16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

कौन हैं भाजपा के अर्जुन मुंडा को हराने वाले कालीचरण मुंडा, राजनीति में ऐसे हुई थी उनकी इंट्री

Advertisement

कालीचरण मुंडा का जन्म खूंटी के मुरहू पंचायत में स्थित माहिल गांव में 10 नवंबर 1961 को हुआ. कालीचरण को राजनीति विरासत में मिली थी. क्योंकि उनके पिता टी मुचिराय मुंडा कांग्रेस के बड़े कद्दावर नेता थे.

Audio Book

ऑडियो सुनें

खरसावां : लोकसभा चुनाव में झारखंड की सभी आदिवासी रिजर्व सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. इसमें राज्य की सबसे हाईप्रोफाइल सीट खूंटी भी एक है. जहां से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कालीचरण मुंडा से हार का सामना करना पड़ा है. ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठना लाजमी है कि कालीचरण मुंडा कौन हैं. और उन्होंने कैसे अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की.

- Advertisement -

कालीचरण मुंडा का जन्म खूंटी के मुरहू पंचायत में स्थित माहिल गांव में 10 नवंबर 1961 को हुआ. कालीचरण को राजनीति विरासत में मिली थी. क्योंकि उनके पिता टी मुचिराय मुंडा कांग्रेस के बड़े कद्दावर नेता थे. इससे पहले भी कांग्रेस उन्हें दो बार मौका दे चुकी थी. लेकिन साल 2014 में उन्हें भाजपा के कड़िया मुंडा और 2019 में अर्जुन मुंडा से उन्हें मामूल अंतर से हार के सामना करना पड़ा. इसके बावजूद पार्टी ने उन पर फिर भरोसा जताया. कालीचरण मुंडा ने भी पार्टी को निराश नहीं किया और केंद्रीय मंत्री सह अर्जुन मुंडा को भारी मतों से हराया. कालीचरण की पहचान क्षेत्र में जमीन से जुड़े नेता के रूप में होती है.

जनहित के कार्यों में पिता की सक्रियता को देख राजनीति में आये थे कालीचरण

कालीचरण मुंडा के पिता टी मुचिराय मुंडा कांग्रेस के बडे नेता थे. वे वर्ष 1967 से 1992 के बीच अविभाजीत बिहार में छह बार के विधायक और कई विभागों के मंत्री भी रहे. अपने पिता को ही देखकर कालीचरण मुंडा का राजनीति की ओर झुकाव हो गया. थोड़ी सी राजनीति की समझ विकसित हुआ तो वे कांग्रेस से जुड़ सक्रिय राजनीति प्रवेश कर गये. उनकी क्षमता को देखकर वे पार्टी ने उन्हें अविभाजित बिहार में रांची के ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष बनाया. बाद में उन्हें झारखंड प्रदेश कांग्रेस का महामंत्री बनाया गया. वर्तमान में वह पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं.

Also Read: Khunti Lok Sabha Election: खूंटी में है कांटे की टक्कर, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा मारेंगे बाजी या कालीचरण के सिर सजेगा ताज?

1992 व 1995 में तमाड़ से रह चुके हैं विधायक

काली चरण मुंडा अविभाजीत बिहार विधान सभा के लिए वर्ष 1992 व 1995 में तमाड़ विस क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. 1992 में काली चरण मुंडा के पिता तथा तमाड़ के तत्वालिन विधायक टी मुचिराय मुंडा के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उन्होंने तमाड़ विधानसभा़ से चुनाव लड़ा तथा जीत दर्ज की. इसके बाद 1995 में भी तमाड़ से दोबारा विधायक चुने गये. हालांकि इसके बाद वर्ष 2000 और 2005 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

2019 में महज 1445 वोट से हार गये थे कालीचरण मुंडा

काली चरण मुंडा वर्ष 2014 व 2019 के आम चुनाव में खूंटी से कांग्रेस के टिकट पर मैदान में थे, परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली. वर्ष 2019 के आम चुनाव में बीजेपी के अर्जुन मुंडा से महज 1445 वोट से चुनाव हार गये थे. जबकि 2014 के लोस चुनाव में काली चरण मुंडा तीसरे स्थान पर थे, जबकि झापा के एनोस एक्का को दूसरा स्थान मिला था. उस चुनाव में भाजपा के कड़िया मुंडा ने जीत दर्ज की थी.

पांच भाईयों में सबसे बड़े हैं कालीचरण मुंडा

कालीचरण मुंडा चार भाई बहनों में सबसे बड़े हैं. उनके छोटे भाई नीलकंठ सिंह मुंडा वर्तमान में भाजपा से खूंटी विधायक हैं. कालीचरण मुंडा के खुद के परिवार में पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां हैं.

जीत के बाद बोले कालीचरण मुंडा- सभी लोगों को साथ लेकर चलेंगे

जीत के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कालीचरण मुंडा ने कहा कि यह जीत उनकी नहीं खूंटी संसदीय क्षेत्र के लोगों की जीत है. वे खूंटी संसदीय क्षेत्र की जनता को जीत के लिए बधाई देते हैं. यहां निवास करने वाले सभी जाति धर्म और संप्रदाय के लोगों को साथ लेकर चलेंगे. उनकी समस्याओं के समाधान के लिए काम करेंगे. प्राथमिकता के आधार पर जो भी समस्याएं होंगी उसके समाधान का प्रयास किया जाएगा. एक सवाल के जवाब में कालीचरण मुंडा ने कहा कि ओबीसी झारखंड के 7 जिलों में शून्य है. इस पर वे राज्य सरकार से बात करेंगे. जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए वे और काम करेंगे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें