22 लोगों को पूर्व में वनाधिकार का पट्टा दिया गया है, लेकिन रांगरिंग, बोड़दाभट्टी आदि गांवों में वनाधिकार का पट्टा नहीं दिया गया. दिसंबर 2005 से पहले से रह रहे ग्रामीण जिन्हें पट्टा नहीं मिला है उसे विधिवत ग्रामसभा का आयोजन कर वनाधिकार का पट्टा देने का कार्य किया जायेगा. जिस गांव में एक या दो भी वनाधिकार का पट्टा होगा, वैसे गांव को कलस्टर के रूप में बना कर वहां सामुदायिक भवन, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, चिकित्सा शिविर आदि की व्यवस्था की जायेगी, ताकि उसके आसपास के अन्य गांव भी लाभान्वित हो सके. जिनका राशन कार्ड नहीं है उन्हें राशन कार्ड, विधवा, वृद्धा, विकलांग पेंशन आदि दिया जायेगा. सारंडा के अंदर की ऐसी सभी 30-40 वैध- अवैध वनग्रामों में निवास करने वाले ग्रामीणों को भी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करायी जायेगी. उन्होंने यह भी कहा कि सभी अतिक्रमित गांव या टोलों में कानूनन हम कार्य नहीं कर सकते हैं, लेकिन जहां पूर्व में एक भी वनाधिकार का पट्टा दिया गया हो या क्लैम बनता है वहां लक्ष्य के साथ सामुदायिक संसाधन उपलब्ध करायेंगे.

ग्रामीणों को झारखंड पुलिस का हमेशा मिलेगा साथ : एसपी

एसपी इंद्रजीत महथा ने कहा कि सारंडा के गांवों में विकास एवं कल्याण संबंधित योजनाओं को पहुंचाने के लिए कोल्हान आयुक्त के नेतृत्व में प्लानिंग तैयार की गयी जिसमें हम भी शामिल थे. इन योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने के लिए जो भी सुरक्षा मदद की जरूरत होगी हमारी पुलिस टीम पहुंचायेगी.

सारंडा क्षेत्र में यूको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा : सारंडा डीएफओ

सारंडा डीएफओ रजनीश कुमार ने कहा कि सारंडा के दुर्गम गांवों तक सड़क कैसे, इस बाबत सर्वे कराकर उक्त अधिकारियों साथ विचार- विमर्श कर कनेक्टिवीटी बढ़ायी जायेगी, ताकि विकास योजनाएं गांवों तक आसानी से पहुंच सके. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने के लिए औषधीये पौधे, जैकफ्रुट आदि का कार्य किया जा रहा है. यूको टूरिज्म का बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जा रहा है.

Posted By : Samir Ranjan.

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