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झारखंड में बदली व्यवस्था: अब मौखिक आदेश पर किसी को भी अंगरक्षक नहीं दे सकेंगे एसपी, जानें क्या है वजह

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झारखंड के किसी भी जिले के एसपी अब मौखिक आदेश पर अंगरक्षक नहीं दे पायेंगे, न ही किसी दूसरे अफसर के आदेश पर ऐसा कर पाएंगे. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने निर्देश जारी कर दिया है

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रांची : राज्य के 24 जिलों में अब कहीं भी एसपी किसी को मौखिक आदेश पर अंगरक्षक नहीं दे पायेंगे. इसके अलावा किसी दूसरे अधिकारी के निर्देश पर भी मौखिक रूप से किसी को अंगरक्षक नहीं दे सकेंगे. इससे संबंधित निर्देश पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी के लिए जारी कर दिया है. जिसमें उल्लेख है कि मौखिक आदेश पर किसी भी व्यक्ति को अंगरक्षक नहीं दिया जायेगा.

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जिन लोगों को अंगरक्षक दिया जायेगा, उन्हें राज्य या जिलास्तरीय सुरक्षा समिति द्वारा विधिवत रूप से आदेश पारित कराना आवश्यक होगा. झारखंड सशस्त्र पुलिस या आइआरबी आदि से किसी भी व्यक्ति को बिना पुलिस मुख्यालय या विशेष शाखा से निर्गत आदेश के बिना अंगरक्षक नहीं दिया जायेगा.

ज्ञात हो कि राज्य के कई जिलों में पूर्व में ऐसा किया जाता रहा है. किसी व्यक्ति की सुरक्षा के खतरे को देखते हुए जिले के एसपी के स्तर से या किसी के मौखिक आदेश पर अंगरक्षक दिया जाता था. इसके बाद कोई भी व्यक्ति अंगरक्षक लेकर महीनों घूमता रहता था, क्योंकि एक बार अंगरक्षक उपलब्ध कराने के बाद संबंधित व्यक्ति पर सुरक्षा के खतरे की समीक्षा नहीं की जाती. लेकिन अब ऐसा कर पाना किसी पुलिस अधिकारी के लिए संभव नहीं हो सकेगा.

इसके लिए भी जिला, राज्य या राज्यस्तरीय सुरक्षा समिति से अंगरक्षक के लिए सहमति लेना आवश्यक होगा. इसके साथ ही विशेष परिस्थिति में पुलिस मुख्यालय या स्पेशल ब्रांच की अनुशंसा आवश्यक होगी, क्योंकि स्पेशल ब्रांच द्वारा किसी व्यक्ति पर खतरे की समीक्षा समय-समय पर की जाती है.

Posted By : Sameer Oraon

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