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रोहिणी नक्षत्र खत्म होने के बाद भी नहीं हुआ धान बीज का आवंटन, किसान परेशान, क्या है पूरा मामला पढ़ें

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रोहणी नक्षत्र को खत्म हुए दो सप्ताह होने को है, लेकिन अभी तक सरकारी स्तर से किसानों को बीज आवंटित नहीं हुई है. ऐसे में जिले के किसानों को धान की खेती करने में परेशानी हो रही है. किसानों को बाजार से अधिक दाम पर धान का बीज खरीदना पड़ रहा है.

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सरायकेला- खरसावां : रोहणी नक्षत्र को खत्म हुए दो सप्ताह होने को है, लेकिन अभी तक सरकारी स्तर से किसानों को बीज आवंटित नहीं हुई है. ऐसे में जिले के किसानों को धान की खेती करने में परेशानी हो रही है. किसानों को बाजार से अधिक दाम पर धान का बीज खरीदना पड़ रहा है. पढ़ें, शचीन्द्र कुमार दाश की रिपोर्ट.

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आमतौर पर सरायकेला- खरसावां जिले के किसान अपने-अपने खेतों में रोहिणी नक्षत्र से धान के बिचड़े डालने का काम शुरू कर देते हैं. बिचड़े डालने का काम आर्द्रा नक्षत्र तक किसान करते हैं. इसके बाद बिचड़े तैयार हो जाने पर बिचड़े की रोपाई करते हैं. खरीफ फसल के लिए जिले के किसान तैयार हैं, लेकिन इस वर्ष सरकारी स्तर से बीज का आवंटन नहीं हुआ है.

जिले में काफी संख्या में किसान छिंटा विधि से धान की खेती करते हैं. छिंटा विधि से खेती करने वाले अधिकांश किसान अक्षय तृतीया के बाद से ही धान की बुवाई शुरू करते हैं, जो रोहणी नक्षत्र में इस बुवाई की रफ्तार में तेजी आती है. इससे मॉनसून आते- आते खेतों में छींटे गये धान के बीज में पौधे आ जाते हैं.

पूर्व में रोहणी नक्षत्र के साथ ही किसानों को सब्सिडी दर पर धान बीज प्राप्त होती थी. इसके अलावा मूंग, अरहर, सोयाबीन, मकई सहित अन्य खरीफ फसल के बीज भी सब्सिडी दर पर प्राप्त होते थे. इस वर्ष बाकी फसलों के बीज तो दूर की बात है, धान का बीज भी सरकारी स्तर से आवंटित नहीं हुआ है.

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बाजार से अधिक मूल्य पर धान के बीज खरीद रहें हैं किसान

सरकारी स्तर पर अब तक बीज उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण किसानों को बाजार में अधिक मूल्य पर धान का बीज खरीदना पड़ रहा है. फिलहाल बाजार में सभी किस्मों के धान के बीज उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिले में बड़ी संख्या में ऐसे भी किसान हैं जो सरकारी बीज का इंतजार नहीं करते हुए बाजार से धान का बीज खरीद कर खेती शुरू कर दिये हैं. ऐसे किसान खेतों की जुताई के साथ- साथ धान की बुवाई में भी जुट गये हैं.

1.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसल

सरायकेला- खरसावां जिले में खरीफ फसल वर्ष 2020-21 के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दी गयी है. इस वर्ष 1.14 लाख हेक्टेयर भूमि में खरीफ फसल के तहत धान की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है. खरीफ फसल की खेती करने के लिए जिला कृषि विभाग ने प्रखंडवार लक्ष्य निर्धारित कर दिया है. जिले में एक लाख हेक्टेयर भूमि में धान की खेती करने के लिए 12 हजार हेक्टेयर भूमि में किसान धान के बिचड़े डालेंगे.

इस वर्ष सरायकेला प्रखंड में 113 हेक्टेयर, खरसावां में 119 हेक्टेयर, कुचाई में 119 हेक्टेयर, राजनगर में 119 हेक्टेयर, गम्हरिया में 120 हेक्टेयर, चांडिल में 114 हेक्टेयर, नीमडीह में 120 हेक्टेयर, ईचागढ़ में 114 हेक्टेयर और कुकड़ू प्रखंड में 52 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित है.

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1390 हेक्टेयर में होगी तेलहन की खेती

सरायकेला- खरसावां जिला में 1390 हेक्टेयर जमीन पर विभिन्न प्रकार के तेलहन फसल लगाने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें सरायकेला में 154 हेक्टेयर, खरसावां में 134 हेक्टेयर, कुचाई में 120 हेक्टेयर, राजनगर में 175 हेक्टेयर, चांडिल में 185 हेक्टेयर, नीमडीह में 175 हेक्टेयर, ईचागढ़ में 185 हेक्टेयर और कुकड़ू प्रखंड में 87 हेक्टेयर जमीन में तेलहन की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

किसानों का दर्द

किसान शैलेश सिंह कहते हैं कि सरकारी स्तर पर धान की बीज नहीं मिलने से कृषि कार्य प्रभावित हो रही है. छिंटा विधि से धान की बुवाई करने का समय निकलते जा रहा है. बाजार में भी सभी किस्म के धान के बीज नहीं मिल पा रहे हैं.

किसान कंदर्प राज सिंहदेव कहते हैं कि क्षेत्र में खेती का मूल आधार धान का फसल है. लेकिन, बीज की कमी के कारण खेती नहीं कर पा रहे हैं. सरकारी कार्यालयों से भी बीज की उपलब्धता पर कोई सटीक जवाब नहीं मिल पा रही है. किसानों को परेशानी हो रही है. प्रशासन जल्द से जल्द धान का बीज उपलब्ध कराएं.

किसान सुधांशु चौहान कहते हैं कि धान का बीज समय पर नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में आगे खेती कैसे होगी. पूर्व में सरकार द्वारा शुरू किये गये सीएम कृषि आशीर्वाद योजना को भी बंद कर दिया गया है. सरकार किसानों को राहत पहुंचाने के लिए समय पर बीज, खाद उपलब्ध कराने का कार्य करें.

किसान जामुदा का कहना है कि पहले से ही लॉकडाउन के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गयी है. ऐसे में बाजार से अधिक दाम में धान का बीज खरीदने में किसान असमर्थ हैं. पैसों के अभाव में आगे की खेती करने में परेशानी हो रही है. धान के बीज के लिए सरकारी कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है. सरकार जल्द से जल्द धान का बीज उपलब्ध कराएं.

जिले में 3,700 क्विंटल धान बीज की मांग, जल्द होगी पूरी : जिला कृषि पदाधिकारी

जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुजूर कहते हैं कि मई माह के प्रथम सप्ताह में ही धान के बीज का आवंटन के लिए विभागीय स्तर पर पत्राचार किया गया है. सरायकेला- खरसावां जिले में करीब 3,700 क्विंटल धान बीज की मांग सरकार से की गयी है. तकनीकी कारणों से अभी तक धान का बीज नहीं पहुंचा है. इसी सप्ताह में ही जिला को धान का बीज उपलब्ध हो जायेगा, जिसे किसानों के बीच उपलब्ध कराया जायेगा. किसानों को बीज उपलब्ध कराने के मुद्दे पर प्रशासन सचेत है.

Posted By : Samir ranjan.

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