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एनजीटी की रोक के बाद भी जिले में नहीं रुक रहा बालू उठाव

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जिला प्रशासन के निर्देश पर छापामारी में कई बालू वाहन हो चुके हैं जब्त

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साहिबगंज. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रोक के बाद भी जिले में बालू का उठाव रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एनजीटी ने 10 जून से लेकर 15 अक्तूबर तक उठाव पर रोक लगायी है. बावजूद नियमों को ताक रखकर काला कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है. इसका सीधा असर सरकारी राजस्व पर पड़ रहा है. रात के अंधेरे होते ही 10:00 बजे से बालू लोड हाइवा, ट्रैक्टर व ट्रक बरहेट से बोरियो और बोरियो से साहिबगंज तक सरपट दौड़ते नजर आते हैं. काला कारोबार बहुत ही सिस्टमैटिक ढंग से कई लोगों के सहयोग से फल-फूल रहा है. इसमें मुख्य भूमिका बिचौलिये निभाते हैं. दरअसल, बरहेट घाट से बालू उठाया जाता है. इसके बाद मुख्य सड़क पर पहुंचते ही उससे पहले बिचौलिये पैसे लेने के लिए तैयार रहते हैं. सूत्रों की माने तो हाइवा से 6000, ट्रैक्टर से 1200 रुपये रेट फिक्स किया गया है. बिचौलिये उठाकर लिस्ट के हिसाब से पैसे संबंधित लोग को पहुंचा देते हैं. विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि तीन मुहानी मोड तक प्रत्येक ट्रैक्टर से 1000 रुपये और हाइवा से 6000 रुपये की वसूली इस मोड़ में की जाती है. इसके बाद यहां से लगभग तीन लोग जो ट्रैक्टर और हाइवा को पास करने का जिम्मा लेते हैं, जिनका प्रत्येक रात का भी दिहाड़ी तय किया जाता है. इनका इन तीनों दलालों का काम होता है कि अगर कोई अधिकारी कहीं पर दिखाई दें, तो फौरन ट्रैक्टर को सूचना दी जाती है. मोटरसाइकिल में सवार होकर टॉर्च का इशारा करते हुए यह लोग बांझी के रास्ते का जिलेबिया घाटी उतरवाने का ठेका लेते हैं. इसके बाद आगे का काम कोई और बिचौलिया संभालता है. बताया जाता है कि तकरीबन 50 ट्रैक्टर और करीब 10 हाइवा प्रत्येक रात अवैध कारोबार में शामिल होकर अवैध रूप से बालू उठाव का काम करते हैं, जिसमें शायद प्रशासन को इस बात की भनक तक नहीं लग पाती है. मुख्य सड़क के किनारे होता है बालू स्टॉक साहिबगंज पहुंचते ही बालू स्टॉक किया जाता है. रात के अंधेरे में ही बालू माफिया इसको अपने-अपने अड्डा पर गिराना शुरू कर देते हैं, जो पहले सुबह साफ देखा जा सकता है कि काटरगंज मोड़ के दोनों तरफ का इलाका, लोहंडा जानेवाली मुख्य सड़क पर, मदनशाही जानेवाली मुख्य सड़क के किनारे कई जगह पर, इसके अलावा ब्लॉक के निकट ईदगाह के बगल में खाली जगहों पर प्रत्येक रात तकरीबन एक सौ ट्रैक्टर बालू स्टॉक किया जाता है. इसके बाद ट्रैक्टर के सहारे शहर भर में कीमत को बढ़ाकर भेजा जाता है. सूत्रों के माने तो फिलहाल 8000 से 9000 प्रति ट्रैक्टर की दर से बालू बेचने का काम बालू माफिया कर रहे हैं. जिसकी रोज की अनाप-शनाप काली कमाई हो रही है. क्या कहते है डीटीओ अवैध बालू उठाव के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है. अगर अवैध रूप से ट्रैक्टर चलने की बात सामने आती है, तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी. विष्णुदेव कच्छप, डीटीओ

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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