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Tusu Festival: रांची के DSPMU में ढोल-नगाड़े की थाप पर मना टुसू महोत्सव, कुलपति ने बताया पर्व का महत्व

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Tusu Festival in Jharkhand: झारखंड के प्रमुख पर्व में से एक टुसू पर्व है, जो झारखंडी सभ्यता के अनुसार साल का अंतिम पर्व है. इसी दिन से सूर्य कर्क रेखा की ओर लौटते क्रम में मकर रेखा पर होता है, जिसे झारखंडी संस्कृति में कृषि नव वर्ष अखाइन जतरा के रूप में मनाया जाता है.

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Tusu Festival in Jharkhand: डीएसपीएमयू में बुधवार को टुसू महोत्सव (Tusu Festival) का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में विवि के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य, सभी विभागाध्यक्ष, अधिकारी सहित सभी शिक्षकों व विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया. मौके पर परंपरा के अनुसार कुंवारी छात्राओं द्वारा टुसू की विधिवत स्थापना कर पूजा-अर्चना की गयी. इसके बाद टुसू माता का विसर्जन किया किया गया. इस मौके पर कुलपति समेत सभी ढोल, नगाड़े की थाप पर टुसू गीत गाते और नाचते नजर आये. अध्यक्षता कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने की, जबकि आगंतुकों का स्वागत खोरठा विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार व धन्यवाद ज्ञापन कुरमाली विभागाध्यक्ष डॉ परमेश्वरी प्रसाद महतो किया. मंच संचालन रूपेश कुमार और अशोक पुराण ने किया.

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झारखंड के प्रमुख पर्व में से है टुसू

कुलपति डॉ. शांडिल्य ने कहा कि झारखंड के प्रमुख पर्व में से एक टुसू पर्व (Tusu Festival) है, जो झारखंडी सभ्यता के अनुसार साल का अंतिम पर्व है. इसी दिन से सूर्य कर्क रेखा की ओर लौटते क्रम में मकर रेखा पर होता है, जिसे झारखंडी संस्कृति में कृषि नव वर्ष अखाइन जतरा के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन धान बुनकर तथा हल चलाकर सांकेतिक कृषि कार्य का प्रारंभ किया जाता है. यह टुसू पर्व झारखंड के कुड़मी और आदिवासियों का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है

कार्यक्रम में कई लोगों का रहा योगदान

कार्यक्रम में डॉ एसएम अब्बास, डॉ नमिता सिंह, प्रो रामदास उरांव, डॉ जिंदर सिंह मुंडा, डॉ इंद्रनाथ साहू, डॉ पंकज कुमार शर्मा, डॉ विनय भरत, देवेंद्र नाथ महतो आदि को पारंपरिक वस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से हेमंत अहीर, बबलू महतो, कमलेश, धनेश्वर, लक्ष्मण, रीना कुमारी, ज्योतिष, कैलाश, राज किशोर, अभय, रूपेश, अमृत, करम महतो, अमनजीत आदि का सराहनीय योगदान रहा.

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