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कोरोना सेस व वन क्षेत्र से खनिजों की ढुलाई से राज्य को होगी 1,000 करोड़ की अतिरिक्त आय

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खनिजों के परिवहन और खनिजों के उत्खनन पर लगाये गये कोरोना सेस के कारण राज्य के सरकारी कोष में हर वर्ष 1,000 करोड़ रुपये आयेंगे. यह

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रांची : वन क्षेत्र से खनिजों के परिवहन और खनिजों के उत्खनन पर लगाये गये कोरोना सेस के कारण राज्य के सरकारी कोष में हर वर्ष 1,000 करोड़ रुपये आयेंगे. यह आमदनी खनिजों के एवज में अब तक राज्य को कर के रूप में मिलनेवाली राशि के अतिरिक्त होगी.

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एक अक्तूबर से झारखंड वनोपज (अभिवहन का विनियमन) नियमावली-2020 में संशोधन को लागू कर दिया गया है. खान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कोरोना सेस से विभाग को प्रति माह 41 करोड़ रुपये से अधिक (सालाना करीब 500 करोड़ रुपये) और वन क्षेत्र से कोयला समेत अन्य खनिजों के परिवहन के एवज में भी लगभग 500 करोड़ रुपये की आमदनी होगी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बनाया आधार :

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाकर खनन एजेंसियों पर परिवहन शुल्क लगाने का प्रावधान लागू किया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक कोयला वन का ही बाई प्रोडक्ट है.

राज्य सरकार पहली बार वन विभाग के संसाधनों का उपयोग करनेवाली कोयला खनन कंपनियों समेत अन्य खनन एजेंसियों से परिवहन शुल्क वसूल रही है. मालूम हो कि खनन का काम सबसे अधिक वन क्षेत्र में ही होता है. कोयला कंपनियों से गैर वन भूमि में भी खनन करने पर शुल्क लेने का प्रावधान किया गया है. झारखंड में सीसीएल, बीसीसीएल और इसीएल के साथ-साथ कुछ निजी कंपनियां भी खनन का काम करती हैं.

कोविड-19 सेस के नाम से नया टैक्स वसूल रही सरकार

राज्य सरकार इस वर्ष कोविड-19 सेस नाम से नये टैक्स की वसूली कर रही है. इसके दायरे में राज्य में कोयला सहित अन्य खनिजों का खनन करनेवाली कंपनियां आती हैं. राज्य से प्रति मीट्रिक टन कोयला के डिस्पैच पर 10 रुपये, लौह अयस्क पर 5 रुपये, बॉक्साइट पर 20 रुपये, लाइमस्टोन पर 10 रुपये और मैगनीज के डिस्पैच पर पांच रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से सेस देय है.

इसके अलावा एक अक्तूबर से वन उपज अधिनियम में किया गया संशोधन भी लागू है. इसके मुताबिक वन क्षेत्र से निकाले जानेवाले खनिजों जैसे डोलोमाइट, फेल्सपार, कॉपर सहित अन्य सभी खनिजों पर 57 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से सेस लगाया गया है. इसके अलावा मोरम मिट्टी और पत्थर आदि पर 35 रुपये प्रति घन मीटर की दर से सेस वसूला जायेगा.

posted by : sameer oraon

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