20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड की बोरियो सीट झामुमो का गढ़, बीजेपी सिर्फ दो बार खिला सकी कमल, जानें पूरी हिस्ट्री

Advertisement

Borio Vidhan Sabha : लोबिन हेंब्रम के बीजेपी में शामिल होने से बोरियो विधानसभा सीट का मुकाबला दिलचस्प हो गया है. झामुमो ने धनंजय सोरेन को यहां से उम्मीदवार बनाया है, लेकिन यह देखना होगा कि झामुमो के किले को लोबिन हेंब्रम भेद सकते हैं या नहीं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Borio Vidhan Sabha, सुनील ठाकुर(साहिबगंज) : बोरियाे विधानसभा क्षेत्र 1957 में अस्तित्व में आया. इससे पूर्व यह क्षेत्र राजमहल दामिन क्षेत्र के नाम से जाना जाता था. विधानसभा क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आने के बाद इस क्षेत्र का पहला प्रतिनिधित्व झारखंड पार्टी के जेठा किस्कू ने किया. लेकिन 1962 के चुनाव में जनता पार्टी के सिंह राय मुर्मू ने जेठा किस्कू को पराजित कर इस विधानसभा सीट को अपने नाम कर लिया.

- Advertisement -

1967 में निर्दलीय जीत कर विधानसभा पहुंचे जेठा किस्कू

1967 में जेठा किस्कू निर्दलीय चुनाव लड़े और फिर विजयी हुए. 1969 में हुए चुनाव में प्रजातांत्रिक झारखंड पार्टी के सेत हेंब्रम ने सफलता पायी. उन्होंने 1977 तक बोरियो विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के बेंजामिन मुर्मू ने सेत हेंब्रम को पराजित कर बोरिया विधानसभा सीट पर अपना कब्जा जमाया.

1980 के चुनाव में जॉन हेंब्रम ने पहली बार कांग्रेस को दिलाई जीत

1977 के बाद 1980 में हुए चुनाव में कांग्रेस के जॉन हेंब्रम ने बेंजामिन मुर्मू को पराजित कर पहली बार कांग्रेस पार्टी को बोरियो विधानसभा से जीत दिलायी. जॉन अब्राहम लगातार दो बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. 1980 और 1985 में जॉन हेंब्रम के रूप में कांग्रेस ने बोरियो में परचम लहराया. इस बीच तत्कालीन बिहार के समय जॉन हेंब्रम को बिहार कैबिनेट में भी जगह दी गयी. लेकिन 1990 आते-आते स्थिति पूरी तरह बदल गयी.

झारखंड विधानसभा चुनाव की ताजा खबरें यहां पढ़ें

1990 में झामुमो के लोबिन हेंब्रम ने खोला खाता

1990 में पहली बार झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बोरियो विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज कर एक नया इतिहास रचा. झामुमो की टिकट पर लोबिन हेंब्रम ने बोरिया विधानसभा से कांग्रेस के जॉन हेंब्रम को पराजित कर यह सीट अपने नाम कर लिया.

झामुमो ने 1995 में लोबिन का टिकट काटा फिर निर्दलीय जीता चुनाव

1995 में हुए चुनाव में झामुमो ने पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगाते हुए लोबिन हेंब्रम का टिकट काट दिया. लेकिन लोबिन निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते और पुनः झामुमो में शामिल हो गये. एक बार फिर 2000 में हुए चुनाव में झामुमो को लोबिन हेंब्रम के रूप में सफलता हाथ लगी.

ताला ने खोला बोरियो में भाजपा का खाता

2005 में हुए चुनाव में पहली बार भाजपा ने ताला मरांडी पर दाव खेला और जीत भी हासिल की. ताला मरांडी ने झामुमो के लोबिन हेंब्रम को 6319 मतों से पराजित कर इस सीट पर पहली बार भाजपा का खाता खोला. तब से भाजपा और झामुमो का ही दबदबा बोरियो विधानसभा क्षेत्र पर रहा है.

2009 में हुई झामुमो की वापसी, 2014 में बीजेपी ने फिर से छीनी सीट

2009 में हुए चुनाव में एक बार फिर झामुमो ने ही बाजी मारी, जबकि 2014 में जनता ने फिर से भाजपा को मौका दिया. 2019 में फिर झामुमो जीती. 2019 के चुनाव के बाद लोबिन हेंब्रम अपने ही सरकार के खिलाफ लगातार मुखर रहे. जल-जंगल-जमीन को लेकर अपने ही सरकार को लगातार घेरते रहे.

Borio Vidhan Sabha
झारखंड की बोरियो सीट झामुमो का गढ़, बीजेपी सिर्फ दो बार खिला सकी कमल, जानें पूरी हिस्ट्री 2

झामुमो ने लोबिन को पार्टी से किया निष्कासित, 2024 में बीजेपी की टिकट पर आजमा रहे भाग्य

2024 आते-आते लोबिन हेंब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. लोबिन ने लोकसभा चुनाव निर्दलीय लड़ने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया. इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लोबिन हेंब्रम पर अपना दांव खेला है.

अपनों से ही टकरायेंगे लोबिन, सूर्या हांसदा लायेंगे चुनाव में ट्विस्ट

2024 के विधानसभा चुनाव में बोरियो का चुनाव बहुत ही दिलचस्प होने वाला है. बोरियो ही नहीं पूरे साहिबगंज और रांची तक इस सीट को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. चर्चा इसलिए कि झामुमो से कई बार के विधायक लोबिन हेंब्रम इस बार अपनी पुरानी पार्टी के खिलाफ भाजपा का झंडा थामे चुनाव मैदान में हैं. बोरियो के हर चौक चौराहे पर यही चर्चा है कि लोबिन चाहे किसी भी पार्टी में रहें, जीत उनकी व्यक्तिगत छवि की होती है. यही कारण है कि एक बार जब झामुमो ने लोबिन को टिकट नहीं दिया था, तो वे निर्दलीय लड़ गये थे और जीते भी थे. बोरियो इलाके में लोगों का स्नेह लोबिन को मिलता रहा है. इस बीच यह भी चर्चा हो रही है कि झामुमो के कैंडिटेट धनंजय सोरेन और लोबिन के बीच चुनाव में ट्विस्ट लाने के लिए भाजपा के बागी उम्मीदवार सूर्या हांसदा मैदान में हैं. लेकिन लोगों के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि लोबिन हेंब्रम ने जिस मुद्दे को लेकर झामुमो से नाता तोड़ा है, वह मुद्दा वहां की जनता के जेहन में बसा हुआ है और चुनाव में वोटरों का साथ उन्हें फिर मिलेगा.

Also Read: झारखंड की इस विधानसभा सीट पर आज तक बीजेपी नहीं खोल पाई खाता, 1990 से लगातार JMM ने लहराई विजय पताका

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें